जयपुर. प्रदेश के सबसे बड़े सवाईमान सिंह अस्पताल की लाइफलाइन में भ्रष्टाचार की आग एक बार फिर सुलगती दिखाई दे रही है. पूरे मामले में भले ही अभी तक दोषी चिकित्सकों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. लेकिन मिलीभगत करने वाली फर्मों पर सख्ती शुरू कर दी गई है. पिछले 8 सालों में एलडी के रूप में जुर्माने से बच रही सभी फर्मों से अस्पताल प्रशासन 3 करोड़ 41 लाख रुपए से ज्यादा की राशि की जल्द वसूली शुरू करेगा.
बता दें कि करीब एक साल के लंबे इंतजार के बाद हुई शुक्रवार को अस्पताल के आरएमआरएस की बैठक में लाइफ लाइन से जुड़े इस महत्वपूर्ण दस्तावेज को मंजूरी दे दी गई. चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक की शुरुआत नाराजगी से हुई.
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दरअसल, अस्पताल प्रशासन ने बैठक का एजेंडा सदस्यों को नहीं भेजा. ऐसे में सदस्यों ने अस्पताल प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाते हुए नाराजगी जताई. इसके बाद शुरू हुई बैठक में अस्पताल का पूरे साल भर का आय-व्यय का ब्यौरा पेश किया गया. वहीं, इस बैठक के बाद वैभव गालरिया ने लाइफ लाइन की वसूली के प्रस्ताव को मंजूरी देने की जानकारी दी. साथ ही कहा कि पिछले एक साल में आय के मुकाबले करीब 2.5 करोड रुपए अधिक खर्च हुए हैं.
ऐसे में अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिए कि वह राजस्व में बढ़ोतरी के लिए रास्ता खोजें. इसके साथ ही विभिन्न विभागों में विकास कार्यों के 4.30 करोड़ रुपए के प्रस्ताव भी मंजूर किए गए. साथ ही इस बैठक में कई सेवाओं के शुल्क में बढ़ोतरी के प्रस्ताव भी शामिल थे. लेकिन समय के अभाव में इन प्रस्तावों को कुछ दिनों बाद बैठक आयोजित करने के निर्णय के साथ ही लंबित रखा गया है.