जयपुर. सदन में बजट पर बहस के दौरान बुधवार को जब ब्यावर से भाजपा विधायक शंकर सिंह रावत बोल रहे थे तो इस दौरान खस्ताहाल सड़कों का मुद्दा भी उठाया और हाल ही में जो बजट में नई सड़कें बनाने के लिए हर विधानसभा में 10 करोड़ की राशि स्वीकृत करने की घोषणा हुई, उस पर भी सवाल उठाया. रावत ने इस दौरान यह तक कह दिया कि लगता है कि 10 करोड़ की सड़कों का उद्घाटन तो शायद माननीय मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के आने के बाद ही होगा.
शंकर सिंह रावत ने अपनी यह बात आम बोलचाल में कह दी, लेकिन इस दौरान सदन में मौजूद (BJP MLA Rawat Statement in Rajasthan Vidhan Sabha) भाजपा के तमाम विधायकों की भी यही चर्चा का विषय बन गया. इतना ही नहीं, जब रावत ने यह बात कही तो सत्तारूढ़ दल के कुछ विधायकों ने यह कहकर चुटकी ली कि आपकी पार्टी तो झगड़े का घर है. इस पर रावत ने कहा कि झगड़ा हमारे यहां नहीं, हमारे यहां तो एक तरफा कार्रवाई चलती है.
संसदीय बोर्ड तय करेगा चेहरा, लेकिन समर्थकों ने तो तय कर लिए : राजस्थान के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह पिछले दिनों कई बार यह बयान दे चुके हैं कि पार्टी किसके नेतृत्व में अगला चुनाव लड़ेगी या पार्टी में मुख्यमंत्री का अगला चेहरा कौन होगा या नहीं होगा का फैसला पार्टी और बीजेपी संसदीय बोर्ड ही तय करेगा. अरुण सिंह ही नहीं, बल्कि प्रदेश भाजपा से जुड़े प्रमुख नेता भी यही बयान देते हैं कि पार्टी जो तय करेगी वही निर्णय सर्वमान्य होगा.
लेकिन राजस्थान भाजपा में नेताओं के समर्थक विधायक समय-समय पर अपने बयानों के जरिए अगले मुख्यमंत्री के चेहरे का विवाद (Shankar Singh in Rajasthan Assembly) छेड़ देते हैं. सदन में शंकर सिंह रावत का यह बयान इसी विवाद की ओर इशारा कर रहा है.
पढ़ें : राजे के राजावत : भाजपा के कई नेता मुंह धोकर CM बनने का सपना देख रहे, इनका बुखार उतर जाएगा