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कर की चोरी के प्रकरणों के लिए राज्य स्तर पर होगा विशेष न्यायालय का गठन

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Published : Aug 8, 2020, 7:52 PM IST

राज्य सरकार ने विभिन्न कंपनियों के अमलगमेशन (एकीकरण) के दस्तावेजों और ऋण दस्तावेजों में कर चोरी को रोकने के लिए विशेष न्यायालय का गठन करने का निर्णय लिया है. इसके लिए सीएम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वित्त विभाग तथा पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है.

जयपुर समाचार, jaipur news
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

जयपुर. राज्य सरकार ने विभिन्न कंपनियों के अमलगमेशन अथवा डीमर्जर के दस्तावेजों और ऋण दस्तावेजों आदि में कर चोरी को रोकने के साथ त्वरित निस्तारण के साथ विशेष न्यायालय का गठन करने का निर्णय लिया है. इसी क्रम में जयपुर में उप महानिरीक्षक पंजीयन और कलेक्टर (मुद्रांक) करापवंचन का विशेष कार्यालय गठित किया जाएगा. इसके लिए सीएम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वित्त विभाग तथा पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है.

प्रस्ताव के अनुसार उप महानिरीक्षक पंजीयन एवं मुद्रांक, अजमेर और वृत-द्वितीय तथा उप पंजीयक, अलवर वृत-तृतीय के कार्यालयों का पुनर्गठन कर राज्य स्तर पर उप महानिरीक्षक पंजीयन एवं मुद्रांक (करापवंचन) राजस्थान विशेष वृत का कार्यालय गठित किया जाएगा. गहलोत ने उक्त कार्यालयों के गठन के लिए रजिस्ट्रीकरण अधिनियम- 1908 के तहत जारी की जाने वाली अधिसूचना के प्रारूप तथा नये प्रस्तावित उप महानिरीक्षक को राजस्थान स्टाम्प अधिनियम 1998 के तहत कलेक्टर (मुद्रांक) की शक्तियां प्रदान करने लिए अधिसूचना के प्रारूप का भी अनुमोदन कर दिया है.

पढ़ें- टैक्स माफी के बाद प्राइवेट बस ऑपरेटर्स की सरकार से 11 सूत्रीय मांग

उल्लेखनीय है कि उप महानिरीक्षक और उप पंजीयक कार्यालयों के पुनर्गठन से कम्पनियों के मर्जर, डीमर्जर एवं ऋण दस्तावेजों आदि में स्टाम्प ड्यूटी के आकलन व वसूली जैसे विशेष प्रकृति के मामलों में विवादों के निपटारा जल्द होगा. इससे स्टाम्प ड्यूटी की वसूली के कार्य को गति मिलेगी. साथ ही ऐसे प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण से राजस्व संग्रहण में भी वृद्धि होगी.

नजूल सम्पत्तियों के लिए गठित समिति में सहायक पुलिस आयुक्त होंगे सदस्य

राज्य सरकार ने जयपुर शहर में नजूल सम्पत्तियों का कब्जा लेने के लिए गठित समिति में सम्बन्धित क्षेत्र के पुलिस उपाधीक्षक के स्थान पर सहायक पुलिस आयुक्त को सदस्य के रूप में सम्मिलित करने का निर्णय लिया है. इस संबंध में मुख्यमंत्री गहलोत ने सामान्य प्रशासन संपदा विभाग की ओर से प्राप्त प्रस्ताव का अनुमोदन किया है.

प्रस्ताव के अनुसार, नजूल सम्पत्तियों का कब्जा लेने के लिए सम्पदा निदेशालय ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर (प्रशासन)- जयपुर की अध्यक्षता में समिति गठित की हुई है. जयपुर में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली के अस्तित्व में आने के बाद पुलिस उपाधीक्षक का पदनाम सहायक पुलिस आयुक्त हो गया है. इसीलिए उक्त समिति के गठन में संशोधन कर पुलिस उपाधीक्षक के स्थान पर सहायक पुलिस आयुक्त को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है.

जयपुर. राज्य सरकार ने विभिन्न कंपनियों के अमलगमेशन अथवा डीमर्जर के दस्तावेजों और ऋण दस्तावेजों आदि में कर चोरी को रोकने के साथ त्वरित निस्तारण के साथ विशेष न्यायालय का गठन करने का निर्णय लिया है. इसी क्रम में जयपुर में उप महानिरीक्षक पंजीयन और कलेक्टर (मुद्रांक) करापवंचन का विशेष कार्यालय गठित किया जाएगा. इसके लिए सीएम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वित्त विभाग तथा पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है.

प्रस्ताव के अनुसार उप महानिरीक्षक पंजीयन एवं मुद्रांक, अजमेर और वृत-द्वितीय तथा उप पंजीयक, अलवर वृत-तृतीय के कार्यालयों का पुनर्गठन कर राज्य स्तर पर उप महानिरीक्षक पंजीयन एवं मुद्रांक (करापवंचन) राजस्थान विशेष वृत का कार्यालय गठित किया जाएगा. गहलोत ने उक्त कार्यालयों के गठन के लिए रजिस्ट्रीकरण अधिनियम- 1908 के तहत जारी की जाने वाली अधिसूचना के प्रारूप तथा नये प्रस्तावित उप महानिरीक्षक को राजस्थान स्टाम्प अधिनियम 1998 के तहत कलेक्टर (मुद्रांक) की शक्तियां प्रदान करने लिए अधिसूचना के प्रारूप का भी अनुमोदन कर दिया है.

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उल्लेखनीय है कि उप महानिरीक्षक और उप पंजीयक कार्यालयों के पुनर्गठन से कम्पनियों के मर्जर, डीमर्जर एवं ऋण दस्तावेजों आदि में स्टाम्प ड्यूटी के आकलन व वसूली जैसे विशेष प्रकृति के मामलों में विवादों के निपटारा जल्द होगा. इससे स्टाम्प ड्यूटी की वसूली के कार्य को गति मिलेगी. साथ ही ऐसे प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण से राजस्व संग्रहण में भी वृद्धि होगी.

नजूल सम्पत्तियों के लिए गठित समिति में सहायक पुलिस आयुक्त होंगे सदस्य

राज्य सरकार ने जयपुर शहर में नजूल सम्पत्तियों का कब्जा लेने के लिए गठित समिति में सम्बन्धित क्षेत्र के पुलिस उपाधीक्षक के स्थान पर सहायक पुलिस आयुक्त को सदस्य के रूप में सम्मिलित करने का निर्णय लिया है. इस संबंध में मुख्यमंत्री गहलोत ने सामान्य प्रशासन संपदा विभाग की ओर से प्राप्त प्रस्ताव का अनुमोदन किया है.

प्रस्ताव के अनुसार, नजूल सम्पत्तियों का कब्जा लेने के लिए सम्पदा निदेशालय ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर (प्रशासन)- जयपुर की अध्यक्षता में समिति गठित की हुई है. जयपुर में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली के अस्तित्व में आने के बाद पुलिस उपाधीक्षक का पदनाम सहायक पुलिस आयुक्त हो गया है. इसीलिए उक्त समिति के गठन में संशोधन कर पुलिस उपाधीक्षक के स्थान पर सहायक पुलिस आयुक्त को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है.

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