जयपुर. जयपुर में शहर की सरकार एक बार फिर बगावत की लपटों में घिरी नजर आ रही है. इस बात का अंदेशा बीते दिनों मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास की तरफ से एक आम सभा में हेरिटेज नगर निगम की मेयर के खिलाफ दिए गए बयान (Khachariyawas on Munesh Gurjar) से हो गया था. अब प्रताप सिंह खाचरियावास खुलकर मेयर की मुखालफत कर रहे हैं.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास (Pratap Singh Khachariyawas Exclusive) ने कहा कि निर्दलीय पार्षदों ने सीधी धमकी दी कि वे समर्थन वापस ले लेंगे. हालांकि उन्होंने पार्षदों से अनुरोध किया कि कोई कड़ा कदम उठाने की जरूरत नहीं है. उनकी सभी समस्याओं को दूर किया जाएगा. ये पार्षदों का बड़प्पन है कि वे हमेशा कांग्रेस की बात रखते हैं. एक साल से समितियों का इंतजार ही कर रहे हैं. कांग्रेस भी इनका सम्मान रखेगी. राजनीति में इन्हें अपनी बात कहने का, गुस्सा करने का अधिकार है. जो गुस्सा इन्होंने व्यक्त किया उसका सम्मान रखा जाएगा. अब समय सीमा नहीं क्योंकि वो हम पार कर चुके हैं, अब इनका काम करना है. सभी निर्दलीय पार्षदों को समितियों में जगह दी जाएगी.
पार्षदों का सम्मान करें मेयर..
वहीं निर्दलीय पार्षदों की शिकायत (Independent councilor angry in Jaipur) पर खाचरियावास ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मेयर के पास यदि कोई भी पार्षद जाए, उनका सम्मान करना मेयर (jaipur mayor councilor controversy) की जिम्मेदारी है. ये कांग्रेस की जिम्मेदारी नहीं, वो उन्हें मेयर बना सकते हैं. इस संबंध में मेयर को ताकीद किया जाएगा. उनको अपने व्यवहार में सुधार करना पड़ेगा. पार्षद से सॉरी फील करना पड़ेगा. निर्दलीय पार्षदों का समर्थन मेयर की शक्ल पर नहीं मिला है, ये कांग्रेस के नाम पर मिला है. ये समर्थन अशोक गहलोत और बाकी साथियों की शक्ल पर मिला है. ये निर्दलीय पार्षद कांग्रेस के तिरंगे पर भरोसा करते हैं. इसलिए घमंड किसी को नहीं होना चाहिए.
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कर्बला प्रकरण पर बोले खाचरियावास
पार्षदों की ओर से कर्बला प्रकरण को लेकर नाराजगी व्यक्त किए जाने पर मंत्री खाचरियावास ने कहा कि जिन भी साथियों के साथ ब्रह्मपुरी थाने में बदतमीजी हुई है, उन अधिकारियों पर कार्रवाई करने के लिए मुख्यमंत्री से भी कहेंगे. किसी भी पुलिस अधिकारी को गलत कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं है. निर्दलीय पार्षद की ओर से इस प्रकरण में कार्रवाई नहीं होने पर कांग्रेस बोर्ड के समर्थन वापस लेने की चेतावनी पर खाचरियावास ने कहा कि उनके भाई के साथ थाने में दुर्व्यवहार किया गया है, जो गलत है. पुलिस अधिकारियों को सम्मानित व्यक्तियों के साथ बदतमीजी करने का कोई अधिकार नहीं है.
फिलहाल जयपुर में कर्बला के मैदान के नाम पर कांग्रेस के अंदरूनी घमासान की तस्वीर का पहला पहलू सामने आया है. जहां निर्दलीय पार्षद लामबंद होकर मंत्री से मुलाकात कर चुके हैं. यहां एक बार फिर उन्हें समितियों में जगह देने का लॉलीपॉप थमाया गया है. हालांकि अब माना जा रहा है कि शहर के बाकी विधायक भी इस मसले पर गुटबाजी के फेर में फंस सकते हैं. वहीं सवाल ये है कि कांग्रेस अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े इस मसले पर खुद के हाथ जलाए बिना जलती लपटों को जल्द से जल्द बुझाने के प्रयास क्या कामयाब होगी ?