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Special 31 साथ मिले तो बन गया 'किड्स हेल्पिंग हैंड', बच्चों को पढ़ाई के लिए मोटिवेट कर मुस्कुराहट बिखेरना ध्येय - Participation in Different Activities

कहते हैं कि अगर आपके एक छोटे से प्रयास से किसी बच्चे के चेहरे पर मुस्कान आती है और वह एजुकेशन के प्रति मोटिवेट होता है, तो आप इस दुनिया के खुशनसीब इंसानो में से एक हैं. कुछ ऐसे ही जज्बे के साथ गुलाबी नगरी के कुछ मित्रों ने किड्स हेल्पिंग हैंड (Kids Helping Hand) के नाम से एक ग्रुप बनाया. जिसका Aim, सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई में मदद करना है.

Special 31
Special 31 का 'किड्स हेल्पिंग हैंड'
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Published : Nov 5, 2021, 12:06 PM IST

Updated : Nov 5, 2021, 1:44 PM IST

जयपुर: इस ग्रुप में शिक्षक, व्यापारी, वकील और अलग-अलग फील्ड से संबंध रखने वाले हर आयु वर्ग के लोग शामिल हैं. इन सब का उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को स्टेशनरी, बैग, जूते व विद्यालय में ब्लैक बोर्ड/वाइट बोर्ड आदि उपलब्ध कराना और बच्चों को मोटिवेट करने के लिए विभिन्न तरह के कंपटीशन आयोजित करा उपहार देकर पुरस्कृत करना है.


कुछ यूं बनती गई बात!
किड्स हेल्पिंग हैंड ग्रुप (Kids Helping Hand) से जुड़े हुए पुरुषोत्तम कुमार शर्मा (Purushottam Kumar Sharma) ने बताया कि मानसरोवर निवासी उनके मित्र बसंत महिरचंदानी ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर इस ग्रुप का निर्माण किया. इसके बाद ग्रुप से जुड़े हुए सभी सदस्य विभिन्न सरकारी विद्यालयों में संपर्क कर वहां पर पढ़ने वाले बच्चों की जानकारी और विद्यालय में मूलभूत सुविधाओं की स्थिति को लेकर जानकारी इकट्ठा करने लगे.

Special 31 साथ मिले तो बन गया 'किड्स हेल्पिंग हैंड

इसके बाद यह देखा गया कि ऐसे कौन से सरकारी विद्यालय हैं जहां पर मूलभूत सुविधाओं का अभाव है और जहां पर पढ़ने आ रहे बच्चों के पास स्टेशनरी (Stationery) व अन्य सामान मौजूद नहीं है. ऐसे सरकारी विद्यालयों (Government School) को चिन्हित करने के बाद किड्स हेल्पिंग हैंड ग्रुप से जुड़े हुए सभी सदस्यों ने विद्यालय की मूलभूत सुविधाओं के अभाव को दूर करने का प्रयास किया. इसके साथ ही बच्चों को मोटिवेट करते हुए स्टेशनरी व अन्य सामान उपलब्ध करवाया.

पढ़ें- Exclusive : बीजेपी को उपचुनाव में मिली हार का मिशन 2023 पर नहीं पड़ेगा असर: अर्जुन मेघवाल

Motivation का मंत्र

किड्स हेल्पिंग हैंड ग्रुप (Kids Helping Hand) के बसंत महिरचंदनी ने बताया कि ग्रुप के सदस्य हर महीने एक या दो सरकारी विद्यालयों में बच्चों के लिए अलग-अलग तरह की एक्टिविटी आयोजित करते हैं. जैसे दीपावली पर ग्रुप ने चाकसू तहसील के सांवलिया गांव स्थित राजकीय माध्यमिक विद्यालय में ड्राइंग कंपटीशन का आयोजन किया. जिसमें कक्षा एक से कक्षा 10 तक के तकरीबन 200 विद्यार्थियों ने भाग लिया. कंपटीशन में पहले तीन स्थान पर रहने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया और इसके साथ ही विद्यालय में मौजूद सभी विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट, स्टेशनरी का सामान और चॉकलेट प्रदान की गई. दीपावली के त्यौहार से पहले उपहार पाकर सभी विद्यार्थियों के चेहरे पर मुस्कान नजर आई और साथ ही विद्यालय के सभी शिक्षक भी प्रसन्न नजर आए.


और विद्यालयों में बढ़ी विद्यार्थियों की संख्या

किड्स हेल्पिंग हैंड ग्रुप के सदस्य अमित मथुरिया ने बताया कि Activities से बच्चे काफी मोटिवेट हुए हैं. परिणाम सकारात्मक हैं. न केवल स्टूडेंट्स मन लगाकर पढ़ाई और अन्य गतिविधियों (Participation in Different Activities ) में भाग ले रहे हैं बल्कि अनेक सरकारी विद्यालयों में पहले की तुलना में विद्यार्थियों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. डांस, ड्राइंग व अन्य तरह के कंपटीशन आयोजित करने और विद्यार्थियों को पुरस्कृत करने के चलते गांव या कस्बे के वह बच्चे जो स्कूल नहीं जाते थे, वह भी मोटिवेट हुए और उन्होंने भी स्कूल आना शुरू कर दिया.


आयोजन मायने रखते हैं

चाकसू (Chaksu) तहसील के सांवलिया गांव स्थित राजकीय माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक रामकिशन मीणा ने बताया सरकारी विद्यालयों में विद्यार्थियों को मोटिवेट करने के लिए इस तरह के आयोजन और सहयोग बहुत मायने रखते हैं. किड्स हेल्पिंग हैंड ग्रुप के सदस्यों ने विद्यालय में आकर जिस तरह से बच्चों को मोटिवेट किया और पढ़ाई से संबंधित सामग्री वितरित की वो ना केवल विद्यालय के लिए बल्कि विद्यार्थियों के लिए भी बहुत मायने रखता है. इस तरह की एक्टिविटी से विद्यार्थियों में आत्मविश्वास बढ़ता है और वह अपने पढ़ाई के प्रति और भी ज्यादा प्रेरित होते हैं.

राजस्थान सरकार भी चाहती है भामाशाह करें मदद

चाकसू तहसील के सांवलिया गांव स्थित राजकीय माध्यमिक विद्यालय के वरिष्ठ अध्यापक अमित माथुर ने बताया कि जब भी कोई भामाशाह सरकारी विद्यालयों में आकर आर्थिक या अन्य रूप से मदद करता है तो वह विद्यालय के साथ-साथ विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण होती है.

राजस्थान सरकार भी चाहती है कि भामाशाह प्रदेश में सरकारी विद्यालयों की मदद करें ताकि विद्यार्थियों को एक सुनहरे भविष्य के बेहतर अवसर मिल सके. सांवलिया गांव में भी जिस इमारत में राजकीय माध्यमिक विद्यालय का संचालन किया जा रहा है वो भी एक भामाशाह की देन है . भामाशाह से जो अनुदान प्राप्त होता है उस पर बहुत कुछ निर्भर करता है. इससे ना केवल बच्चे मोटिवेट होते हैं बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेने के लिए उनका बेस मजबूत होता है.

जयपुर: इस ग्रुप में शिक्षक, व्यापारी, वकील और अलग-अलग फील्ड से संबंध रखने वाले हर आयु वर्ग के लोग शामिल हैं. इन सब का उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को स्टेशनरी, बैग, जूते व विद्यालय में ब्लैक बोर्ड/वाइट बोर्ड आदि उपलब्ध कराना और बच्चों को मोटिवेट करने के लिए विभिन्न तरह के कंपटीशन आयोजित करा उपहार देकर पुरस्कृत करना है.


कुछ यूं बनती गई बात!
किड्स हेल्पिंग हैंड ग्रुप (Kids Helping Hand) से जुड़े हुए पुरुषोत्तम कुमार शर्मा (Purushottam Kumar Sharma) ने बताया कि मानसरोवर निवासी उनके मित्र बसंत महिरचंदानी ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर इस ग्रुप का निर्माण किया. इसके बाद ग्रुप से जुड़े हुए सभी सदस्य विभिन्न सरकारी विद्यालयों में संपर्क कर वहां पर पढ़ने वाले बच्चों की जानकारी और विद्यालय में मूलभूत सुविधाओं की स्थिति को लेकर जानकारी इकट्ठा करने लगे.

Special 31 साथ मिले तो बन गया 'किड्स हेल्पिंग हैंड

इसके बाद यह देखा गया कि ऐसे कौन से सरकारी विद्यालय हैं जहां पर मूलभूत सुविधाओं का अभाव है और जहां पर पढ़ने आ रहे बच्चों के पास स्टेशनरी (Stationery) व अन्य सामान मौजूद नहीं है. ऐसे सरकारी विद्यालयों (Government School) को चिन्हित करने के बाद किड्स हेल्पिंग हैंड ग्रुप से जुड़े हुए सभी सदस्यों ने विद्यालय की मूलभूत सुविधाओं के अभाव को दूर करने का प्रयास किया. इसके साथ ही बच्चों को मोटिवेट करते हुए स्टेशनरी व अन्य सामान उपलब्ध करवाया.

पढ़ें- Exclusive : बीजेपी को उपचुनाव में मिली हार का मिशन 2023 पर नहीं पड़ेगा असर: अर्जुन मेघवाल

Motivation का मंत्र

किड्स हेल्पिंग हैंड ग्रुप (Kids Helping Hand) के बसंत महिरचंदनी ने बताया कि ग्रुप के सदस्य हर महीने एक या दो सरकारी विद्यालयों में बच्चों के लिए अलग-अलग तरह की एक्टिविटी आयोजित करते हैं. जैसे दीपावली पर ग्रुप ने चाकसू तहसील के सांवलिया गांव स्थित राजकीय माध्यमिक विद्यालय में ड्राइंग कंपटीशन का आयोजन किया. जिसमें कक्षा एक से कक्षा 10 तक के तकरीबन 200 विद्यार्थियों ने भाग लिया. कंपटीशन में पहले तीन स्थान पर रहने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया और इसके साथ ही विद्यालय में मौजूद सभी विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट, स्टेशनरी का सामान और चॉकलेट प्रदान की गई. दीपावली के त्यौहार से पहले उपहार पाकर सभी विद्यार्थियों के चेहरे पर मुस्कान नजर आई और साथ ही विद्यालय के सभी शिक्षक भी प्रसन्न नजर आए.


और विद्यालयों में बढ़ी विद्यार्थियों की संख्या

किड्स हेल्पिंग हैंड ग्रुप के सदस्य अमित मथुरिया ने बताया कि Activities से बच्चे काफी मोटिवेट हुए हैं. परिणाम सकारात्मक हैं. न केवल स्टूडेंट्स मन लगाकर पढ़ाई और अन्य गतिविधियों (Participation in Different Activities ) में भाग ले रहे हैं बल्कि अनेक सरकारी विद्यालयों में पहले की तुलना में विद्यार्थियों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. डांस, ड्राइंग व अन्य तरह के कंपटीशन आयोजित करने और विद्यार्थियों को पुरस्कृत करने के चलते गांव या कस्बे के वह बच्चे जो स्कूल नहीं जाते थे, वह भी मोटिवेट हुए और उन्होंने भी स्कूल आना शुरू कर दिया.


आयोजन मायने रखते हैं

चाकसू (Chaksu) तहसील के सांवलिया गांव स्थित राजकीय माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक रामकिशन मीणा ने बताया सरकारी विद्यालयों में विद्यार्थियों को मोटिवेट करने के लिए इस तरह के आयोजन और सहयोग बहुत मायने रखते हैं. किड्स हेल्पिंग हैंड ग्रुप के सदस्यों ने विद्यालय में आकर जिस तरह से बच्चों को मोटिवेट किया और पढ़ाई से संबंधित सामग्री वितरित की वो ना केवल विद्यालय के लिए बल्कि विद्यार्थियों के लिए भी बहुत मायने रखता है. इस तरह की एक्टिविटी से विद्यार्थियों में आत्मविश्वास बढ़ता है और वह अपने पढ़ाई के प्रति और भी ज्यादा प्रेरित होते हैं.

राजस्थान सरकार भी चाहती है भामाशाह करें मदद

चाकसू तहसील के सांवलिया गांव स्थित राजकीय माध्यमिक विद्यालय के वरिष्ठ अध्यापक अमित माथुर ने बताया कि जब भी कोई भामाशाह सरकारी विद्यालयों में आकर आर्थिक या अन्य रूप से मदद करता है तो वह विद्यालय के साथ-साथ विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण होती है.

राजस्थान सरकार भी चाहती है कि भामाशाह प्रदेश में सरकारी विद्यालयों की मदद करें ताकि विद्यार्थियों को एक सुनहरे भविष्य के बेहतर अवसर मिल सके. सांवलिया गांव में भी जिस इमारत में राजकीय माध्यमिक विद्यालय का संचालन किया जा रहा है वो भी एक भामाशाह की देन है . भामाशाह से जो अनुदान प्राप्त होता है उस पर बहुत कुछ निर्भर करता है. इससे ना केवल बच्चे मोटिवेट होते हैं बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेने के लिए उनका बेस मजबूत होता है.

Last Updated : Nov 5, 2021, 1:44 PM IST
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