जयपुर. लॉकडाउन के दौरान हवाई यात्राओं को रद्द कर देश के सभी हवाई अड्डों को बंद कर दिया गया था. जिसके बाद 25 मई से डोमेस्टिक फ्लाइट्स का संचालन दोबारा शुरू किया गया. ऐसे में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने देश के सभी हवाई अड्डों के लिए विशेष एडवाइजरी जारी की है. इसके तहत हवाई अड्डों पर बढ़ रही बर्ड हिट की घटनाओं को रोकने के लिए एयरपोर्ट के डायरेक्टरों को दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं.
बता दें कि, जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भी 25 मई से डोमेस्टिक फ्लाइट का संचालन शुरू हो गया है. जयपुर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर इन दिनों जब फ्लाइट का संचालन बढ़ रहा है. लेकिन लॉकडाउन के दौरान 2 महीने तक हवाई अड्डों पर फ्लाइट का संचालन नहीं हुआ था. इस दौरान एयरपोर्ट पर रन-वे के आसपास के क्षेत्र में पक्षियों तथा अन्य जंगली जानवरों के आने की आशंका भी बढ़ गई है. ऐसे में सभी हवाई अड्डों को विशेष निगरानी रखने के लिए दिशा-निर्देश भी दिए गए हैं.
बता दें कि, जयपुर एयरपोर्ट पर उड्डयन महानिदेशालय के दिशा निर्देशों के अनुसार हवाई अड्डा प्रशासन ने जानवरों को भगाने वाले कर्मचारियों को सतर्क कर दिया है. साथ ही वन्यजीवों को एयरपोर्ट रनवे से दूर हटाने के लिए कवायद शुरू कर दी गई है. जयपुर एयरपोर्ट पर रोजाना 16 कर्मचारी पक्षियों को भगाने का कार्य कर रहे हैं. जिनमें से एक समय पर 8 कर्मचारी मौजूद रहते हैं. यह कर्मचारी एक ठेका कंपनी के लगे हुए हैं, जो रन-वे के दौरान रहकर पटाखे फोड़ना और साउंड गन से पक्षियों को दूर भगाने का काम करते हैं.
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इसके साथ ही एयरपोर्ट प्रशासन ने इस संबंध में वन विभाग से भी समन्वय किया है. जयपुर एयरपोर्ट के सभी जो एग्जिट गेट है और जहां से जानवर आने की संभावना है. वहां पर ही वन विभाग के साथ मिलकर पिंजरे भी लगाए गए हैं. जिससे रन-वे के आसपास आने जाने पर वन्यजीवों को पकड़ा जा सके. जिससे कि रन-वे पर जानवर आने की वजह से फ्लाइट की लैंडिंग में भी परेशानी नहीं हो. जानवरों के कारण विमानों की लैंडिंग के दौरान परेशानी हो सकती है.