जयपुर. राजस्थान विधानसभा में स्पीकर सीपी जोशी अपने सख्त और अनुशासनात्मक रवैया के लिए जाने जाते हैं. शून्य काल में भी जोशी का सरकार के मंत्रियों को लेकर शक्ति पूर्ण रवैया नजर आया. जब स्पीकर ने मंत्रियों को शून्यकाल में विधायी कार्य होने तक मौजूद रहने के निर्देश दिए और ये तक कह दिया कि मंत्री सदन में विभाग का कामकाज निपटाने के बजाय अपने चेंबर में बैठकर ही निपटाए.
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दरअसल, स्पीकर सीपी जोशी इस बात को लेकर काफी नाराज थे कि शून्यकाल जैसे महत्वपूर्ण समय में अधिकतर मंत्री सदन से गायब हो जाते हैं. यही कारण था कि जोशी ने बुधवार को शून्यकाल के दौरान ये निर्देश दे दिए. स्पीकर ने मुख्य सचेतक महेश जोशी को भी कहा कि वे इस तरह की व्यवस्था करवाने का काम करें. जोशी के अनुसार, शून्यकाल बेहद महत्वपूर्ण होता है. क्योंकि, इसमें स्थगन और नियम 295 के तहत प्रश्न उठाए जाते हैं. ऐसे में यदि मंत्री सदन में उपस्थित नहीं रहेगा, तो फिर स्थगन प्रस्ताव और नियम 295 के तहत उठाए जाने वाले प्रश्नों की प्रासंगिकता समाप्त हो जाएगी.