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शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत मिलावटखोरों पर होगी त्वरित कार्रवाई: मुख्य सचिव - shudh ke liye yudh campaign in Rajasthan

गहलोत सरकार 26 अक्टूबर से शुद्ध के लिए युद्ध अभियान शुरू कर रही है. मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने इस अभियान के तहत मिलावट पाए जाने पर त्वरित ठोस कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

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शुद्ध के लिए युद्ध अभियान
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Published : Oct 23, 2020, 5:53 PM IST

जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार 26 अक्टूबर से शुद्ध के लिए युद्ध अभियान शुरू कर रही है. इस अभियान को लेकर मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने सभी जिला कलेक्टरों को अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए कोर ग्रुप का गठन करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही खाद्य पदार्थों के नमूने लेकर परीक्षण के बाद मिलावट पाए जाने वाले पर त्वरित ठोस कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

मुख्य सचिव राजीव स्वरूप शुक्रवार को सचिवालय में विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और जिला कलेक्टर की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक ली. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने जन जागरूकता के साथ-साथ शुद्ध के लिए युद्ध अभियान को प्राथमिकता में रखा है. त्योहार और शादी के समय में खाद्य पदार्थों में मिलावट बढ़ जाता है, ऐसे में सरकार की ओर चलाया जा रहा शुद्ध के लिए युद्ध अभियान काफी महत्वपूर्ण है. यह अभियान 26 अक्टूबर से 14 नवंबर तक चलेगा.

प्रभावी संचालन के लिए कोर ग्रुप का गठन...

इस अभियान के प्रभावी संचालन, प्रबंधन और क्रियान्वयन के लिए एक कोर ग्रुप का गठन किया गया है, जिसमें ग्रह खाद्य नागरिक आपूर्ति, पशुपालन, डेयरी और चिकित्सा एंड स्वास्थ्य विभाग को शामिल किया गया है. इस अभियान के तहत दूध और दूध से निर्मित खाद्य पदार्थ, तेल, मसाले, आटा, बेसन, सूखा मेवा आदि की जांच की जाएगी. इससे संबंधित परिपत्र सभी जिला कलेक्टर को भिजवाए जा चुके हैं.

पढ़ें- झालावाड़: मिलावटखोरों की सूचना देने वाले को मिलेगा 51 हजार का इनाम...

मौके पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश...

राजीव स्वरूप ने जिला प्रबंधन समितियों और जिला कलेक्टर को खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वाले थोक और खुदरा व्यापारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई मौके पर ही करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि अवमानक प्रकरणों पर अधिकतम 5 लाख रुपए और अपमिश्रित पाए गए प्रकरणों में अधिकतम 3 लाख रुपए और असुरक्षित पाए गए प्रकरणों में 6 महीने से लेकर आजीवन कारावास और 10 लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत रखा गया है.

शुद्ध के लिए युद्ध अभियान का समुचित प्रचार-प्रसार हो...

उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत की जाने वाली कड़ी कार्रवाई का समुचित प्रचार-प्रसार हो, जिससे लोगों में मिलावट करने पर होने वाली कार्रवाई का भय उत्पन्न हो और मिलावट पर रोक लग सके. मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि कोर ग्रुप की ओर से जिला स्तरीय प्रबंधन समिति का गठन किया गया है, जिसमें कलेक्टर अध्यक्ष, जिला पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला रसद अधिकारी और प्रबंध निदेशक जिला डेयरी सदस्य होंगे. साथ ही विधि परामर्शी और अतिरिक्त जिला कलेक्टर, संपर्क अधिकारी संयोजक होंगे.

इन जिलों में है खाद्य प्रयोगशाला...

राजीव ने कहा कि जांच के लिए खाद्य प्रयोगशाला, जयपुर, अलवर, कोटा, जोधपुर, उदयपुर, भरतपुर, बीकानेर और बांसवाड़ा में स्थापित है. साथ ही 5 चल प्रयोगशालाएं जयपुर, भरतपुर, उदयपुर, जोधपुर और बीकानेर में कार्यरत रहेंगे. मुख्य सचिव ने जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए कि वे अभियान के पहले ही प्री सर्वे करें, जिससे अभियान शुरू होते ही प्रभावी कार्रवाई की जा सके.

बैठक के दौरान राजीव स्वरूप ने सभी जिला कलेक्टरों को कोरोना वायरस मैनेजमेंट की सराहना करते हुए कहा कि सभी के लगातार प्रयासों से राजस्थान को कोरोना वायरस में बेस्ट मेन्जेड स्टेट का दर्जा मिला है. उन्होंने जिला कलेक्टर को निर्देशित किया कि अब सर्दी शुरू होने वाले हैं, जिसमें फ्लू और प्रदूषण से संबंधित बीमारियां भी बढ़ेंगी. इसके लिए हमें पहले से ज्यादा सतर्क होने की आवश्यकता है. मुख्य सचिव ने कहा कि मिलावट की सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान को गोपनीय रखा जाए और उसे 51 हजार का इनाम दिया जाए.

जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार 26 अक्टूबर से शुद्ध के लिए युद्ध अभियान शुरू कर रही है. इस अभियान को लेकर मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने सभी जिला कलेक्टरों को अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए कोर ग्रुप का गठन करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही खाद्य पदार्थों के नमूने लेकर परीक्षण के बाद मिलावट पाए जाने वाले पर त्वरित ठोस कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.

मुख्य सचिव राजीव स्वरूप शुक्रवार को सचिवालय में विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और जिला कलेक्टर की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक ली. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने जन जागरूकता के साथ-साथ शुद्ध के लिए युद्ध अभियान को प्राथमिकता में रखा है. त्योहार और शादी के समय में खाद्य पदार्थों में मिलावट बढ़ जाता है, ऐसे में सरकार की ओर चलाया जा रहा शुद्ध के लिए युद्ध अभियान काफी महत्वपूर्ण है. यह अभियान 26 अक्टूबर से 14 नवंबर तक चलेगा.

प्रभावी संचालन के लिए कोर ग्रुप का गठन...

इस अभियान के प्रभावी संचालन, प्रबंधन और क्रियान्वयन के लिए एक कोर ग्रुप का गठन किया गया है, जिसमें ग्रह खाद्य नागरिक आपूर्ति, पशुपालन, डेयरी और चिकित्सा एंड स्वास्थ्य विभाग को शामिल किया गया है. इस अभियान के तहत दूध और दूध से निर्मित खाद्य पदार्थ, तेल, मसाले, आटा, बेसन, सूखा मेवा आदि की जांच की जाएगी. इससे संबंधित परिपत्र सभी जिला कलेक्टर को भिजवाए जा चुके हैं.

पढ़ें- झालावाड़: मिलावटखोरों की सूचना देने वाले को मिलेगा 51 हजार का इनाम...

मौके पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश...

राजीव स्वरूप ने जिला प्रबंधन समितियों और जिला कलेक्टर को खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वाले थोक और खुदरा व्यापारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई मौके पर ही करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि अवमानक प्रकरणों पर अधिकतम 5 लाख रुपए और अपमिश्रित पाए गए प्रकरणों में अधिकतम 3 लाख रुपए और असुरक्षित पाए गए प्रकरणों में 6 महीने से लेकर आजीवन कारावास और 10 लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत रखा गया है.

शुद्ध के लिए युद्ध अभियान का समुचित प्रचार-प्रसार हो...

उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत की जाने वाली कड़ी कार्रवाई का समुचित प्रचार-प्रसार हो, जिससे लोगों में मिलावट करने पर होने वाली कार्रवाई का भय उत्पन्न हो और मिलावट पर रोक लग सके. मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि कोर ग्रुप की ओर से जिला स्तरीय प्रबंधन समिति का गठन किया गया है, जिसमें कलेक्टर अध्यक्ष, जिला पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला रसद अधिकारी और प्रबंध निदेशक जिला डेयरी सदस्य होंगे. साथ ही विधि परामर्शी और अतिरिक्त जिला कलेक्टर, संपर्क अधिकारी संयोजक होंगे.

इन जिलों में है खाद्य प्रयोगशाला...

राजीव ने कहा कि जांच के लिए खाद्य प्रयोगशाला, जयपुर, अलवर, कोटा, जोधपुर, उदयपुर, भरतपुर, बीकानेर और बांसवाड़ा में स्थापित है. साथ ही 5 चल प्रयोगशालाएं जयपुर, भरतपुर, उदयपुर, जोधपुर और बीकानेर में कार्यरत रहेंगे. मुख्य सचिव ने जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए कि वे अभियान के पहले ही प्री सर्वे करें, जिससे अभियान शुरू होते ही प्रभावी कार्रवाई की जा सके.

बैठक के दौरान राजीव स्वरूप ने सभी जिला कलेक्टरों को कोरोना वायरस मैनेजमेंट की सराहना करते हुए कहा कि सभी के लगातार प्रयासों से राजस्थान को कोरोना वायरस में बेस्ट मेन्जेड स्टेट का दर्जा मिला है. उन्होंने जिला कलेक्टर को निर्देशित किया कि अब सर्दी शुरू होने वाले हैं, जिसमें फ्लू और प्रदूषण से संबंधित बीमारियां भी बढ़ेंगी. इसके लिए हमें पहले से ज्यादा सतर्क होने की आवश्यकता है. मुख्य सचिव ने कहा कि मिलावट की सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान को गोपनीय रखा जाए और उसे 51 हजार का इनाम दिया जाए.

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