जयपुर. हाल के दौर में राजस्थान की सियासत में 'निकम्मा' शब्द को लेकर खासा बवाल मचा था. जाहिर है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और विधायक सचिन पायलट को लेकर (CM Gehlot on Sachin Pilot) यह बात कही थी. जिस पर पलटवार करते हुए सचिन पायलट ने भी इशारों इशारों में गहलोत को जवाब दिया था. लेकिन अब इस शब्द का इस्तेमाल भारतीय संसदीय प्रणाली के अनुसार असंसदीय होगा. हाल ही में जारी लिस्ट को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है.
इस मसले पर कांग्रेस नेताओं ने जमकर ट्विटर पर सरकार को भी घेरने की कोशिश की है. वहीं, खास बात यह है कि इस बारे में (Apposition Leaders Taunt on Modi Government) ज्यादा आदेश में राजस्थान में प्रचलित शब्दों के बारे में भी जानकारी दी गई है. 18 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले सदस्यों के उपयोग के लिए जारी इस संकलन में ऐसे शब्द या वाक्य शामिल हैं, जिन्हें लोकसभा, राज्यसभा और राज्य विधानसभाओं में वर्ष 2021 में असंसदीय घोषित किया गया था.
ये है संसदीय शब्दों की नई गाइडलाइन : लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी नई बुकलेट के अनुसार, ऐसे शब्दों के प्रयोग को अमर्यादित आचरण माना जाएगा और ये सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं होंगे. लोकसभा सचिवालय ने असंसदीय शब्द, 2021 शीर्षक के तहत ऐसे शब्दों एवं वाक्यों का नया संकलन तैयार किया है, जिन्हें असंसदीय अभिव्यक्ति की श्रेणी में रखा गया है. 18 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले सदस्यों के इस्तेमाल के लिए जारी किए गए इस संकलन में ऐसे शब्दों या वाक्यों को शामिल किया गया है, जिन्हें लोकसभा, राज्यसभा और राज्यों के विधानमंडलों में वर्ष 2021 में असंसदीय घोषित किया गया था.
लंबी है असंसदीय शब्दों की सूची : लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी नई पुस्तिका के अनुसार, ऐसे शब्दों के प्रयोग को 'गैरकानूनी आचरण' माना जाएगा और यह सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं होगा. लोकसभा सचिवालय ने असंसदीय शब्द, 2021 शीर्षक के तहत ऐसे शब्दों और वाक्यों का एक नया संकलन तैयार किया है, जिन्हें असंसदीय अभिव्यक्तियों की श्रेणी में रखा गया है.
संसद में इन शब्दों के इस्तेमाल पर अब बैन :
- जुमलाजीवी
- बालबुद्धि
- कोविड स्प्रेडर
- स्नूपगेट
- शर्मिंदा
- दुर्व्यवहार
- विश्वासघात
- भ्रष्ट
- नाटक
- पाखंड
- अक्षम
- धोखा
- अराजकतावादी
- शकुनी
- तानाशाह
- तानाशाही
- जयचंद
- विनाश पुरुष
- खालिस्तानी
- खून से खेती
- दोहरा चरित्र
- निकम्मा
- नौटंकी
- ढिंडोरा पीटना
- बहरी सरकार
- चमचा
- चमचागिरी
- चेला
- बचकानापन
- कायर
- अपराधी
- घड़ियाली आंसू
- अपमान
- गधा
- चश्मदीद
- गुंडागर्दी
- भ्रामक
- झूठ
- असत्य
- गदर
- गिरगिट
- गुंडे
- अपमान
- अहंकार
- काला दिन
- काला बाजारी
- खरीद-फरोख्त
- दलाल
- पिट्ठू
- संवेदनाहीन
- लॉलीपॉप
- दादागिरी
- दंगा
- बेचारा
अंग्रेजी के ये शब्द भी असंसदीय :
- ब्लडशेड
- ब्लडी
- बेट्रायेड
- अशेम्ड
- अब्यूज्ड
- चीटेड
- अनार्किस्ट
- डिसग्रेस
- कावर्ड
- क्रिमिनल
- मिसलीड
- इनकॉम्पिटेंट
- हिपोक्रेसी
- हूलीगनिज्म
राजस्थान में भी प्रचलित शब्दों को माना असंसदीय : असंसदीय अभिव्यक्ति के संकलन में राजस्थान विधानसभा में असंसदीय घोषित कुछ शब्दों को भी रखा गया है. जिसमें कांव-कांव करना, तलवे चाटना, तड़ीपार, तुर्रम खां और झारखंड विधानसभा में अससंदीय घोषित कई घाट का पानी पीना, ठेंगा दिखाना आदि शामिल हैं. इसी तरह छत्तीसगढ़ विधानसभा में कार्यवाही से हटाए गए कुछ शब्द या वाक्यों को भी रखा गया है, जिनमें बॉब कट हेयर, गरियाना, अंट-शंट, उच्चके, उल्टा चोर कोतवाल को डांटे आदि शामिल हैं.
नियम 381 के मुताबिक हटाया जाता है असंसदीय या अभद्र या असंवेदनशील शब्दों को : लोकसभा में कामकाज की प्रक्रिया एवं आचार के नियम 380 के मुताबिक, अगर अध्यक्ष को लगता है कि चर्चा के दौरान अपमानजनक या असंसदीय या अभद्र या असंवेदनशील शब्दों का इस्तेमाल किया गया है, तो वे सदन की कार्यवाही से उन्हें हटाने का आदेश दे सकते हैं. वहीं, नियम 381 के अनुसार, सदन की कार्यवाही का जो हिस्सा हटाना होता है, उसे चिन्हित करने के बाद कार्यवाही में एक नोट इस तरह से डाला जाता है कि अध्यक्ष के आदेश के मुताबिक इसे हटाया गया.
रामनारायण मीणा ने क्या कहा ? : राजस्थान विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष और पीपल्दा विधायक रामनारायण मीणा ने हाल ही में संसद सचिवालय की ओर से जारी की गई शब्दावली को लेकर अपनी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि लोकसभा सचिवालय में असंसदीय शब्दों को लेकर जारी की गई गाइडलाइन को इतिहास में काले अध्याय के रूप में देखा जाएगा. यह जनप्रतिनिधियों के मुंह को बांधने की साजिश है. रामनारायण मीणा ने अपने प्रतिद्वंदी प्रत्याशी और मौजूदा लोकसभा अध्यक्ष से अपील भी की है कि इस कदम को वापस लें.