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sportsmen waiting for their award: 4 साल से खिलाड़ियों और कोच को अवार्ड का इंतजार, खेल विभाग ने एक बार फिर मांगे आवेदन

गहलोत सरकार ने खिलाड़ियों और कोच को महाराणा प्रताप और गुरु वशिष्ठ अवार्ड देने की बात की है. इस मामले में खेल विभाग ने 15 मई तक आवेदन मांगे हैं. लेकिन बीते 4 साल से महाराणा प्रताप (Sports department sought applications) और गुरु वशिष्ठ अवार्ड का इंतजार खिलाड़ी और कोच कर रहे हैं.

sportsmen waiting for their award
4 साल से खिलाड़ियों और कोच को अवार्ड का इंतजार.
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Published : Apr 14, 2022, 7:56 PM IST

जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार ने एक बार फिर प्रदेश के खिलाड़ियों और कोच के लिए महाराणा प्रताप और गुरु वशिष्ठ अवार्ड देने की बात कही है. 15 मई तक खेल विभाग ने इसके लिए आवेदन मांगे हैं. वहीं दूसरी तरफ बीते 4 साल से खिलाड़ी और कोच महाराणा प्रताप और गुरु वशिष्ठ अवार्ड का इंतजार कर रहे हैं. हर साल आवेदन मांगे जाते हैं, लेकिन खिलाड़ियों और कोच को इन पुरस्कार से नवाजा नहीं जाता.

प्रदेश की गहलोत सरकार ने आउट ऑफ टर्न पॉलिसी के तहत भले ही प्रदेश के खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी का तोहफा दिया हो, लेकिन प्रदेश के खिलाड़ियों और कोच को खेल से जुड़े प्रतिष्ठित अवार्ड के लिए बीते 4 साल से इंतजार (players and coach waiting for awards) करना पड़ रहा है. पिछले 3 साल से खिलाड़ियों को जहां महाराणा प्रताप अवार्ड के लिए इंतजार करना पड़ रहा है. वहीं प्रशिक्षकों को गुरु वशिष्ठ अवार्ड का इंतजार है. दरअसल पिछले कुछ समय से खेल विभाग की ओर से समय-समय पर एक सूचना जारी कर महाराणा प्रताप और गुरु वशिष्ठ अवार्ड के लिए आवेदन मांगे जा रहे हैं.

पढ़ेंः सुनो सरकारः कैसे मिलेगा प्रोत्साहन...3 साल से खेल पुरस्कार के इंतजार में खिलाड़ी और कोच

हर बार आवेदन तो मांगे जाते हैं, लेकिन खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को अवार्ड नहीं दिए जाते. साल 2018-19 की बात की जाए तो 27 प्रशिक्षकों ने गुरु वशिष्ठ अवार्ड के लिए आवेदन किया था. वहीं, 66 खिलाड़ियों ने प्रताप अवार्ड की दावेदारी पेश की थी. साल 2019-20 की बात करें तो गुरु वशिष्ठ अवार्ड के लिए 39 और प्रताप अवार्ड के लिए 113 कुल आवेदन आए. इसके अलावा साल 2020-21 में गुरु वशिष्ट अवार्ड के लिए सिर्फ 13 और प्रताप अवार्ड के (maharana pratap and guru vashishth awards for sportsmen) लिए 24 आवेदन ही आए. खेल विभाग की बेरुखी के चलते हर साल आवेदन घटते रहे. अभी भी कोच और खिलाड़ियों को इन प्रतिष्ठित अवार्डों का इंतजार करना पड़ रहा है.

पिछली सरकार में भी लंबा इंतजारः पिछली बार जब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी, तब भी खिलाड़ियों और कोचों को इन अवार्ड के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा था. तकरीबन 7 सालों के इंतेजार के बाद खिलाड़ियों और कोच को यह अवार्ड दिए गए. बीते कुछ साल पहले की बात की जाए तो महाराणा प्रताप जयंती पर राजभवन में एक कार्यक्रम आयोजित कर यह अवार्ड दिए जाते थे, लेकिन बाद में खेल विभाग में ही इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाने लगा. पिछली बार सवाई मानसिंह स्टेडियम में एक कार्यक्रम आयोजित कर खिलाड़ियों को यह अवार्ड दिए गए थे.

जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार ने एक बार फिर प्रदेश के खिलाड़ियों और कोच के लिए महाराणा प्रताप और गुरु वशिष्ठ अवार्ड देने की बात कही है. 15 मई तक खेल विभाग ने इसके लिए आवेदन मांगे हैं. वहीं दूसरी तरफ बीते 4 साल से खिलाड़ी और कोच महाराणा प्रताप और गुरु वशिष्ठ अवार्ड का इंतजार कर रहे हैं. हर साल आवेदन मांगे जाते हैं, लेकिन खिलाड़ियों और कोच को इन पुरस्कार से नवाजा नहीं जाता.

प्रदेश की गहलोत सरकार ने आउट ऑफ टर्न पॉलिसी के तहत भले ही प्रदेश के खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी का तोहफा दिया हो, लेकिन प्रदेश के खिलाड़ियों और कोच को खेल से जुड़े प्रतिष्ठित अवार्ड के लिए बीते 4 साल से इंतजार (players and coach waiting for awards) करना पड़ रहा है. पिछले 3 साल से खिलाड़ियों को जहां महाराणा प्रताप अवार्ड के लिए इंतजार करना पड़ रहा है. वहीं प्रशिक्षकों को गुरु वशिष्ठ अवार्ड का इंतजार है. दरअसल पिछले कुछ समय से खेल विभाग की ओर से समय-समय पर एक सूचना जारी कर महाराणा प्रताप और गुरु वशिष्ठ अवार्ड के लिए आवेदन मांगे जा रहे हैं.

पढ़ेंः सुनो सरकारः कैसे मिलेगा प्रोत्साहन...3 साल से खेल पुरस्कार के इंतजार में खिलाड़ी और कोच

हर बार आवेदन तो मांगे जाते हैं, लेकिन खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को अवार्ड नहीं दिए जाते. साल 2018-19 की बात की जाए तो 27 प्रशिक्षकों ने गुरु वशिष्ठ अवार्ड के लिए आवेदन किया था. वहीं, 66 खिलाड़ियों ने प्रताप अवार्ड की दावेदारी पेश की थी. साल 2019-20 की बात करें तो गुरु वशिष्ठ अवार्ड के लिए 39 और प्रताप अवार्ड के लिए 113 कुल आवेदन आए. इसके अलावा साल 2020-21 में गुरु वशिष्ट अवार्ड के लिए सिर्फ 13 और प्रताप अवार्ड के (maharana pratap and guru vashishth awards for sportsmen) लिए 24 आवेदन ही आए. खेल विभाग की बेरुखी के चलते हर साल आवेदन घटते रहे. अभी भी कोच और खिलाड़ियों को इन प्रतिष्ठित अवार्डों का इंतजार करना पड़ रहा है.

पिछली सरकार में भी लंबा इंतजारः पिछली बार जब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी, तब भी खिलाड़ियों और कोचों को इन अवार्ड के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा था. तकरीबन 7 सालों के इंतेजार के बाद खिलाड़ियों और कोच को यह अवार्ड दिए गए. बीते कुछ साल पहले की बात की जाए तो महाराणा प्रताप जयंती पर राजभवन में एक कार्यक्रम आयोजित कर यह अवार्ड दिए जाते थे, लेकिन बाद में खेल विभाग में ही इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाने लगा. पिछली बार सवाई मानसिंह स्टेडियम में एक कार्यक्रम आयोजित कर खिलाड़ियों को यह अवार्ड दिए गए थे.

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