जयपुर. राज्य के सिलिकोसिस पीड़ितों के इलाज और सामाजिक सुरक्षा के लिए माइंस विभाग की ओर से 200 करोड़ रुपए उपलब्ध कराए जाएंगे. एसीएस माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि विभाग की ओर से स्वीकृत 200 करोड़ में से प्रभावित 9 जिलों को 120 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध करा दी है. सिलिकोसिस प्रभावित जिलों के जिला कलेक्टरों को निर्देश दिया गया है कि वे संबंधित प्रभावितों को प्राथमिकता से सहयोग राशि उपलब्ध कराएं.
खनन पट्टाधारकों को सुरक्षा मानकों की सख्ती से पालना के निर्देश दिए गए हैं. एसीएस माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को माइंस विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान इस मामले में संवेदनशीलता दिखाई. उन्होंने सिलिकोसिस को गंभीर बीमारी बताते हुए समय-समय पर अवेयरनेस कार्यक्रम चलाने और सहायता राशि समय पर उपलब्ध कराने पर जोर दिया था.
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एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य के करौली, धौलपुर, भरतपुर, जोधपुर, सवाई माधोपुर, दौसा, सिरोही और जयपुर जिले सिलिकोसिस प्रभावित हैं. सिलिकोसिस प्रभावित जिलों की आवश्यकता के अनुसार राशि स्वीकृत की गई है.
- जोधपुर: 70 करोड़ 41 लाख रुपए
- करौली: 58 करोड 29 लाख रुपए
- भरतपुर: 28 करोड़ रुपए
- धौलपुर: 12 करोड़ 90 लाख रुपए
- दौसा: 12 करोड़ 21 लाख रुपए
- सिरोही: 10 करोड़ 65 लाख रुपए
- जयपुर: 8 करोड़ 19 लाख रुपए
जिला कलक्टरों को संवेदनशीलता से सहायता राशि और मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने कहा गया है. विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे खनन गतिविधियों में सुरक्षा मानकों की सख्ती से पालना सुनिश्चित कराएं. समय-समय पर प्रभावित क्षेत्र के श्रमिकों और कारीगरों के लिए स्वास्थ्य जांच शिविरों का आयोजन कराने भी कहा गया है.
बैठक में निदेशक माइंस कुंज बिहारी पाण्डे ने बताया कि सिलिकोसिस पीड़ितों के पीड़ित श्रमिकों को उपचार के लिए राशि, सिलिकोसिस पीड़ित मृतक के उत्तराधिकारियों को सहायता, पालनहार योजना में विधवा पेंशन का प्रावधान है. जिलों की मांग के अनुसार अतिरिक्त राशि भी उपलब्ध कराई जा सकेगी.