जयपुर. धार्मिक स्नान और दान दक्षिणा का अभीष्ट दिन आज सोमवती अमावस्या है. आज का दिन पितृतर्पण के लिए विशेष है इसलिए मंदिरों में विशेष धार्मिक आयोजन भी हो रहे है. इस बार 57 वर्षो के बाद अचल में पंचग्रही युति योग में सोमवती अमावस्या का संयोग बन रहा है.
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पंडित गणपतलाल सेवग ने बताया कि, ज्योतिष गणना से देखें तो वर्तमान ग्रह गोचर में शनि गुरु मकर राशि में गोचरस्थ है. मार्गशीर्ष मास की अमावस्या सोमवार के दिन पांच ग्रहों के युती में अमावस्या का संयोग बन रहा है जो स्नान, दान, जप और पितृतर्पण कार्यो के लिए पुण्यकारी माना गया है. इसके अलावा सोमवती अमावस्या राजा प्रजा में सुख का संचार करने वाली, अयोग्य को बढ़ाने वाली और व्रष्टि कारक भी कही गई है.
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ज्योतिष शास्त्र में अलग-अलग गणना के अनुसार ग्रहों की विभिन्न युतियां बनती है. इनमें दो ग्रहों से लेकर सात ग्रहों की युतियां बनती रहती है. वही विशेष काल में अगर युति योग बनता है, तो यह दान, पुण्य अनुष्ठान आदि के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है.
इनमें वृश्चिक राशि में सूर्य, चंद्र, बुध, शुक्र केतु की युति रहेगी. इसी युति का वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल से नवम पंचम दृष्टि संबंध बनेगा. इसका असर कूटनीतिक क्षेत्र में सफलता को दर्शाता है. इस दृष्टि से देखें तो भारतीय विदेश नीति आने वाले सालों में बेहतर परिणाम देने वाली रहेगी और विश्व में भारत का वर्चस्व बढ़ेगा.