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पोषाहार वितरण पर ममता भूपेश का बड़ा बयान, कहा- किसी का रोजगार नहीं छीना है... - आंगनबाड़ी में मिलने वाले पोषाहार का वितरण

महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री ममता भूपेश ने आंगनबाड़ी में मिलने वाले पोषाहार के वितरण को लेकर ईटीवी भारत से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि पोषाहार तैयार करने का कार्य केवल लॉकडाउन के दौरान कराया गया था. विभाग ने किसी का रोजगार नहीं छीना है.

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महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री ममता भूपेश से खास बातचीत
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Published : Jul 3, 2020, 12:43 PM IST

Updated : Jul 3, 2020, 1:27 PM IST

जयपुर. प्रदेश की आंगनबाड़ी में मिलने वाले पोषाहार के वितरण को लेकर बवाल खत्म नहीं हो रहा है. 55 हजार महिला सहायता समूह रोजगार छीनने का आरोप महिला बाल विकास विभाग पर लगा रहे हैं. महिला बाल विकास विभाग की मंत्री ममता भूपेश ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने कहा कि पोषाहार वितरण में किसी का रोजगार नहीं छीना गया है, बेनेफिशरी को ज्यादा और गुणवत्तापूर्ण न्यूट्रिशन मिले, इसलिए नई व्यवस्था शुरू की गई है.

महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री ममता भूपेश से खास बातचीत (पार्ट-1)

महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर वितरण किए जाने वाले पोषाहार का जिम्मा अब मातृ समिति के माध्यम से पूरा कराया जाएगा. इसको लेकर विभाग ने किसी भी तरीके से सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का उल्लंघन नहीं किया है. उन्होंने कहा कि गाइडलाइन में साफ लिखा हुआ है कि पोषाहार का काम स्वयं सहायता समूह या मातृ समिति के माध्यम से कराया जाए. इससे पहले मातृ समिति सक्रिय थी और उसके जरिए पोषाहार तैयार करने का काम किया जाता रहा था, लेकिन कुछ सालों में यह काम नहीं हो रहा था.

उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान जब सहायता समूह के जरिये पोषाहार नहीं पहुंच रहा था, सभी फैक्ट्रियां कारखाने बंद थे. ऐसे में एक बार मातृ समिति के माध्यम से साबुत अनाज दाल पहुंचाई गई. इससे लाभार्थियों को ना केवल गुणवत्तापूर्ण न्यूट्रिशन मिला, बल्कि रेसिपी की मात्रा में भी बढ़ोतरी की गई. उन्होंने कहा कि नेफेड के माध्यम से उन्हें सस्ता अनाज और दालें मिल रही हैं, तो फिर सहायता समूह के जरिए अधिक पैसे खर्च करके पोषाहार वितरण का काम करवाना कहां की समझदारी है. इसके लिए विभाग के अधिकारियों ने कई राज्यों में परीक्षण करने के बाद ही यह निर्णय लिया है.

महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री ममता भूपेश से खास बातचीत (पार्ट-2)

उन्होंने कहा कि हमने कोई रोजगार नहीं छीना है. गर्भवती महिलाओं बच्चों को पोषाहार दे रहे हैं. मातृ समिति ने कभी इसका विरोध नहीं किया. फिर अब जब मातृ समिति से कार्य कराए जा रहा है तो सहायता समूह वाले विरोध क्यों कर रहे हैं. मातृ समिति से पोषाहार तैयार होगा तो पोषाहार की गुणवत्ता और क्वालिटी में भी सुधार होगा. मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि इस तरह से विरोध करना अनुचित है. बीजेपी की ओर से पोषाहार मामले में लगाए जा रहे आरोपों पर जवाब देते हुए ममता ने कहा कि बीजेपी किस मुंह से इस तरह के आरोप लगा रही है. पेट्रोल और गैस के दाम किस तरह से आसमान छू रहे हैं, उसका उनके पास कोई जवाब नहीं है.

भाजपा पहले अपना गिरबान देखे- भूपेश

भूपेश ने कहा कि वैश्विक स्तर पर क्रूड ऑयल की कीमत लगातार गिरती जा रही है. बावजूद उसके पेट्रोल-डीजल के दाम लगभग बराबर सी स्थिति में आ गए. ममता भूपेश ने कहा कि देश में ऐसा पहली बार है जब किसी एक पार्टी को बहुमत के साथ सत्ता मिली हो. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूसरी बार स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाई. जनता को उनसे काफी उम्मीदें थी, लेकिन उन्होंने जो वादे किए कोई भी वादा पूरा नहीं किया, ना तो लोगों को रोजगार मिला और ना ही उनके खाते में 15 लाख रुपये आए. बीजेपी जो अपने वादों को पूरा नहीं कर सकती वह किस मुंह से कांग्रेस पर सवाल खड़े कर रही है. उन्हें कहा कि बीजेपी को पहले अपने गिरेबान में देखना चाहिए.

महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री ममता भूपेश से खास बातचीत (पार्ट-3)

सीएम करेंगे फैसला

हालांकि, महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि पोषाहर तैयार करने का कार्य मात्र समिति से सिर्फ लॉकडाउन के दौरान कराया गया था, लेकिन उसके अच्छे परिणामों को देखते हुए इस तरह की व्यवस्था को नियमित रूप से लागू करने के लिए विभाग की ओर से फाइल तैयार करके मुख्यमंत्री के पास भेजी गई है. अब इस पर अंतिम फैसला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेना है कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोशाक तैयार करने का जिम्मा मातृ समिति से हो या फिर पूर्व की भांति महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा कराया जाए.

यह भी पढ़ें : प्रियंका गांधी वाड्रा का बंगला खाली कराने पर पायलट का ट्वीट, भाजपा विधायक ने किया लाइक

अगले 2 महीनों में हो जाएगी पेमेंट

ममता भूपेश ने यह भी साफ कर दिया कि जिन सहायता समूह के पैसे रुके हुए हैं, उनके पैसे जल्द ही खाते में डाले जाएंगे. भूपेश ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर दिए जाने वाला पोषाहर या अन्य कार्य के लिए केंद्र सरकार 60 और राज्य सरकार 40 प्रतिशत के पैसे खर्च करती है. केंद्र सरकार लंबे समय से राज्य सरकार के साथ भेदभाव कर रही है. उन्होंने साफ कर दिया कि 55,000 सहायता समूह के 4 करोड़ का जो फंड रुका हुआ है वह अगले 2 महीने में विभाग द्वारा रिलीज कर दिया जाएगा.

जयपुर. प्रदेश की आंगनबाड़ी में मिलने वाले पोषाहार के वितरण को लेकर बवाल खत्म नहीं हो रहा है. 55 हजार महिला सहायता समूह रोजगार छीनने का आरोप महिला बाल विकास विभाग पर लगा रहे हैं. महिला बाल विकास विभाग की मंत्री ममता भूपेश ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने कहा कि पोषाहार वितरण में किसी का रोजगार नहीं छीना गया है, बेनेफिशरी को ज्यादा और गुणवत्तापूर्ण न्यूट्रिशन मिले, इसलिए नई व्यवस्था शुरू की गई है.

महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री ममता भूपेश से खास बातचीत (पार्ट-1)

महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर वितरण किए जाने वाले पोषाहार का जिम्मा अब मातृ समिति के माध्यम से पूरा कराया जाएगा. इसको लेकर विभाग ने किसी भी तरीके से सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का उल्लंघन नहीं किया है. उन्होंने कहा कि गाइडलाइन में साफ लिखा हुआ है कि पोषाहार का काम स्वयं सहायता समूह या मातृ समिति के माध्यम से कराया जाए. इससे पहले मातृ समिति सक्रिय थी और उसके जरिए पोषाहार तैयार करने का काम किया जाता रहा था, लेकिन कुछ सालों में यह काम नहीं हो रहा था.

उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान जब सहायता समूह के जरिये पोषाहार नहीं पहुंच रहा था, सभी फैक्ट्रियां कारखाने बंद थे. ऐसे में एक बार मातृ समिति के माध्यम से साबुत अनाज दाल पहुंचाई गई. इससे लाभार्थियों को ना केवल गुणवत्तापूर्ण न्यूट्रिशन मिला, बल्कि रेसिपी की मात्रा में भी बढ़ोतरी की गई. उन्होंने कहा कि नेफेड के माध्यम से उन्हें सस्ता अनाज और दालें मिल रही हैं, तो फिर सहायता समूह के जरिए अधिक पैसे खर्च करके पोषाहार वितरण का काम करवाना कहां की समझदारी है. इसके लिए विभाग के अधिकारियों ने कई राज्यों में परीक्षण करने के बाद ही यह निर्णय लिया है.

महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री ममता भूपेश से खास बातचीत (पार्ट-2)

उन्होंने कहा कि हमने कोई रोजगार नहीं छीना है. गर्भवती महिलाओं बच्चों को पोषाहार दे रहे हैं. मातृ समिति ने कभी इसका विरोध नहीं किया. फिर अब जब मातृ समिति से कार्य कराए जा रहा है तो सहायता समूह वाले विरोध क्यों कर रहे हैं. मातृ समिति से पोषाहार तैयार होगा तो पोषाहार की गुणवत्ता और क्वालिटी में भी सुधार होगा. मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि इस तरह से विरोध करना अनुचित है. बीजेपी की ओर से पोषाहार मामले में लगाए जा रहे आरोपों पर जवाब देते हुए ममता ने कहा कि बीजेपी किस मुंह से इस तरह के आरोप लगा रही है. पेट्रोल और गैस के दाम किस तरह से आसमान छू रहे हैं, उसका उनके पास कोई जवाब नहीं है.

भाजपा पहले अपना गिरबान देखे- भूपेश

भूपेश ने कहा कि वैश्विक स्तर पर क्रूड ऑयल की कीमत लगातार गिरती जा रही है. बावजूद उसके पेट्रोल-डीजल के दाम लगभग बराबर सी स्थिति में आ गए. ममता भूपेश ने कहा कि देश में ऐसा पहली बार है जब किसी एक पार्टी को बहुमत के साथ सत्ता मिली हो. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूसरी बार स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाई. जनता को उनसे काफी उम्मीदें थी, लेकिन उन्होंने जो वादे किए कोई भी वादा पूरा नहीं किया, ना तो लोगों को रोजगार मिला और ना ही उनके खाते में 15 लाख रुपये आए. बीजेपी जो अपने वादों को पूरा नहीं कर सकती वह किस मुंह से कांग्रेस पर सवाल खड़े कर रही है. उन्हें कहा कि बीजेपी को पहले अपने गिरेबान में देखना चाहिए.

महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री ममता भूपेश से खास बातचीत (पार्ट-3)

सीएम करेंगे फैसला

हालांकि, महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि पोषाहर तैयार करने का कार्य मात्र समिति से सिर्फ लॉकडाउन के दौरान कराया गया था, लेकिन उसके अच्छे परिणामों को देखते हुए इस तरह की व्यवस्था को नियमित रूप से लागू करने के लिए विभाग की ओर से फाइल तैयार करके मुख्यमंत्री के पास भेजी गई है. अब इस पर अंतिम फैसला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेना है कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोशाक तैयार करने का जिम्मा मातृ समिति से हो या फिर पूर्व की भांति महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा कराया जाए.

यह भी पढ़ें : प्रियंका गांधी वाड्रा का बंगला खाली कराने पर पायलट का ट्वीट, भाजपा विधायक ने किया लाइक

अगले 2 महीनों में हो जाएगी पेमेंट

ममता भूपेश ने यह भी साफ कर दिया कि जिन सहायता समूह के पैसे रुके हुए हैं, उनके पैसे जल्द ही खाते में डाले जाएंगे. भूपेश ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर दिए जाने वाला पोषाहर या अन्य कार्य के लिए केंद्र सरकार 60 और राज्य सरकार 40 प्रतिशत के पैसे खर्च करती है. केंद्र सरकार लंबे समय से राज्य सरकार के साथ भेदभाव कर रही है. उन्होंने साफ कर दिया कि 55,000 सहायता समूह के 4 करोड़ का जो फंड रुका हुआ है वह अगले 2 महीने में विभाग द्वारा रिलीज कर दिया जाएगा.

Last Updated : Jul 3, 2020, 1:27 PM IST
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