जयपुर. बाल आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल का कहना है कि आरपीएस वायरल वीडियो मामले में उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई के लिए आयोग ने अनुशंसा की है. साथ ही आयोग ने उन अधिकारियों के खिलाफ भी करवाई के निर्देश दिए हैं, जो इस पूरे मामले को दबाने की कोशिश कर रहे थे.
संगीता बेनीवाल ने कहा कि एक पुलिस अधिकारी और महिला कांस्टेबल का वीडियो बेहद शर्मनाक है. बाल आयोग इसकी निंदा करता है. मामला जानकारी में आने के बाद बाल संरक्षण आयोग ने संज्ञान लेते हुए तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है. आयोग ने मामले को दबाने का प्रयास करने वाले संबंधित अधिकारी समेत मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है, रिपोर्ट में पूछा गया है कि अब तक क्या कार्रवाई की गई है.
बेनीवाल ने कहा कि बाल आयोग की प्राथमिकता बच्चे को लेकर है. बच्चे का उचित पालन-पोषण हो, खान-पान के साथ बच्चे के मानसिक स्तर पर कोई बुरा असर न पड़े, इसके लिए काउंसलिंग कराई जा रही है. बच्चा बाल कल्याण समिति के संरक्षण में हैं. समय-समय पर बाल आयोग उसकी पूरी जानकारी ले रहा है. साथ ही पूरी मॉनिटरिंग की जा रही है कि बच्चा किसी भी तरह से अवसाद में नहीं चला जाए. बच्चे को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है.
बेनीवाल ने कहा कि आयोग ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई को लेकर चिट्ठी लिखी है. इसके साथ इस पूरे मामले को जिसने भी दबाने की कोशिश की है उसके खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. यह बड़ा गंभीर मामला है. जिम्मेदार पद पर बैठे हुए लोग इस तरह करते हैं और उन्हीं के साथी उन्हें बचाने का प्रयास करते हैं. बेनीवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इस पूरे मामले को लेकर नाराज हैं, उन्होंने भी इस पूरे मामले में सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
उदाहरण पेश होना चाहिए
संगीता बेनीवाल ने कहा कि इस मामले में सख्त कार्रवाई करके एक संदेश देने का प्रयास भी किया जाना चाहिए कि कोई भी हो, किसी भी पद पर बैठा हुआ व्यक्ति अगर अपराध करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. किसी बच्चे के साथ में इस तरह की घिनौनी हरकत दोबारा नहीं हो, इसको लेकर एक उदाहरण पेश होना चाहिए. बाल आयोग की तरफ से कोशिश होगी और हम सरकार एवं न्यायालय से यही मांग करते हैं कि इसमें सख्त सख्त कार्रवाई हो.
रक्षक ही भक्षक बन रहे हैं
संगीता बेनीवाल ने कहा कि यह बहुत निंदनीय है, जब रक्षक ही भक्षक बन जाएं तो यह बहुत निंदनीय है. सबसे बड़ा मामला तो यही है कि इस मामले को दबाने की कोशिश की गई. पहले प्रयास किया गया कि इस पूरे मामले को दबा दिया जाए. मामले की गंभीरता को देखते हुए खुद डीजीपी एमएल लाठर मॉनिटरिंग कर रहे हैं.
बर्खास्त करने की तैयारी
वायरल वीडियो में बच्चे की मौजूदगी के चलते पॉस्को एक्ट में मामला दर्ज किया गया है. ऐसे में अब यह माना जा रहा है कि गृह विभाग दोनों आरोपियों को बर्खास्त करने की तैयारी कर रहा है. हालांकि पहले यह मामला पॉक्सो में दर्ज नहीं किया गया था. लेकिन बाद में बच्चे की मौजूदगी को देखते हुए इस धारा में मामला दर्ज किया गया है.