जयपुर. शुक्रवार को पौष शुक्ल नवमी के दिन 30 साल बाद शनि अपनी राशि बदलने जा रहे हैं. नवग्रह में सबसे धीमी गति से चलने वाले न्याय के देवता शनि नक्षत्र बदलेंगे. शाम 5 बजकर 45 मिनट पर उत्तराषाढ़ा से श्रवण में प्रवेश करेंगे.
ज्योतिषाचार्य गणपतलाल सेवग ने बताया कि फिलहाल शनि मकर राशि में विराजमान करेंगे. हालांकि शनि हर ढाई साल में अपनी राशि बदलते है. पिछली बार 12 दिसंबर 1991 को शनि श्रवण नक्षत्र में थे. यानी 30 साल बाद शनि फिर श्रवण नक्षत्र में रहेंगे. शास्त्रानुसार श्रवण नक्षत्र भगवान विष्णु के आधिपत्य का नक्षत्र माना गया है.
बता दें कि श्रवण नक्षत्र का स्वामी शनि ग्रह है. इस वर्ष शनि राशि परिवर्तन नहीं करेंगे. नक्षत्र गोचर करने से अलग-अलग राशि के जातकों को कई परिणाम मिलेंगे. इस साल मेष, कर्क और वृश्चिक राशि को शनि का ताम्र पाया प्राप्त है. ऐसे में इन राशि के जातकों को आगे चलकर लाभ प्राप्त होगा. वहीं, कार्य, व्यापार में तरक्की मिलेगी और इनके भौतिक सुखों में व्रद्धि होने की भी संभावना है.