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दान, पुण्य का अभीष्ट दिन सोमवती अमावस्या आज, मंदिरों में हो रहे विशेष आयोजन - temples of rajasthan

धार्मिक स्नान और दान दक्षिणा का अभीष्ट दिन आज सोमवती अमावस्या है. आज का दिन पितृतर्पण के लिए विशेष है इसलिए मंदिरों में विशेष धार्मिक आयोजन भी हो रहे है. इस बार 57 वर्षो के बाद अचल में पंचग्रही युति योग में सोमवती अमावस्या का संयोग बन रहा है.

सोमवती अमावस्या की खबर, News of somvati amavasya
सोमवती अमावस्या पर आज मंदिरों में हो रहे विशेष आयोजन
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Published : Dec 14, 2020, 2:28 PM IST

जयपुर. धार्मिक स्नान और दान दक्षिणा का अभीष्ट दिन आज सोमवती अमावस्या है. आज का दिन पितृतर्पण के लिए विशेष है इसलिए मंदिरों में विशेष धार्मिक आयोजन भी हो रहे है. इस बार 57 वर्षो के बाद अचल में पंचग्रही युति योग में सोमवती अमावस्या का संयोग बन रहा है.

पढ़ेंः धौलपुर: निकाय चुनाव में जीत के जश्न के दौरान अंधाधुंध फायरिंग, VIDEO वायरल

पंडित गणपतलाल सेवग ने बताया कि, ज्योतिष गणना से देखें तो वर्तमान ग्रह गोचर में शनि गुरु मकर राशि में गोचरस्थ है. मार्गशीर्ष मास की अमावस्या सोमवार के दिन पांच ग्रहों के युती में अमावस्या का संयोग बन रहा है जो स्नान, दान, जप और पितृतर्पण कार्यो के लिए पुण्यकारी माना गया है. इसके अलावा सोमवती अमावस्या राजा प्रजा में सुख का संचार करने वाली, अयोग्य को बढ़ाने वाली और व्रष्टि कारक भी कही गई है.

पढ़ेंः अजमेर: अभय कमान सेंटर से कमांड मिलते ही अब दौड़ेगा चेतक

ज्योतिष शास्त्र में अलग-अलग गणना के अनुसार ग्रहों की विभिन्न युतियां बनती है. इनमें दो ग्रहों से लेकर सात ग्रहों की युतियां बनती रहती है. वही विशेष काल में अगर युति योग बनता है, तो यह दान, पुण्य अनुष्ठान आदि के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है.

इनमें वृश्चिक राशि में सूर्य, चंद्र, बुध, शुक्र केतु की युति रहेगी. इसी युति का वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल से नवम पंचम दृष्टि संबंध बनेगा. इसका असर कूटनीतिक क्षेत्र में सफलता को दर्शाता है. इस दृष्टि से देखें तो भारतीय विदेश नीति आने वाले सालों में बेहतर परिणाम देने वाली रहेगी और विश्व में भारत का वर्चस्व बढ़ेगा.

जयपुर. धार्मिक स्नान और दान दक्षिणा का अभीष्ट दिन आज सोमवती अमावस्या है. आज का दिन पितृतर्पण के लिए विशेष है इसलिए मंदिरों में विशेष धार्मिक आयोजन भी हो रहे है. इस बार 57 वर्षो के बाद अचल में पंचग्रही युति योग में सोमवती अमावस्या का संयोग बन रहा है.

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पंडित गणपतलाल सेवग ने बताया कि, ज्योतिष गणना से देखें तो वर्तमान ग्रह गोचर में शनि गुरु मकर राशि में गोचरस्थ है. मार्गशीर्ष मास की अमावस्या सोमवार के दिन पांच ग्रहों के युती में अमावस्या का संयोग बन रहा है जो स्नान, दान, जप और पितृतर्पण कार्यो के लिए पुण्यकारी माना गया है. इसके अलावा सोमवती अमावस्या राजा प्रजा में सुख का संचार करने वाली, अयोग्य को बढ़ाने वाली और व्रष्टि कारक भी कही गई है.

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ज्योतिष शास्त्र में अलग-अलग गणना के अनुसार ग्रहों की विभिन्न युतियां बनती है. इनमें दो ग्रहों से लेकर सात ग्रहों की युतियां बनती रहती है. वही विशेष काल में अगर युति योग बनता है, तो यह दान, पुण्य अनुष्ठान आदि के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है.

इनमें वृश्चिक राशि में सूर्य, चंद्र, बुध, शुक्र केतु की युति रहेगी. इसी युति का वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल से नवम पंचम दृष्टि संबंध बनेगा. इसका असर कूटनीतिक क्षेत्र में सफलता को दर्शाता है. इस दृष्टि से देखें तो भारतीय विदेश नीति आने वाले सालों में बेहतर परिणाम देने वाली रहेगी और विश्व में भारत का वर्चस्व बढ़ेगा.

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