जयपुर. प्रदेश के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल में 1 जून से मरीजों को काफी बदलाव देखने को मिलेगा. कोरोना महामारी के चलते आम मरीजों से दूर हुए एसएमएस अस्पताल को फिर से सामान्य मरीजों यानी नॉन कोविड पेशेंट के लिए शुरू करने की कवायद जोर शोर से चल रही है. चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा के निर्देश के बाद अस्पताल अधीक्षक डॉ. राजेश शर्मा ने कोरोना की गाइडलाइन की पालना करते हुए अस्पताल को नॉन कोविड मरीजों के लिए शुरू करने का एक्शन प्लान तैयार किया है.
दरअसल, करीब 3 महीने के बाद फिर से एसएमएस अस्पताल सामान्य मरीजों के लिए तैयार हो रहा है. ऐसे में आखिर अस्पताल को फिर से आम मरीजों के लिए शुरू करने में क्या-क्या चुनौतियां रहेगी और इनसे निपटने के लिए क्या-क्या प्लान बनाया गया है इसको लेकर अब संदिग्ध मरीजों पर पैनी नजर रहेगी.
बता दें, कि सर्दी, खांसी और जुकाम के मरीजों के लिए अलग से रजिस्ट्रेशन काउंटर बनाया जाएगा. ऐसे में संदिग्ध मरीजों के लिए अलग से ओपीडी चलाई जाएगी. साथ ही जब तक मरीज की कोरोना रिपोर्ट नहीं आएगी, तब तक उसे डेडीकेटेड वार्ड में रखकर चिकित्सा सुविधाएं दी जाएगी.
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अगर इसके बाद यदि मरीज की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई तो उसे तत्काल आरयूएचएस में शिफ्ट कर दिया जाएगा. हालांकि एक्शन प्लान तैयार करने में प्रबंधन का फोकस सबसे बड़ी चुनौती क्राउड मैनेजमेंट पर रही. ओपीडी में लोगों की भीड़ को मैनेज करने के लिए एक-एक घंटे में सीमित लोगों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा.
इसके साथ ही चिकित्सक के कक्ष में भी एक-एक मरीज को एंट्री दी जाएगी. ओपीडी में चिकित्सकों खुद की सेफ्टी पर विशेष ध्यान रखना होगा और जरूरत के हिसाब से पीपीई किट का उपयोग चिकित्सक करेंगे.
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इसके अलावा एसएमएस में भर्ती मरीजों को ऑनलाइन रेफरेंस की सुविधा मिलेगी. वहीं, क्रॉनिकल डिजीज के मरीज के लिए भी विशेष सुविधाएं रहेगी. इसके अलावा रूटीन दवा के लिए बार-बार अस्पताल में मरीज नहीं आ सकेंगे.
ऐसे मरीजों को एक बार में ही 2 से 3 माह की दवा मिलेगी. मुख्यमंत्री निःशुल्क दवाई योजना के नियमों में इसके लिए बदलाव किया जाएगा. फिलहाल ऐसे मरीजों को 1 माह तक यह दवाएं दी जाएगी. हालांकि (RMSCL) में दवाओं की उपलब्धता पर सबकुछ निर्भर रहेगा.