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रीट परीक्षा पर सदन में चर्चा के दौरान धारीवाल ने संघ और भाजपा पर बोला हमला, निंबाराम का नाम लेते ही फिर हुआ हंगामा

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Published : Feb 14, 2022, 4:09 PM IST

Updated : Feb 14, 2022, 4:21 PM IST

राजस्थान विधानसभा रीट परीक्षा अनियमितता को लेकर हुई विशेष चर्चा के दौरान संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने सीबीआई जांच (Shanti dhariwal reject CBI inquiry on REET) की मांग को सिरे से नकार दिया. उन्होंने पूर्ववर्ती भाजपा सरकारों और संघ (Shanti dhariwal target the Sangh and BJP) से जुड़े कई मामलों का उदाहरण देते हुए विपक्ष पर पलटवार किया.

Shanti dhariwal target the Sangh and BJP
सदन में बोले शांति धारीवाल

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में रीट परीक्षा अनियमितता मामले पर हुई विशेष चर्चा में शामिल होते हुए सरकार की तरफ से संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने रीट प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग को सिरे से नकार (Shanti dhariwal reject CBI inquiry on REET) दिया है. धारीवाल ने अपने संबोधन में सीबीआई जांच के पुराने उदाहरण भी दिए, जो अब तक लंबित हैं. वहीं राजीव गांधी स्टडी सर्किल को लेकर आरोप लगाने वाले भाजपा नेताओं के सामने आरएसएस और संघ प्रचारक निंबाराम (Shanti dhariwal target the Sangh and BJP) के मामले को उठाकर सदन में गर्माहट भी पैदा कर दी.

इसलिए जांच करवाना चाहती है भाजपा
सदन में शांति धारीवाल ने कहा कि रीट प्रकरण की जांच एसओजी सही तरीके से कर रही है. यदि उसमें कोई खामी है तो बीजेपी नेता उसे गिनाएं. भाजपा नेताओं के पास इस प्रकरण को लेकर किसी के खिलाफ कोई सबूत हो तो एसओजी को दें. धारीवाल ने कहा कि भाजपा के नेता इस प्रकरण की सीबीआई जांच इसीलिए कराना चाहते हैं कि ताकि सीबीआई की टीम आकर यहां आए स्ट्रांग रूम और बोर्ड दफ्तर सील कर दिल्ली चली जाए. यहां भर्ती-नियुक्ति के काम भी अटक जाएं. धारीवाल ने कहा कि सीबीआई का पुराना रिकॉर्ड ऐसा रहा है कि खुद सुप्रीम कोर्ट भी उसे पिंजरे में बंद तोता कह चुकी है.

सदन में बोले शांति धारीवाल

पढ़ें. Rajasthan Assembly Budget Session: रीट पेपर लीक मामले में कटारिया ने CM गहलोत और सुभाष गर्ग पर लगाए गंभीर आरोप

सीबीआई को जांच देना मामले को गड्ढे में डालने के समान
धारीवाल ने पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में लीक हुए पेपरों के मामले भी गिनाए. साथ ही यह भी कहा कि तत्कालीन भाजपा सरकार ने इन प्रकरणों की सीबीआई से जांच नहीं करवाई थी. जबकि कुछ प्रकरणों में केवल एसओजी की जांच हुई और कुछ पेपर लीक प्रकरण की तो स्थानीय पुलिस से ही भाजपा सरकार ने जांच करवाई थी. धारीवाल ने इस दौरान उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा और अन्य प्रदेशों में पेपर लीक प्रकरणों का मामला भी सदन में रखा.

उन्होंने कहा कि वहां पर भी इन प्रकरणों की सीबीआई की जांच स्थानीय भाजपा या अन्य सरकारों ने नहीं करवाई. शांति धारीवाल ने कहा कि पिछले दिनों आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल ने लोकसभा में सीबीआई जांच के मामले पर सवाल उठाया था. उसमें सामने आया कि 10 साल में 12 मामले सीबीआई को सौंपे गए जिनमें से 10 ही सीबीआई ने जांच के लिए पंजीकृत किए. इनमें भी 7 मामलों में सीबीआई ने क्लोजर दे दिया. बाकी मामले की जांच अटकी रही.

पढ़ें. रीट पेपर लीक केस 2021: अभ्यर्थियों को प्रश्न पत्र उपलब्ध कराने वाला ग्राम सेवक गिरफ्तार

धारीवाल ने कहा कि कुछ केंद्र सरकार के तीन पेपर लीक हुए जिनमें से दो के प्रकरण सीबीआई को नहीं दिए गए और एक प्रकरण सीबीआई को दिया तो उसकी जांच अब तक नहीं आई. धारीवाल ने कहा कि पुराने मामलों को देखने के बाद यह साफ है कि सीबीआई को जांच देना मतलब जांच को गड्ढे में डालना है. धारीवाल ने यह भी कहा कि खुद सुप्रीम कोर्ट बड़े मामलों में सीबीआई की जांच ना करवा कर एसआईटी से जांच करवाता है. इस दौरान धारीवाल ने कई उदाहरण भी दिए.

आदर्श विद्या मंदिर में रखे पेपर
शांति धारीवाल ने कहा कि साल 2016 और साल 2018 में हुई रीट परीक्षा के पेपर लीक मामले की जांच भी तत्कालीन भाजपा सरकार ने सामान्य पुलिस से ही कराई थी. एसओजी तक में यह जांच नहीं दी गई थी. भाजपा के नेता जो आरोप लगा रहे हैं कि पेपर शिक्षा संकुल में क्यों रखे गए? तो आपको बता दें कि पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में तो पेपर रखने के लिए जयपुर के आदर्श विद्या मंदिर को स्ट्रांग रूम बनाया गया था.

आपकी RSS तो बदनाम हो गई निंबाराम मामले में
धारीवाल ने सदन में यह भी कहा कि राजीव गांधी स्टडी सर्किल पिछले 17 सालों से काम कर रही है. उसका कोई भी व्यक्ति विवादों में नहीं रहा. एक व्यक्ति के कृत्य के लिए पूरी संस्था को बदनाम नहीं किया जा सकता. धारीवाल ने कहा कि प्रदीप पाराशर के चलते नीचा देखना पड़ा हो, लेकिन कानून उसे सजा देगा. धारीवाल ने इस दौरान यह भी कहा यदि एक आदमी के कारण पूरी संस्था बदनाम करोगे तो RSS तो बदनाम हो चुका है निंबाराम के कारण. धारीवाल ने कहा कि ठेकेदार से संस्था के नाम पर निंबाराम की मौजूदगी में ही पैसे मांगे गए थे. एसीबी ने जब उन्हें जांच के लिए बुलाया तब नहीं आए. लेकिन कोर्ट ने बोला कि जाओ तब जाना पड़ा. इस बीच सदन में भाजपा विधायकों ने विरोध भी किया लेकिन सभापति राजेंद्र पारीक ने उन्हें शांत करा दिया.

पढ़ें. Controversy over paper leak: संसद से सड़क तक बेरोजगारों के नाम पर हो रही सियासत, कांग्रेस ही नहीं BJP सरकार में भी विवादों में रही भर्ती परिक्षाएं

भैरों सिंह शेखावत ने भी सीबीआई की जांच पर उठाए थे सवाल
शांति धारीवाल ने सदन में कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे भैरों सिंह शेखावत भी सीबीआई की जांच को सही नहीं मानते थे. धारीवाल ने इस दौरान सितंबर 1997 में सदन में भैरों सिंह शेखावत की ओर से दिए गए संबोधन को पढ़कर भी सुनाया. यह भी कहा कि उस समय जे.सी बोस छात्रावास में बलात्कार के मामले को कांग्रेस के लोग सदन में जोर-शोर से उठा रहे थे. गंभीरता से चर्चा भी हुई लेकिन एक चर्चा चली कि रोहिताश शर्मा जो उस समय मंत्रिमंडल के सदस्य थे, जिनके लड़के के कारण इसमें अनुसंधान नहीं हो पा रहा था. उस समय मामला सीबीआई को दिया.

लेकिन भैरव सिंह ने कहा था कि 'मैं कहता हूं कि मामला सीबीआई को नहीं जाता तो राज्य सरकार इस मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई करती'. धारीवाल ने कहा कि उस समय हमारे नेता परसरामजी ने यह सवाल उठाया था जिस पर भैरों सिंह जी का यह संबोधन था. उस समय भैरव सिंह ने यह भी कहा था कि सीबीआई में जांच करने के लिए कोई विलायत से या आसमान से नहीं आता. बल्कि अलग-अलग राज्यों की पुलिस से ही सीबीआई में जाते हैं. धारीवाल ने इस दौरान यह भी कहा कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सीबीआई की जांच को लेकर पहले कई बार बयान दिए हैं. इस दौरान धारीवाल ने सदन में प्रधानमंत्री की फोटो युक्त एक कागज भी दिखाया.

पढ़ें. REET Paper Leak Case 2021: अजमेर में बीजेपी ओबीसी मोर्चा का प्रदर्शन

मुख्यमंत्री सहित 18 विधायकों को नोटिस देने वाली एसओजी सही तरीके से कर रही कामः
शांति धारीवाल ने एसओजी के पक्ष में यह तक कह दिया कि यह वह संस्था है जिसने मुख्यमंत्री सहित मौजूदा 18 विधायकों तक को नोटिस दिया था. साथ ही केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ दो केस भी दर्ज किए थे. उस एजेंसी को भाजपा या अन्य किसी को कमजोर नहीं समझना चाहिए. एसओजी जांच कर रही है तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. इस दौरान शांति धारीवाल ने महेश जोशी, रमेश चंद्र मीणा, विधायक आलोक बेनीवाल विधायक ओमप्रकाश हुंडला, कांति प्रसाद, खुशवीर सिंह, बलजीत यादव, बाबूलाल नागर, महावीर सिंह खंडेला, रमिला खड़िया, राजकुमार, लक्ष्मण मीणा, संजय लोढ़ा, सुरेश टांक, महेंद्रजीत आदि सदस्यों का नाम भी लिया जिन्हें एसओजी ने नोटिस जारी किए थे.

संघ से जुड़े रिटायर्ड अधिकारियों को भाजपा ने लगाया था कोऑर्डिनेटर
धारीवाल ने भाजपा नेताओं के उस आरोप पर भी पलटवार किया, जिसमें भाजपा ने रीट परीक्षा में कोऑर्डिनेटर के रूप में राजीव गांधी स्टडी सर्किल से जुड़े व्यक्तियों को लगाने पर आपत्ति जताई थी. धारीवाल ने कहा पूर्व में जब भाजपा सरकार के कार्यकाल में रीट की परीक्षा हुई तब बीजेपी ने भी संघ और एबीवीपी से जुड़े पुराने पदाधिकारी जो रिटायर हो चुके हैं, उन्हें कोऑर्डिनेटर पद पर लगाया था. धारीवाल ने इस दौरान डॉ. मुरारी लाल गुप्ता, डॉ रामावतार जाट आदि का भी नाम लेकर जिक्र किया. धारीवाल ने इस दौरान आरएएस परीक्षा में पास होने के लिए पैसों के लेन-देन से जुड़े कुछ घटनाक्रम जो पूर्व में पकड़े गए थे और जिसमें आरएसएस और बीजेपी से जुड़े लोगों के नाम भी जोड़े गए थे, उनका जिक्र भी किया.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में रीट परीक्षा अनियमितता मामले पर हुई विशेष चर्चा में शामिल होते हुए सरकार की तरफ से संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने रीट प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग को सिरे से नकार (Shanti dhariwal reject CBI inquiry on REET) दिया है. धारीवाल ने अपने संबोधन में सीबीआई जांच के पुराने उदाहरण भी दिए, जो अब तक लंबित हैं. वहीं राजीव गांधी स्टडी सर्किल को लेकर आरोप लगाने वाले भाजपा नेताओं के सामने आरएसएस और संघ प्रचारक निंबाराम (Shanti dhariwal target the Sangh and BJP) के मामले को उठाकर सदन में गर्माहट भी पैदा कर दी.

इसलिए जांच करवाना चाहती है भाजपा
सदन में शांति धारीवाल ने कहा कि रीट प्रकरण की जांच एसओजी सही तरीके से कर रही है. यदि उसमें कोई खामी है तो बीजेपी नेता उसे गिनाएं. भाजपा नेताओं के पास इस प्रकरण को लेकर किसी के खिलाफ कोई सबूत हो तो एसओजी को दें. धारीवाल ने कहा कि भाजपा के नेता इस प्रकरण की सीबीआई जांच इसीलिए कराना चाहते हैं कि ताकि सीबीआई की टीम आकर यहां आए स्ट्रांग रूम और बोर्ड दफ्तर सील कर दिल्ली चली जाए. यहां भर्ती-नियुक्ति के काम भी अटक जाएं. धारीवाल ने कहा कि सीबीआई का पुराना रिकॉर्ड ऐसा रहा है कि खुद सुप्रीम कोर्ट भी उसे पिंजरे में बंद तोता कह चुकी है.

सदन में बोले शांति धारीवाल

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सीबीआई को जांच देना मामले को गड्ढे में डालने के समान
धारीवाल ने पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में लीक हुए पेपरों के मामले भी गिनाए. साथ ही यह भी कहा कि तत्कालीन भाजपा सरकार ने इन प्रकरणों की सीबीआई से जांच नहीं करवाई थी. जबकि कुछ प्रकरणों में केवल एसओजी की जांच हुई और कुछ पेपर लीक प्रकरण की तो स्थानीय पुलिस से ही भाजपा सरकार ने जांच करवाई थी. धारीवाल ने इस दौरान उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा और अन्य प्रदेशों में पेपर लीक प्रकरणों का मामला भी सदन में रखा.

उन्होंने कहा कि वहां पर भी इन प्रकरणों की सीबीआई की जांच स्थानीय भाजपा या अन्य सरकारों ने नहीं करवाई. शांति धारीवाल ने कहा कि पिछले दिनों आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल ने लोकसभा में सीबीआई जांच के मामले पर सवाल उठाया था. उसमें सामने आया कि 10 साल में 12 मामले सीबीआई को सौंपे गए जिनमें से 10 ही सीबीआई ने जांच के लिए पंजीकृत किए. इनमें भी 7 मामलों में सीबीआई ने क्लोजर दे दिया. बाकी मामले की जांच अटकी रही.

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धारीवाल ने कहा कि कुछ केंद्र सरकार के तीन पेपर लीक हुए जिनमें से दो के प्रकरण सीबीआई को नहीं दिए गए और एक प्रकरण सीबीआई को दिया तो उसकी जांच अब तक नहीं आई. धारीवाल ने कहा कि पुराने मामलों को देखने के बाद यह साफ है कि सीबीआई को जांच देना मतलब जांच को गड्ढे में डालना है. धारीवाल ने यह भी कहा कि खुद सुप्रीम कोर्ट बड़े मामलों में सीबीआई की जांच ना करवा कर एसआईटी से जांच करवाता है. इस दौरान धारीवाल ने कई उदाहरण भी दिए.

आदर्श विद्या मंदिर में रखे पेपर
शांति धारीवाल ने कहा कि साल 2016 और साल 2018 में हुई रीट परीक्षा के पेपर लीक मामले की जांच भी तत्कालीन भाजपा सरकार ने सामान्य पुलिस से ही कराई थी. एसओजी तक में यह जांच नहीं दी गई थी. भाजपा के नेता जो आरोप लगा रहे हैं कि पेपर शिक्षा संकुल में क्यों रखे गए? तो आपको बता दें कि पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में तो पेपर रखने के लिए जयपुर के आदर्श विद्या मंदिर को स्ट्रांग रूम बनाया गया था.

आपकी RSS तो बदनाम हो गई निंबाराम मामले में
धारीवाल ने सदन में यह भी कहा कि राजीव गांधी स्टडी सर्किल पिछले 17 सालों से काम कर रही है. उसका कोई भी व्यक्ति विवादों में नहीं रहा. एक व्यक्ति के कृत्य के लिए पूरी संस्था को बदनाम नहीं किया जा सकता. धारीवाल ने कहा कि प्रदीप पाराशर के चलते नीचा देखना पड़ा हो, लेकिन कानून उसे सजा देगा. धारीवाल ने इस दौरान यह भी कहा यदि एक आदमी के कारण पूरी संस्था बदनाम करोगे तो RSS तो बदनाम हो चुका है निंबाराम के कारण. धारीवाल ने कहा कि ठेकेदार से संस्था के नाम पर निंबाराम की मौजूदगी में ही पैसे मांगे गए थे. एसीबी ने जब उन्हें जांच के लिए बुलाया तब नहीं आए. लेकिन कोर्ट ने बोला कि जाओ तब जाना पड़ा. इस बीच सदन में भाजपा विधायकों ने विरोध भी किया लेकिन सभापति राजेंद्र पारीक ने उन्हें शांत करा दिया.

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भैरों सिंह शेखावत ने भी सीबीआई की जांच पर उठाए थे सवाल
शांति धारीवाल ने सदन में कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे भैरों सिंह शेखावत भी सीबीआई की जांच को सही नहीं मानते थे. धारीवाल ने इस दौरान सितंबर 1997 में सदन में भैरों सिंह शेखावत की ओर से दिए गए संबोधन को पढ़कर भी सुनाया. यह भी कहा कि उस समय जे.सी बोस छात्रावास में बलात्कार के मामले को कांग्रेस के लोग सदन में जोर-शोर से उठा रहे थे. गंभीरता से चर्चा भी हुई लेकिन एक चर्चा चली कि रोहिताश शर्मा जो उस समय मंत्रिमंडल के सदस्य थे, जिनके लड़के के कारण इसमें अनुसंधान नहीं हो पा रहा था. उस समय मामला सीबीआई को दिया.

लेकिन भैरव सिंह ने कहा था कि 'मैं कहता हूं कि मामला सीबीआई को नहीं जाता तो राज्य सरकार इस मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई करती'. धारीवाल ने कहा कि उस समय हमारे नेता परसरामजी ने यह सवाल उठाया था जिस पर भैरों सिंह जी का यह संबोधन था. उस समय भैरव सिंह ने यह भी कहा था कि सीबीआई में जांच करने के लिए कोई विलायत से या आसमान से नहीं आता. बल्कि अलग-अलग राज्यों की पुलिस से ही सीबीआई में जाते हैं. धारीवाल ने इस दौरान यह भी कहा कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सीबीआई की जांच को लेकर पहले कई बार बयान दिए हैं. इस दौरान धारीवाल ने सदन में प्रधानमंत्री की फोटो युक्त एक कागज भी दिखाया.

पढ़ें. REET Paper Leak Case 2021: अजमेर में बीजेपी ओबीसी मोर्चा का प्रदर्शन

मुख्यमंत्री सहित 18 विधायकों को नोटिस देने वाली एसओजी सही तरीके से कर रही कामः
शांति धारीवाल ने एसओजी के पक्ष में यह तक कह दिया कि यह वह संस्था है जिसने मुख्यमंत्री सहित मौजूदा 18 विधायकों तक को नोटिस दिया था. साथ ही केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ दो केस भी दर्ज किए थे. उस एजेंसी को भाजपा या अन्य किसी को कमजोर नहीं समझना चाहिए. एसओजी जांच कर रही है तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. इस दौरान शांति धारीवाल ने महेश जोशी, रमेश चंद्र मीणा, विधायक आलोक बेनीवाल विधायक ओमप्रकाश हुंडला, कांति प्रसाद, खुशवीर सिंह, बलजीत यादव, बाबूलाल नागर, महावीर सिंह खंडेला, रमिला खड़िया, राजकुमार, लक्ष्मण मीणा, संजय लोढ़ा, सुरेश टांक, महेंद्रजीत आदि सदस्यों का नाम भी लिया जिन्हें एसओजी ने नोटिस जारी किए थे.

संघ से जुड़े रिटायर्ड अधिकारियों को भाजपा ने लगाया था कोऑर्डिनेटर
धारीवाल ने भाजपा नेताओं के उस आरोप पर भी पलटवार किया, जिसमें भाजपा ने रीट परीक्षा में कोऑर्डिनेटर के रूप में राजीव गांधी स्टडी सर्किल से जुड़े व्यक्तियों को लगाने पर आपत्ति जताई थी. धारीवाल ने कहा पूर्व में जब भाजपा सरकार के कार्यकाल में रीट की परीक्षा हुई तब बीजेपी ने भी संघ और एबीवीपी से जुड़े पुराने पदाधिकारी जो रिटायर हो चुके हैं, उन्हें कोऑर्डिनेटर पद पर लगाया था. धारीवाल ने इस दौरान डॉ. मुरारी लाल गुप्ता, डॉ रामावतार जाट आदि का भी नाम लेकर जिक्र किया. धारीवाल ने इस दौरान आरएएस परीक्षा में पास होने के लिए पैसों के लेन-देन से जुड़े कुछ घटनाक्रम जो पूर्व में पकड़े गए थे और जिसमें आरएसएस और बीजेपी से जुड़े लोगों के नाम भी जोड़े गए थे, उनका जिक्र भी किया.

Last Updated : Feb 14, 2022, 4:21 PM IST
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