जयपुर. पिंक सिटी प्रेस क्लब में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान खेल एवं युवा मामलात मंत्री अशोक चांदना ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार के गलत निर्णयों के कारण लगातार बेरोजगारी बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की पिछली भाजपा सरकार यह दावा कर दे कि उन्होंने 23 लाख लोगों का रोजगार दिया है तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा. भाजपा केवल युवाओं के साथ धोखा करती है.
बेरोजगारी के सवाल पर अशोक चांदना ने कहा कि बेरोजगारी को लेकर उन लोगों से भी सवाल पूछा जाए जिन्होंने नोटबंदी कर बैंक बर्बाद कर दिए, जीएसटी लगाकर व्यापार खत्म कर दिया और गलत समय पर लॉकडाउन लगाकर देश की धड़कन ही रोक दी. उन्होंने कहा कि प्रदेश की गहलोत सरकार युवाओं को रोजगार देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है और जल्द ही सभी भर्तियां पूरी की जाएगी. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को सरकारी नौकरी देने से ही बेरोजगारी की समस्या का समाधान नहीं होगा. मीडिया बेरोजगारी की मूल जड़ को झझोड़े और पत्तों को गिराने में क्या रखा है.
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राजस्थान में 65 से 66 हजार युवाओं को मिला रोजगार
अशोक चांदना ने कहा कि गहलोत सरकार पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं को लगातार बेरोजगारी भत्ता दे रही है. उन्होंने कहा कि बेरोजगारी भत्ता देने के लिए कई मापदंड तय किए गए हैं, उसके अनुसार वर्तमान में एक लाख बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा है. यह बेरोजगारी भत्ता 2 साल के लिए दिया जाता है और 2 साल खत्म होने के बाद अन्य लोगों को उसमें शामिल किया जाता है. अब तक 600 करोड़ रुपए बेरोजगारी भत्ते के रूप में दिए जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि स्किल के आधार पर एक लाख लोगों को ट्रेनिंग दी गई है और इसमें से 65 से 66 हजार युवाओं को रोजगार मिल चुका है.
'बीजेपी दावा कर दे तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा'
बीजेपी की ओर से 23 लाख लोगों को रोजगार देने के सवाल पर अशोक चांदना ने कहा कि बीजेपी ने 23 लाख लोगों को कोई रोजगार नहीं दिया. उन्होंने 23 लाख लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान किए. बीजेपी ने केवल रोजगार मेले ही लगाए हैं. नौकरी देना अलग बात है और अवसर प्रदान करना अलग बात है. यदि फिर भी बीजेपी दावा कर दे कि 23 लाख लोगों को रोजगार दिया है, तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा. भाजपा युवाओं के साथ हमेशा धोखा करती आई है और आगे भी धोखा करती रहेगी.
'जाने वाले व्यक्ति की कोई कीमत नहीं होती है'
करौली में हुई घटना को लेकर चांदना ने कहा कि इस तरह की घटनाएं योजना बनाकर नहीं की जाती है. यह दो व्यक्तियों के बीच का झगड़ा था, जिसका अंत इस तरह से हुआ. उन्होंने कहा कि यह बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, फिर भी सरकार ने अपने स्तर पर पीड़ित परिवार की मदद की है. चांदना ने कहा कि जाने वाले व्यक्ति की कोई कीमत नहीं होती है, फिर भी सरकार की ओर से पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपए और एक व्यक्ति को नौकरी दी गई है. साथ ही उन्हें सुरक्षा भी मुहैया कराई गई है.
'ऐसा वातावरण बनाना है कि दोबारा घटना ना हों'
दिल्ली के बीजेपी नेता कपिल मिश्रा की ओर से करौली के पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपए देने के सवाल पर अशोक चांदना ने कहा कि पीड़ित परिवार को मात्र 50 हजार रुपए ही मिले हैं. यदि वे देश के ऐसे हर परिवार को 25 लाख रुपए दें तो उनकी प्रशंसा करेंगे और ताली बजाएंगे. हमें प्रदेश में ऐसा वातावरण बनाना है कि इस तरह की घटनाएं दोबारा ना हो.