जयपुर. राजस्थान में गहलोत सरकार अपने 1 साल में किए गए कामों को जनता के बीच पहुंचाने के लिए 17 से 19 दिसंबर तक कई कार्यक्रम करने जा रही है, लेकिन राजस्थान में सरकार बनने के बाद से ही मंत्रियों और ब्यूरोक्रेसी के बीच कई बार मतभेद भी दिखाई दिए, जो खुलकर सामने भी आए. बीते 1 साल की बात करें तो पहले भरतपुर में पुलिस की कार्यशैली पर मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने सवाल खड़े किए. उसके बाद मंत्री प्रमोद जैन भाया ने भी ट्विटर पर अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाए. वहीं मंत्री रमेश मीणा ने भी कमोबेश ऐसे ही आरोप ब्यूरोक्रेसी को लेकर लगाए .
टेंडर में गड़बड़ी के आरोप
ये सिलसिला वर्तमान में एक बार फिर मंत्री विश्वेंद्र सिंह के अपने विभाग में टेंडर में गड़बड़ी के आरोपों तक जारी है. मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने तो अपनी शिकायत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे से भी की है. जिसमें उनको प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट का भी साथ मिल गया है. इन सबके बीच राजस्थान में एक विवाद ऐसा भी है. जिससे ब्यूरोक्रेसी किसी हाल में नाराज नहीं है. दअसल उस विभाग ने प्रदेश में ब्यूरोक्रेट के लिए 1 साल में नए वाहन उपलब्ध करवाए हैं.
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कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की भर्ती मामला
नेशनल हेल्थ मिशन में कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की भर्ती के मामले को लेकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा और तत्कालीन एनएचएम एमडी समित शर्मा के आपसी विवाद का मामला भी सामने आया था. नेशनल हेल्थ मिशन में कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर की भर्ती को लेकर रघु शर्मा ने ट्वीट करते हुए कहा था,कि अगर भर्ती हो रही है तो इसकी जानकारी उन्हें क्यों नहीं है. ऐसे में ये भी मामला उठा था,कि अभ्यर्थियों से पैसा लेकर ये भर्ती की जा रही है. जिसके बाद मंत्री और आईएएस का विवाद लंबे समय तक चला और आखिरकार आईएएस का स्थानांतरण दूसरे विभाग में कर दिया गया. उसके बाद चिकित्सा मंत्री के निर्देश पर भर्ती प्रक्रिया पर भी रोक लगा दी गई.
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एक विभाग से ब्यूरोक्रेट खुश
राजस्थान के स्टेट मोटर गैराज विभाग के मंत्री राजेंद्र यादव ने बीते 1 साल में प्रदेश के सभी कलेक्टरों को नए वाहन दिलवा दिए हैं. इसके साथ ही अब तैयारी हो रही है,कि सभी एसडीएम को भी अच्छे साधन दे दिए जाएं, ताकि ब्यूरोक्रेसी की वर्किंग क्षमता बढ़ सके और वो बेहतर आउटपुट दे सकें. इस विभाग के पास वैसे तो करने को कुछ खास नहीं होता है,लेकिन जिस तरह से विभाग ने ब्यूरोक्रेट को इस तरह संसाधन उपलब्ध कराए हैं. उससे ये बात तय है,कि कोई भी विभाग से नाराज नहीं हो सकता है, क्योंकि इस विभाग से ब्यूरोक्रेट को हमेशा आशाएं बनी रहती हैं.