जयपुर. प्रदेश में कोविड-19 महामारी की वजह से स्थगित हुई परीक्षाओं को कराना अब सिस्टम के लिए भी बड़ी परीक्षा साबित हो रहा है. राज्य सरकार ने मध्य जुलाई से यूनिवर्सिटी में परीक्षाएं आयोजन की घोषणा तो की है, लेकिन छात्र अभी भी ट्विटर के माध्यम से परीक्षा का आयोजन नहीं किए जाने और प्रमोट करने की मांग को लेकर कैंपेन चला रहे हैं. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि छात्रों के भविष्य के लिए परीक्षाएं जरूरी है, तभी उनकी डिग्री की वैल्यू बनी रहेगी.
कॉलेज में परीक्षार्थियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर, स्थगित परीक्षाएं करवाने और आगामी शैक्षणिक सत्र शुरू करना राज्य सरकार के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहा है. हालांकि, इसे लेकर बीते दिनों एडवाइजरी जारी की जा चुकी है. जिसमें प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों को प्रोविजनल दूसरी क्लास में प्रमोट किए जाने के आदेश निकाले गए हैं. वहीं, स्नातक तृतीय वर्ष और स्नातकोत्तर उत्तरार्द्ध की परीक्षाएं जुलाई मध्य में करवाने का फैसला लिया गया है. चूंकि इस बार ना सिर्फ छात्रों की बल्कि सिस्टम की भी परीक्षा है. इसपर ईटीवी भारत ने उच्च शिक्षा मंत्री से खास बातचीत की.
परीक्षाएं कराना भी महत्वपूर्ण कार्य: भाटी
मंत्री भाटी ने रहा कि 16 जून से ग्रीष्मावकाश खत्म हो रहे हैं. ऐसे में छात्रों की स्थगित की गई परीक्षाएं कराना भी महत्वपूर्ण कार्य है. इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने यूजी और पीजी फाइनल ईयर क्लास की परीक्षाएं पहले आयोजित कराने का निर्णय लिया है. चूंकि इन छात्रों को कंपटीशन एग्जाम और दूसरे कोर्सेज में भाग लेना होता है. ऐसे में इन परीक्षाओं को प्राथमिकता दी गई है. इनमें भी जिन विषयों में छात्रों की संख्या कम है, उनके पेपर्स का आयोजन पहले होगा. वहीं, परिस्थितियां अनुकूल होने पर शेष कक्षाओं की परीक्षाएं भी आयोजित कराई जाएंगी.
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हालांकि प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामले चिंता का विषय बने हुए हैं. ऐसे परीक्षाएं किस तरह आयोजित होगी? इस सवाल का जवाब देते हुए मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि इसी महीने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाएं आयोजित हो रही हैं. इसके साथ ही उच्च शिक्षा की परीक्षाओं का कार्यक्रम करीब सवा महीने बाद का निर्धारित किया गया है. विद्यार्थी का स्वास्थ्य पहली प्राथमिकता है, उसे ध्यान में रखा जाएगा.
केंद्रों को परीक्षा से पहले और बाद में कराया जाएगा सैनिटाइज
परीक्षा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग बेहद जरूरी है, ऐसे में एग्जाम सेंटर्स दोगुने से ज्यादा किए जा रहे हैं. वहीं स्वास्थ्य विभाग और केंद्र सरकार की गाइड लाइन की भी पालना की जाएगी. उन्होंने बताया कि जिस परीक्षा केंद्र में 120 विद्यार्थी बैठा करते थे, वहां अब 40 विद्यार्थियों को ही बैठाया जाएगा. परीक्षा केंद्रों को परीक्षा से पहले और बाद में सैनिटाइज कराया जाएगा.
उच्च शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि फर्स्ट ईयर, सेकंड ईयर और पीजी प्रीवियस ईयर के छात्रों को प्रोविजनल प्रमोट किया जा रहा है. साथ ही अनुकूल परिस्थितियां होने पर ही बची हुई परीक्षाएं कराई जाएंगी. उन्होंने परीक्षा कराए जाने को छात्रों के हित में बताते हुए कहा कि छात्र किसी परीक्षा को देने के बाद अगली क्लास में प्रमोट होता है, तभी उसकी डिग्री की वैल्यू होगी. यदि बिना परीक्षा दिए छात्र प्रमोट होते हैं, तो छात्रों को अपने करियर में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि भले ही कुछ छात्र ट्विटर पर परीक्षाएं नहीं कराने का कैंपेन चला रहे हैं. लेकिन बहुत से छात्र ऐसे भी हैं, जिन्होंने परीक्षा कराने के लिए राज्य सरकार को लिखा है.
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एग्जाम्स के दौरान छात्र के कोरोना पॉजिटिव आने या कर्फ्यू क्षेत्र में उसका निवास होने की स्थिति पर ऐसे छात्रों के लिए अलग से गाइडलाइन जारी की जाएगी. उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि यदि छात्र परीक्षा देने की स्थिति में नहीं है, तो उनके लिए बाद में अलग से परीक्षाओं का आयोजन कराने का प्रावधान यूनिवर्सिटीज की ओर से किया जा रहा है.