ETV Bharat / city

SOG में फैले भ्रष्टाचार का पोस्टमार्टम करने में जुटे ACB के आला अधिकारी...

राजस्थान में बढ़ रहे हथियार तस्करी, मादक पदार्थों की तस्करी और गैंगवार पर नकेल कसने के लिए गहलोत सरकार द्वारा स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) के अधिकारियों को खुली छूट दी गई. लेकिन इस छूट का एसओजी के अधिकारियों द्वारा गलत फायदा उठाया गया. इसके साथ ही जनता को राहत देने के लिए गठित की गए एसओजी के अधिकारी भी भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने लगे.

जयपुर न्यूज, jaipur news, ईटीवी भारत हिन्दी न्यूज, etv bharat hindi news
एसओजी के अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त...
author img

By

Published : Jul 5, 2020, 5:50 PM IST

जयपुर. एसओजी यानी स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप, जिसका नाम सुनते ही प्रदेश में बड़े-बड़े बदमाशों के हाथ-पांव फूल जाते हैं और घोटालेबाजों के पसीने छूट जाते हैं. उसी एसओजी के आला अधिकारी अब भ्रष्टाचार के गंदे खेल में लिप्त पाए गए हैं.

एसओजी के अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त...

एसीबी द्वारा एसओजी में फैल रहे भ्रष्टाचार के प्रकरण का हाल ही में खुलासा किया गया है, जिसमें एक क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी से संबंधित प्रकरण की जांच पूरी करने और एफआईआर दर्ज नहीं करने की एवज में एसओजी के एडिशनल एसपी सत्यपाल मिड्ढा द्वारा परिवादी से 2 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी गई. रिश्वत की पहली किस्त 30 लाख रुपए देना तय हुआ, जिसकी डील राजधानी जयपुर में मन्नत टावर नामक एक सोसाइटी में की गई. इसका सत्यापन एसीबी द्वारा किया गया और फिर एसीबी द्वारा एसओजी के अधिकारियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की गई है.

मामला उजागर होते ही सरकार ने लिया एक्शन...

एसीबी द्वारा एसओजी के अधिकारियों के भ्रष्टाचार में लिप्त होने के प्रकरण को उजागर करने के बाद राजस्थान सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एसओजी के एडीजी अनिल पालीवाल का तबादला कर दिया. इसके साथ ही रिश्वत की डिमांड करने वाले एडिशनल एसपी सत्यपाल मिड्ढा को भी एसओजी से हटा दिया गया. आनंदपाल जैसे खूंखार गैंगस्टर का एनकाउंटर करने वाले, विभिन्न क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के अरबों रुपए के घोटालों का खुलासा करने वाले स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के अधिकारी ही जब खुद भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हुए पाए गए तो सरकार ने भी तुरंत एक्शन लेते हुए अधिकारियों के तबादले कर दिए.

एसीबी एडीजी दिनेश एमएन के रडार पर SOG के अधिकारी...

एसीबी एडीजी दिनेश एमएन एसओजी में फैल रहे भ्रष्टाचार के इस पूरे प्रकरण की एसीबी द्वारा की जा रही जांच की मॉनिटरिंग कर रहे हैं.उनके रडार पर एसओजी के कई अधिकारी हैं. गौरतलब है कि दिनेश एमएन जब आईजी रैंक के अधिकारी थे तो वह खुद एसओजी में पदस्थापित थे. इस दौरान उन्होंने कई बड़े प्रकरण उजागर किए थे.

पढ़ेंः SOG की कार्रवाई, करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले 3 ठग गिरफ्तार

अब उनके सामने एक ऐसा मौका आया है जब वह एसीबी में एडीजी हैं और एसओजी में फैल रहे भ्रष्टाचार के प्रकरण की जांच उनके सुपरविजन में की जा रही है. एसओजी में फैले भ्रष्टाचार की जड़ें काफी गहरी हैं, जिन्हें उखाड़कर फेंकने का काम एसीबी डीजी आलोक त्रिपाठी और एडीजी दिनेश एमएन के सुपरविजन में एसीबी की टीम द्वारा किया जा रहा है.

पढे़ंः SOG के एडिशनल एसपी पर एडीजी के नाम पर 2 करोड़ की रिश्वत मागने का आरोप, ACB में केस दर्ज

हाल ही में भरतपुर डीआईजी लक्ष्मण गौड़ के नाम पर रिश्वत मांगने के एक बड़े खेल का एसीबी द्वारा पर्दाफाश किया गया और उसकी जांच के सिलसिले में खुद एडीजी दिनेश एमएन भरतपुर पहुंचे. डीआईजी के नाम पर रिश्वत मांगे जाने के प्रकरण की जांच अभी चल ही रही थी कि एसीबी के पास उससे भी बड़ा एक प्रकरण आया जो एसओजी में फैल रहे भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है. फिलहाल, देखना होगा कि एसओजी में फैल रहे भ्रष्टाचार के इस खेल में और कौन-कौन अधिकारी लिप्त हैं जिनका चेहरा एसीबी द्वारा बेनकाब किया जाता है.

जयपुर. एसओजी यानी स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप, जिसका नाम सुनते ही प्रदेश में बड़े-बड़े बदमाशों के हाथ-पांव फूल जाते हैं और घोटालेबाजों के पसीने छूट जाते हैं. उसी एसओजी के आला अधिकारी अब भ्रष्टाचार के गंदे खेल में लिप्त पाए गए हैं.

एसओजी के अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त...

एसीबी द्वारा एसओजी में फैल रहे भ्रष्टाचार के प्रकरण का हाल ही में खुलासा किया गया है, जिसमें एक क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी से संबंधित प्रकरण की जांच पूरी करने और एफआईआर दर्ज नहीं करने की एवज में एसओजी के एडिशनल एसपी सत्यपाल मिड्ढा द्वारा परिवादी से 2 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी गई. रिश्वत की पहली किस्त 30 लाख रुपए देना तय हुआ, जिसकी डील राजधानी जयपुर में मन्नत टावर नामक एक सोसाइटी में की गई. इसका सत्यापन एसीबी द्वारा किया गया और फिर एसीबी द्वारा एसओजी के अधिकारियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की गई है.

मामला उजागर होते ही सरकार ने लिया एक्शन...

एसीबी द्वारा एसओजी के अधिकारियों के भ्रष्टाचार में लिप्त होने के प्रकरण को उजागर करने के बाद राजस्थान सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एसओजी के एडीजी अनिल पालीवाल का तबादला कर दिया. इसके साथ ही रिश्वत की डिमांड करने वाले एडिशनल एसपी सत्यपाल मिड्ढा को भी एसओजी से हटा दिया गया. आनंदपाल जैसे खूंखार गैंगस्टर का एनकाउंटर करने वाले, विभिन्न क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के अरबों रुपए के घोटालों का खुलासा करने वाले स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप के अधिकारी ही जब खुद भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हुए पाए गए तो सरकार ने भी तुरंत एक्शन लेते हुए अधिकारियों के तबादले कर दिए.

एसीबी एडीजी दिनेश एमएन के रडार पर SOG के अधिकारी...

एसीबी एडीजी दिनेश एमएन एसओजी में फैल रहे भ्रष्टाचार के इस पूरे प्रकरण की एसीबी द्वारा की जा रही जांच की मॉनिटरिंग कर रहे हैं.उनके रडार पर एसओजी के कई अधिकारी हैं. गौरतलब है कि दिनेश एमएन जब आईजी रैंक के अधिकारी थे तो वह खुद एसओजी में पदस्थापित थे. इस दौरान उन्होंने कई बड़े प्रकरण उजागर किए थे.

पढ़ेंः SOG की कार्रवाई, करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले 3 ठग गिरफ्तार

अब उनके सामने एक ऐसा मौका आया है जब वह एसीबी में एडीजी हैं और एसओजी में फैल रहे भ्रष्टाचार के प्रकरण की जांच उनके सुपरविजन में की जा रही है. एसओजी में फैले भ्रष्टाचार की जड़ें काफी गहरी हैं, जिन्हें उखाड़कर फेंकने का काम एसीबी डीजी आलोक त्रिपाठी और एडीजी दिनेश एमएन के सुपरविजन में एसीबी की टीम द्वारा किया जा रहा है.

पढे़ंः SOG के एडिशनल एसपी पर एडीजी के नाम पर 2 करोड़ की रिश्वत मागने का आरोप, ACB में केस दर्ज

हाल ही में भरतपुर डीआईजी लक्ष्मण गौड़ के नाम पर रिश्वत मांगने के एक बड़े खेल का एसीबी द्वारा पर्दाफाश किया गया और उसकी जांच के सिलसिले में खुद एडीजी दिनेश एमएन भरतपुर पहुंचे. डीआईजी के नाम पर रिश्वत मांगे जाने के प्रकरण की जांच अभी चल ही रही थी कि एसीबी के पास उससे भी बड़ा एक प्रकरण आया जो एसओजी में फैल रहे भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ है. फिलहाल, देखना होगा कि एसओजी में फैल रहे भ्रष्टाचार के इस खेल में और कौन-कौन अधिकारी लिप्त हैं जिनका चेहरा एसीबी द्वारा बेनकाब किया जाता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.