जयपुर. राज्य मंत्री से कैबिनेट मंत्री की शपथ लेने जा रहीं ममता भूपेश ने ईटीवी भारत से खास बातचीत (ETV Bharat Exclusive Interview) में बताया कि इतिहास में पहली बार दलित समाज के चार जनप्रतिनिधियों को कैबिनेट में मौका मिला है. इसके साथ ही कैबिनेट में सभी वर्गों का समावेश किया गया है और अब लक्ष्य है कि प्रदेश की आम जनता के हित में काम किए जा सके. पहले जो विभाग दिया गया था, उसमें कई नवाचार करने की कोशिश की. सरकार की योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचाने का प्रयास किया गया. अब लक्ष्य 2023 है.
ममता भूपेश ने कहा कि कैबिनेट (Gehlot Cabinet) में महिलाओं की संख्या बढ़ी है और जहां तक कांग्रेस में महिलाओं के प्रतिनिधित्व की बात है तो कांग्रेस नेताओं जैसी सोच किसी की नहीं है. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को याद करते हुए कहा कि लोकल बॉडी में उन्होंने महिलाओं को आरक्षण दिया. राजनीति के हर क्षेत्र में महिलाओं का योगदान है. महिला राष्ट्रपति महिला प्रधानमंत्री से लेकर के लोकसभा अध्यक्ष तक कांग्रेस ने दी. कांग्रेस महिलाओं के प्रति दोहरी नीति नहीं रखती.
ममता भूपेश ने कहा कि विचारों का मतभेद कई बार परिवारों में हो जाता है. इसमें अस्थिरता वाली कोई बात नहीं है. पार्टी के नेता-कार्यकर्ता सब एक हैं. इसी का नतीजा रहा कि पंचायती राज चुनाव हो, चाहे जिला परिषद के चुनाव या फिर उपचुनाव, सभी में कांग्रेस ने बढ़त हासिल की है. कांग्रेस का श्रेष्ठता का प्रमाण यही है कि कई जगह बीजेपी की जमानत तक जब्त हुई. बीजेपी की कथनी और करनी में अंतर है. यही वजह है कि उन्हें तीन कृषि कानून (Withdrawal of Farm Laws) वापस लेने पड़े.
अब प्रदेश की जनता समझ चुकी है कि कांग्रेस ने आम जनता से जो वादे किए, उन्हें पूरा किया जा रहा है. जनता के हित में नई योजनाएं लाकर उन्हें लाभ पहुंचाया जा रहा है. यही वजह है कि अब आने वाले वक्त में मिशन 2023 में कांग्रेस अपने लक्ष्य तक जरूर पहुंचेगी.
आपको बता दें कि दौसा जिले की सिकराय विधानसभा सीट से आने वाली ममता भूपेश अब तक महिला एवं बाल विकास विभाग को देख रही थी, और अब उन्हें राज्यमंत्री से कैबिनेट मंत्री के रूप में प्रमोट किया गया है.