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तिब्बती शरणार्थियों को मानसरोवर के झूलेलाल मार्केट में उपलब्ध कराई जाएंगी दुकानें

ऊनी और गर्म कपड़ों का व्यापार करने वाले तिब्बती शरणार्थियों को झूलेलाल मार्केट में उपलब्ध कराई जाएंगी. यहां 325 दुकाने हैं, जिसमें से 266 दुकानों को तिब्बजी रिफ्यूजी होजरी रेडीमेड सेलर यूनियन के सदस्यों को उपलब्ध कराया जाएगा. आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा ने बताया कि ये दुकानें वर्ष 2014 की आरक्षित स्थिर दर पर पांच वर्ष की मासिक किश्त पर उपलब्ध कराई जाएंगी.

Jhulelal Market News, जयपुर न्यूज
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Published : Nov 8, 2019, 9:51 PM IST

जयपुर. मानसरोवर आवासीय योजना में झूलेलाल मार्केट में उपलब्ध 350 दुकानों में से 266 दुकानें तिब्बती मार्केट के विक्रेताओं को उपलब्ध कराई जाएंगी. ये दुकानें 2014-15 की आरक्षित स्थिर दर पर 5 साल की मासिक किस्तों पर लॉटरी के जरिए उपलब्ध कराई जाएंगी.

तिब्बती शरणार्थियों को मानसरोवर के झूलेलाल मार्केट में उपलब्ध कराई जाएंगी दुकानें

बीते 40 सालों से तिब्बती शरणार्थी ऊनी और गर्म कपड़ों के व्यापार के लिए जयपुर आ रहे हैं. लेकिन यहां व्यापार के लिए उन्हें कोई स्थान विशेष आवंटित नहीं होने से खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है. ऐसे में अब हाउसिंग बोर्ड मानसरोवर आवासीय योजना में झूलेलाल मार्केट में बनी दुकानों को उन्हें उपलब्ध कराने जा रहा है.

झूलेलाल मार्केट में 350 दुकानों में से 266 दुकानों को तिब्बती रिफ्यूजी होजरी रेडीमेड सेलर यूनियन के सदस्यों को उपलब्ध कराया जाएगा. इस संबंध में हाउसिंग बोर्ड कमिश्नर पवन अरोड़ा ने बताया कि ये दुकानें साल 2014-15 की आरक्षित 5 साल की मासिक किस्तों पर लॉटरी के जरिए उपलब्ध कराई जाएंगी.

पढ़ें- राजधानी की सड़कों पर शराब के नशे में धुत युवती का हाई वोल्टेज ड्रामा, देखें VIDEO

इन दुकानों के आवंटन से तिब्बती व्यापारियों को बड़ी राहत मिलेगी. उन्होंने बताया इसके अलावा बची हुई करीब 75 दुकानें भी अन्य व्यापार के लिए बिक जाएंगी. जिससे एक ही जगह पर सभी तरह की सामग्री उपलब्ध हो जाएगी. बहरहाल, हाउसिंग बोर्ड के इस फैसले से करीब 12 साल से मंडल की अनुपयोगी संपत्ति का उपयोग हो जाएगा. वहीं तिब्बती व्यापारियों को भी अपने व्यापार के लिए एक निश्चित स्थान मिल जाएगा.

जयपुर. मानसरोवर आवासीय योजना में झूलेलाल मार्केट में उपलब्ध 350 दुकानों में से 266 दुकानें तिब्बती मार्केट के विक्रेताओं को उपलब्ध कराई जाएंगी. ये दुकानें 2014-15 की आरक्षित स्थिर दर पर 5 साल की मासिक किस्तों पर लॉटरी के जरिए उपलब्ध कराई जाएंगी.

तिब्बती शरणार्थियों को मानसरोवर के झूलेलाल मार्केट में उपलब्ध कराई जाएंगी दुकानें

बीते 40 सालों से तिब्बती शरणार्थी ऊनी और गर्म कपड़ों के व्यापार के लिए जयपुर आ रहे हैं. लेकिन यहां व्यापार के लिए उन्हें कोई स्थान विशेष आवंटित नहीं होने से खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है. ऐसे में अब हाउसिंग बोर्ड मानसरोवर आवासीय योजना में झूलेलाल मार्केट में बनी दुकानों को उन्हें उपलब्ध कराने जा रहा है.

झूलेलाल मार्केट में 350 दुकानों में से 266 दुकानों को तिब्बती रिफ्यूजी होजरी रेडीमेड सेलर यूनियन के सदस्यों को उपलब्ध कराया जाएगा. इस संबंध में हाउसिंग बोर्ड कमिश्नर पवन अरोड़ा ने बताया कि ये दुकानें साल 2014-15 की आरक्षित 5 साल की मासिक किस्तों पर लॉटरी के जरिए उपलब्ध कराई जाएंगी.

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इन दुकानों के आवंटन से तिब्बती व्यापारियों को बड़ी राहत मिलेगी. उन्होंने बताया इसके अलावा बची हुई करीब 75 दुकानें भी अन्य व्यापार के लिए बिक जाएंगी. जिससे एक ही जगह पर सभी तरह की सामग्री उपलब्ध हो जाएगी. बहरहाल, हाउसिंग बोर्ड के इस फैसले से करीब 12 साल से मंडल की अनुपयोगी संपत्ति का उपयोग हो जाएगा. वहीं तिब्बती व्यापारियों को भी अपने व्यापार के लिए एक निश्चित स्थान मिल जाएगा.

Intro:जयपुर - मानसरोवर आवासीय योजना में झूलेलाल मार्केट में उपलब्ध 350 दुकानों में से 266 दुकानों को तिब्बती मार्केट के विक्रेताओं को उपलब्ध कराई जाएंगी। ये दुकानें 2014-15 की आरक्षित स्थिर दर पर 5 साल की मासिक किस्तों पर लॉटरी के जरिए उपलब्ध कराई जाएंगी।


Body:बीते 40 सालों से तिब्बती शरणार्थी ऊनी और गर्म कपड़ों के व्यापार के लिए जयपुर आ रहे हैं। लेकिन यहां व्यापार के लिए उन्हें कोई स्थान विशेष आवंटित नहीं होने से खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अब हाउसिंग बोर्ड मानसरोवर आवासीय योजना में झूलेलाल मार्केट में बनी दुकानों को उन्हें उपलब्ध कराने जा रहा है। यहां 350 दुकानों में से 266 दुकानों को तिब्बती रिफ्यूजी होजरी रेडीमेड सेलर यूनियन के सदस्यों को उपलब्ध कराया जाएगा। इस संबंध में हाउसिंग बोर्ड कमिश्नर पवन अरोड़ा ने बताया कि ये दुकानें साल 2014-15 की आरक्षित 5 साल की मासिक किस्तों पर लॉटरी के जरिए उपलब्ध कराई जाएंगी। इन दुकानों के आवंटन से तिब्बती व्यापारियों को बड़ी राहत मिलेगी। उन्होंने बताया इसके अलावा बची हुई करीब 75 दुकानें भी अन्य व्यापार के लिए बिक जाएगी। जिससे एक ही जगह पर सभी तरह की सामग्री उपलब्ध हो जाएगी।
बाईट - पवन अरोड़ा, कमिश्नर, हाउसिंग बोर्ड


Conclusion:बहरहाल, हाउसिंग बोर्ड के इस फैसले से करीब 12 साल से मंडल की अनुपयोगी संपत्ति का उपयोग हो जाएगा। वहीं तिब्बती व्यापारियों को भी अपने व्यापार के लिए एक निश्चित स्थान मिल जाएगा।
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