जयपुर. लॉकडाउन को देखते हुए गहलोत सरकार ने जनता के मार्च, अप्रैल और मई के पानी के बिलों को स्थगित कर दिया था. 2 जुलाई के आदेश के अनुसार मार्च और जून महीने के बिलों का भुगतान जुलाई में जारी होने वाले बिलों के साथ किया जाएगा. इसी तरह से अप्रैल के बिलों का भुगतान अगस्त महीने में और मई महीने के बिलों का भुगतान सितंबर में जारी होने वाले बिलों के साथ समायोजित किया जाएगा. इससे प्रदेश के लाखों उपभोक्ताओं सहित राजधानी के साढ़े 4 लाख उपभोक्ताओं को राहत मिली थी.
इसके बाद जलदाय विभाग के प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव ने 13 जुलाई को एक और आदेश जारी किया. इस आदेश के तहत मौजूदा 2 माह के बिल के साथ दो माह का अतिरिक्त बिल जारी करने के आदेश जारी कर दिए गए. इस तरह उपभोक्ताओं को एक साथ 4 महीने का बिल दिया गया. इससे लॉकडाउन में आर्थिक संकट से जूझ रहे उपभोक्ताओं को और परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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जलदाय विभाग के अनुसार राजधानी में 4.50 लाख उपभोक्ता है और 13 जुलाई को जलदाय विभाग के आदेश के बाद इन उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त आर्थिक भार पड़ेगा. जलदाय विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पानी के बिल बहुत कम आते हैं इसलिए उपभोक्ताओं पर कोई अतिरिक्त भार नही पड़ेगा.
उपभोक्ताओं को इंतजार था कि जुलाई का जो बिल आएगा उसमें मार्च और अप्रैल का बिल ही समायोजित होगा, लेकिन अगस्त में जो बिल उपभोक्ताओं को भेजा गया है, उसमें मार्च से जून तक के बिल एक साथ जारी कर दिए गए है.