जयपुर. महिला उत्पीड़न मामलों की विशेष कोर्ट क्रम दो ने आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में अभियुक्त दुलीचंद कोली उर्फ धोलू को 7 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने अभियुक्त पर 5 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने नाता प्रथा के चलते अभियुक्त के साथ रहने वाली मृतका को उसकी वैधानिक पत्नी नहीं माना है.
अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट को बताया गया कि 6 दिसंबर 2013 को रवि कुमार ने चाकसू थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि उसकी बहन रामेश्वरी का 16 मई 2013 को नाता प्रथा से अभियुक्त के साथ शादी होने के कुछ दिनों बाद रामेश्वरी ने उसे बताया कि अभियुक्त बेरोजगार है और शराब पीकर उसके साथ मारपीट भी करता है. इसके अलावा वह दहेज के तौर पर 50 हजार रुपए और गलीचे बनाने की मशीन भी मांग रहा है. जिसके बाद अभियुक्त ने उसे जलाकर मार दिया और फरार हो गया. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर कोर्ट में आरोप पत्र पेश किया. कोर्ट ने अभियुक्त को सजा सुनाते हुए परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर उसे हत्या का आरोपी नहीं माना है.
ट्रेवल्स कंपनी को देना होगा 10 हजार रुपए का हर्जाना
जयपुर जिला मंच उपभोक्ता संरक्षण क्रम दो ने बाड़ी तक का यात्रा टिकट होने के बावजूद 3 यात्रियों को धौलपुर में उतारने के मामले में मुद्गल ट्रेवल्स पर 10 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है. मंच ने यह आदेश मोहन प्रकाश व अन्य की ओर से दायर परिवाद पर सुनवाई करते हुए दिए. मंच ने माना कि ट्रेवल्स कंपनी ने तय दूरी की यात्रा का किराया वसूलने के बाद भी बीच रास्ते में ही परिवादियों को बस से उतार दिया. जिसके कारण उन्हें मानसिक कष्ट पहुंचा.
परिवाद में कहा गया कि परिवादियों ने 14 अगस्त 2016 को जयपुर से बाड़ी जाने के लिए मुद्गल ट्रेवल्स से तीन टिकट बुक कराए थे. यात्रा के दौरान बस के परिचालक ने उन्हें तय स्थान से करीब 40 किलोमीटर पहले ही उतार दिया. परिवादियों की ओर से शिकायत करने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. वहीं ट्रेवल्स कंपनी ने अपने जवाब में यात्रा टिकट को फर्जी बताया. लेकिन उसकी ओर से इस संबंध में कोई साक्ष्य पेश नहीं किया गया.