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prashasan shehron ke sang abhiyan: कृषि भूमि के खातेदारों की हिस्सेदारी राजस्व रिकॉर्ड के अनुपात में कर जारी होगा एकल पट्टा

कृषि भूमि के एक से ज्यादा खातेदार होने पर निकाय सभी खातेदारों की हिस्सेदारी राजस्व रिकॉर्ड के अनुपात में करके एकल पट्टा जारी करेगा. राज्य सरकार (Government of Rajasthan on Single Lease) ने निकायों की ओर से कृषि भूमि के एकल पट्टों में हिस्सेदारी और नीलामी के भूखंडों में पुनर्ग्रहण राशि के प्रकरणों में मांगे गए मार्गदर्शन पर नियमों को स्पष्ट किया है.

Government of Rajasthan on Single Lease
राजस्व रिकॉर्ड के अनुपात में करके जारी किया जा सकेगा एकल पट्टा
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Published : Dec 13, 2021, 4:49 PM IST

Updated : Dec 13, 2021, 5:22 PM IST

जयपुर. लोगों के पट्टों से जुड़े सभी काम एक ही जगह हो सके, इसके लिए राज्य सरकार प्रशासन शहरों के संग अभियान को लेकर आई. लेकिन अभियान को सफल बनाने की जगह सरकारी कारिंदे इस पर पलीता लगाने में तुले हैं. सरकार की ओर से दी गई छूट को आमजन को समझाना तो दूर अधिकारी खुद ही नियमों को समझ नहीं पा रहे.

इसके कारण सरकारी कारिंदे हर दिन विभिन्न प्रकरणों को लेकर सरकार से मार्गदर्शन मांगते हुए फाइल को पेंडिंग छोड़ देते हैं. विभिन्न निकायों ने कृषि भूमि के एकल पट्टों में हिस्सेदारी के संबंध में राज्य सरकार से मार्गदर्शन मांगा था.

पढ़ें. किसानों की कर्जमाफी जैसे वादे पूरे न करना 'छल', पार्टियों पर धारा 419 के तहत दर्ज हो मामला

इसपर सरकार ने स्पष्ट किया कि (Government of Rajasthan on Single Lease) राजस्थान नगरीय क्षेत्र (कृषि भूमि का गैर कृषि उपयोग की अनुज्ञा और आवंटन) नियम, 2012 के अंतर्गत पट्टे के आवेदन में एक से ज्यादा खातेदार होने और उनका हिस्सा/स्वामित्व समान नहीं होने पर संबंधित निकाय की ओर से राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार सभी खातेदारों और उनके हिस्से के राजस्व रिकॉर्ड के अनुपात में ही हिस्सेदारी अंकित कर एकल पट्टा जारी किया जाएगा.

वहीं नीलामी के भूखंडों के पुनर्गठन राशि को लेकर भी मार्गदर्शन मांगा गया था. जिसपर राज्य सरकार ने स्पष्ट किया कि निकाय की ओर से 15 जनवरी 2002 से 20 अगस्त 2015 तक जिन भूखंडों को नीलाम किया गया, उनके पुर्नग्रहण राशि की गणना कब्जा देने की तारीख से 3 साल बाद से शुरू की जाएगी. इस राशि की गणना 20 अगस्त 2015 की आरक्षित दर की 2.5% राशि 31 दिसंबर 2019 तक की राशि लेने के निर्देश दिए गए हैं.

जयपुर. लोगों के पट्टों से जुड़े सभी काम एक ही जगह हो सके, इसके लिए राज्य सरकार प्रशासन शहरों के संग अभियान को लेकर आई. लेकिन अभियान को सफल बनाने की जगह सरकारी कारिंदे इस पर पलीता लगाने में तुले हैं. सरकार की ओर से दी गई छूट को आमजन को समझाना तो दूर अधिकारी खुद ही नियमों को समझ नहीं पा रहे.

इसके कारण सरकारी कारिंदे हर दिन विभिन्न प्रकरणों को लेकर सरकार से मार्गदर्शन मांगते हुए फाइल को पेंडिंग छोड़ देते हैं. विभिन्न निकायों ने कृषि भूमि के एकल पट्टों में हिस्सेदारी के संबंध में राज्य सरकार से मार्गदर्शन मांगा था.

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इसपर सरकार ने स्पष्ट किया कि (Government of Rajasthan on Single Lease) राजस्थान नगरीय क्षेत्र (कृषि भूमि का गैर कृषि उपयोग की अनुज्ञा और आवंटन) नियम, 2012 के अंतर्गत पट्टे के आवेदन में एक से ज्यादा खातेदार होने और उनका हिस्सा/स्वामित्व समान नहीं होने पर संबंधित निकाय की ओर से राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार सभी खातेदारों और उनके हिस्से के राजस्व रिकॉर्ड के अनुपात में ही हिस्सेदारी अंकित कर एकल पट्टा जारी किया जाएगा.

वहीं नीलामी के भूखंडों के पुनर्गठन राशि को लेकर भी मार्गदर्शन मांगा गया था. जिसपर राज्य सरकार ने स्पष्ट किया कि निकाय की ओर से 15 जनवरी 2002 से 20 अगस्त 2015 तक जिन भूखंडों को नीलाम किया गया, उनके पुर्नग्रहण राशि की गणना कब्जा देने की तारीख से 3 साल बाद से शुरू की जाएगी. इस राशि की गणना 20 अगस्त 2015 की आरक्षित दर की 2.5% राशि 31 दिसंबर 2019 तक की राशि लेने के निर्देश दिए गए हैं.

Last Updated : Dec 13, 2021, 5:22 PM IST
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