जयपुर. सावन के महीने को भगवान भोलेनाथ की पूजा और मनोकामनाओं की पूर्ति का पावन महीना माना जाता है. इस महीने में की गई पूजा-अर्चना से भोलेनाथ प्रसन्न होते है. ऐसे में आज सावन का तीसरा सोमवार है, खास बात यह है कि आज ही के दिन हरियाली अमावस्या का पर्व भी विशेष योग संयोगों के बीच मनाया जाएगा.
ऐसे तो सावन में आने वाले सभी सोमवार को भगवान शिव की विशेष आराधना की जाती है, लेकिन जब 47 वर्षो बाद हरियाली अमावस्या (सोमवती अमावस्या) का आना विशेष महत्व रखता है. सावन में हरियाली अमावस्या श्रावण शिवरात्रि के दूसरे दिन आती है. इस बार अमावस्या और पूर्णिमा दोनों सोमवार के दिन है. ऐसे में आज के दिन सोमवती अमावस्या पर श्रद्धालुओं को भगवान भोलेनाथ की पूजा का सहस्त्र गुणा फल मिलेगा.
वहीं दान पुण्य और पेड़-पौधों की पूजा के लिहाज से विशेष फलदाई सोमवती अमावस्या के दिन पुनर्वसु नक्षत्र के साथ ही हर्षल योग है. सोमवती अमावस्या पर हर्ष राशि के जातकों को भोलेनाथ और भगवान विष्णु की पूजा का कई गुना फल मिलेगा. बता दें कि, साल 2000 के बाद इस बार श्रावण मास में हरियाली अमावस्या का आना संयोग बना है.
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इस दिन पीपल-तुलसी की पूजा विशेष फल देने वाली होने के साथ ही प्रत्येक मनुष्य को इस दिन पौधा लगाकर देखरेख करने का संकल्प लेना चाहिए. वहीं 47 वर्षों के बाद इस बार सोमवती अमावस्या के साथ ही सोमवती पूर्णिमा का भी अनूठा संयोग है.