जयपुर. सचिन पायलट सहित 19 बागी विधायकों पर विधानसभा स्पीकर शुक्रवार शाम 5 बजे तक कोई कार्रवाई नहीं करेंगे. वहीं, हाईकोर्ट की खंडपीठ में मामले की सुनवाई दोपहर 1 बजे होगी. विधानसभा स्पीकर और सचिन पायलट पक्ष की ओर से उनके वकीलों ने हाईकोर्ट में एक सहमति पत्र पेश किया है.
सहमति पत्र में कहा गया कि मामले में स्पीकर भी शुक्रवार दोपहर 1 बजे सुनवाई करने वाले हैं. ऐसे में अब स्पीकर ने मामले की सुनवाई शाम 5 बजे तक स्थगित कर दी है. इसके अलावा पांच बजे तक स्पीकर बागी विधायकों पर कोई कार्रवाई भी नहीं करेंगे. इसलिए मामले की सुनवाई शुक्रवार 1 बजे रख दी जाए.
सचिन पायलट और अन्य बागी विधायकों की ओर से भी इस सहमति पत्र पर अपनी सहमति जताते हुए मामले की सुनवाई कल दोपहर एक बजे करने की गुहार की है. ऐसे में अब स्पीकर को बागी विधायकों पर कार्रवाई से पूर्व हाईकोर्ट के आदेश का इंतजार करना होगा. यदि हाईकोर्ट से विधायकों को राहत मिल जाती है तो स्पीकर हाइकोर्ट के आदेश से बाध्य होंगे और बागी विधायकों के लिए यह बड़ी राहत होगी.
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सचिन पायलट गुट की दलील
सचिन पायलट गुट की ओर से एकलपीठ के समक्ष यह भी दलील दी गई कि कांग्रेस विधायक दल की 2 बैठकों में ना रहने से दलबदलू कानून लागू नहीं हो जाता है. संविधान की 10वीं अनुसूची के मुताबिक दलबदल विरोधी कानून लगाया जा सकता है, अगर सदस्य स्वैच्छिक तौर पर पार्टी को छोड़ देता है या फिर विधानसभा में पार्टी के आदेश के विपरीत वोट करता है.
इन विधायकों को भेजा गया है नोटिस
स्पीकर की ओर से पूर्व में नोटिस जिन विधायकों को भेजा गया है. उनमें शामिल हैं सचिन पायलट, रमेश मीणा, इंद्राज गुर्जर, गजराज खटाना, राकेश पारीक, मुरारी मीणा, पी.अर.मीणा, सुरेश मोदी, भंवर लाल शर्मा, वेदप्रकाश सोलंकी, मुकेश भाकर, रामनिवास गावड़िया, हरीश मीणा, बृजेन्द्र ओला, हेमाराम चौधरी, विश्वेन्द्र सिंह, अमर सिंह, दीपेंद्र सिंह और गजेंद्र शक्तावत.