जयपुर. पूरे प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत अनाज और अन्य सामग्री का वितरण जनता को सालों से किया जाता रहा है, लेकिन अब सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राजस्थान में केरोसिन को देना पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. प्रदेश को केरोसिन मुक्त करने की फाइल भी राज्य सरकार को भेजी हुई है और जल्द ही विभाग की ओर से इसकी घोषणा की जाएगी.
पीडीएस सिस्टम के जरिए जनता को केरोसिन सालों से उपलब्ध कराया जा रहा है, जिन लोगों के पास गैस का कनेक्शन नहीं है, उन्हीं लोगों को केरोसिन वितरित किया जाता है. लेकिन अब खाद्य विभाग ने केरोसिन को देना बंद कर दिया है. अंतिम बार बांसवाड़ा जिले को ही केरोसिन का आवंटन खाद्य विभाग ने किया था. जानकारी के अनुसार जिला कलेक्टरों ने खाद्य विभाग को केरोसिन को लेकर अपनी डिमांड भी भेजी थी, लेकिन अब तक किसी भी जिले को केरोसिन उपलब्ध नहीं कराया गया है.
प्रदेश में घरेलू गैस कनेक्शन जनता को आसानी से उपलब्ध हो रहा है. इसके अलावा केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना के तहत भी लोगों को बिना किसी परेशानी के गैस कनेक्शन मिल रहा है. इसके बावजूद भी केरोसिन की डिमांड लगातार आ रही थी. विभाग ने इसे लेकर कालाबाजारी का अंदेशा भी जताया था. 5 साल पहले 33 जिलों में 4 करोड़ लीटर केरोसिन आवंटित हुआ था. जिसकी कीमत 280 करोड़ रुपए थी और इसमें सरकारी सब्सिडी 150 करोड़ रुपये होती है. 2014 में 1 लीटर केरोसिन की कीमत 14.96 रुपये हुआ करती थी, जो अब बढ़कर 35 रुपये हो चुकी है.
खाद्य विभाग ने 2018 से जिलों को केरोसिन फ्री करने का काम शुरू किया था और अब जाकर सभी 33 जिलों को केरोसिन से मुक्त किया गया है. 2021 में जोधपुर, जयपुर, कोटा, अलवर अजमेर को केरोसिन फ्री किया गया है. बाकी जिले इससे पहले ही केरोसिन फ्री हो चुके हैं. 2020 में 14 जिलों को केरोसिन फ्री किया गया था. अंतिम जिले के रूप में बांसवाड़ा को केरोसिन फ्री किया गया है.