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अतिवृष्टि और बाढ़ प्रभावितों के लिए मुख्यमंत्री का संवेदनशील निर्णय, मृतक आश्रित को 5 लाख और घायल को 2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता

सीएम अशोक गहलोत शनिवार को ओपन वीसी के जरिए आपदा प्रबंधन और सहायता विभाग की बैठक में राज्य के कोटा और भरतपुर संभाग के कई जिलों में भारी वर्षा से उपजी स्थिति, राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने इन जिलों के संभागीय आयुक्त, आईजी, जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों से राहत कार्यों का फीडबैक लिया.

सीएम गहलोत की मीटिंग, Rajasthan News
सीएम गहलोत की मीटिंग
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Published : Aug 7, 2021, 9:10 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में अतिवृष्टि और बाढ़ से हुई जनहानि के मामलों में प्रभावितों को राहत देने के लिए बड़ा निर्णय लेते हुए मृतक के आश्रित को मुख्यमंत्री सहायता कोष से 1 लाख रुपए की अतिरिक्त आर्थिक सहायता और प्रत्येक घायल को 2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता तत्काल प्रदान करने के निर्देश दिए हैं. यह सहायता एसडीआरएफ नॉर्म्स के तहत दी जा रही सहायता के अतिरिक्त होगी.

बता दें, वर्तमान में एसडीआरएफ नॉर्म्स के तहत मृतक के आश्रित को 4 लाख रुपए की ही सहायता देय है, जबकि घायलों को इसके तहत देय सहायता काफी कम है. घायलों को एसडीआरएफ नॉर्म्स में दी जाने वाली सहायता राशि से 2 लाख रुपये के बीच की अन्तर राशि का भुगतान मुख्यमंत्री सहायता कोष से किया जाएगा.

सीएम अशोक गहलोत शनिवार को ओपन वीसी के जरिए आपदा प्रबंधन और सहायता विभाग की बैठक में राज्य के कोटा और भरतपुर संभाग के कई जिलों में भारी वर्षा से उपजी स्थिति, राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने इन जिलों के संभागीय आयुक्त, आईजी, जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों से राहत कार्यों का फीडबैक लिया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रभावित लोगों के साथ खड़ी है. संकट की इस घड़ी में जिन परिवारों ने अपनों को खोया है उनकी हरसंभव मदद की जाएगी. फसलों को हुए नुकसान के आकलन के लिए विशेष गिरदावरी के आदेश दे दिए गए हैं, ताकि प्रभावितों को मुआवजा दिलाने की कार्यवाही की जा सके. गहलोत ने निर्देश दिए कि जिला कलेक्टर जल्द से जल्द विशेष गिरदावरी रिपोर्ट भिजवाए ताकि इसे मेमोरेंडम के रूप में भारत सरकार को भिजवाया जा सके. साथ ही, पशुओं, मकानों और सार्वजनिक संपत्ति को हुई क्षति का सर्वे कर अविलंब रिपोर्ट भिजवाने के निर्देश भी संबंधित अधिकारियों को दिए गए हैं.

यह भी पढ़ेंः गांव का 'दंगल' : 6 जिलों में पंचायत चुनाव...सत्तारूढ़ कांग्रेस दिखा पाएगी दम-खम, भाजपा दे पाएगी टक्कर ?

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि अधिकारी बाढ़ग्रस्त और अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा ले और पीड़ित परिवारों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराए. बारिश के कारण जिन लोगों के मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उन्हें अस्थाई आवासों में शिफ्ट किया जाए. ऐसे लोगों के भोजन की माकूल व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें. मुख्यमंत्री ने बांधों से पानी छोड़ने से पूर्व प्रभावित क्षेत्रों में स्थानीय प्रशासन और आमजन को समय पर सूचित करने के भी निर्देश दिए.

गहलोत ने कहा कि मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार जिन जिलों और क्षेत्रों में भारी बारिश की आशंका है, वहां लोगों को सतर्क करने के साथ ही बचाव के पुख्ता इंतजाम किए जाएं. लोगों को डूब और भराव वाले स्थानों के साथ ही खतरे वाले पिकनिक स्थलों पर जाने से रोका जाए. जिन बांधों और जलाशयों के आसपास के क्षेत्र में खतरे की आशंका हो, वहां लोगों को अन्यत्र स्थानों पर शिफ्ट किया जाए. स्थानीय प्रशासन जलाशयों के जलस्तर की निरन्तर निगरानी करें. आवश्यकता पड़ने पर सेना और एनडीआरएफ की टीमों की तुरन्त मदद ली जाए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्षा के कारण जिन पुलों और सड़कों के क्षतिग्रस्त होने से आवागमन बाधित हुआ है, उन्हें जल्द से जल्द दुरूस्त कराकर आवागमन सुचारू किया जाए. उन्होंने सार्वजनिक निर्माण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेशभर में क्षतिग्रस्त सड़कों की प्राथमिकता के साथ मरम्मत की जाए.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में अतिवृष्टि और बाढ़ से हुई जनहानि के मामलों में प्रभावितों को राहत देने के लिए बड़ा निर्णय लेते हुए मृतक के आश्रित को मुख्यमंत्री सहायता कोष से 1 लाख रुपए की अतिरिक्त आर्थिक सहायता और प्रत्येक घायल को 2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता तत्काल प्रदान करने के निर्देश दिए हैं. यह सहायता एसडीआरएफ नॉर्म्स के तहत दी जा रही सहायता के अतिरिक्त होगी.

बता दें, वर्तमान में एसडीआरएफ नॉर्म्स के तहत मृतक के आश्रित को 4 लाख रुपए की ही सहायता देय है, जबकि घायलों को इसके तहत देय सहायता काफी कम है. घायलों को एसडीआरएफ नॉर्म्स में दी जाने वाली सहायता राशि से 2 लाख रुपये के बीच की अन्तर राशि का भुगतान मुख्यमंत्री सहायता कोष से किया जाएगा.

सीएम अशोक गहलोत शनिवार को ओपन वीसी के जरिए आपदा प्रबंधन और सहायता विभाग की बैठक में राज्य के कोटा और भरतपुर संभाग के कई जिलों में भारी वर्षा से उपजी स्थिति, राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने इन जिलों के संभागीय आयुक्त, आईजी, जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों से राहत कार्यों का फीडबैक लिया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रभावित लोगों के साथ खड़ी है. संकट की इस घड़ी में जिन परिवारों ने अपनों को खोया है उनकी हरसंभव मदद की जाएगी. फसलों को हुए नुकसान के आकलन के लिए विशेष गिरदावरी के आदेश दे दिए गए हैं, ताकि प्रभावितों को मुआवजा दिलाने की कार्यवाही की जा सके. गहलोत ने निर्देश दिए कि जिला कलेक्टर जल्द से जल्द विशेष गिरदावरी रिपोर्ट भिजवाए ताकि इसे मेमोरेंडम के रूप में भारत सरकार को भिजवाया जा सके. साथ ही, पशुओं, मकानों और सार्वजनिक संपत्ति को हुई क्षति का सर्वे कर अविलंब रिपोर्ट भिजवाने के निर्देश भी संबंधित अधिकारियों को दिए गए हैं.

यह भी पढ़ेंः गांव का 'दंगल' : 6 जिलों में पंचायत चुनाव...सत्तारूढ़ कांग्रेस दिखा पाएगी दम-खम, भाजपा दे पाएगी टक्कर ?

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि अधिकारी बाढ़ग्रस्त और अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा ले और पीड़ित परिवारों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराए. बारिश के कारण जिन लोगों के मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं, उन्हें अस्थाई आवासों में शिफ्ट किया जाए. ऐसे लोगों के भोजन की माकूल व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें. मुख्यमंत्री ने बांधों से पानी छोड़ने से पूर्व प्रभावित क्षेत्रों में स्थानीय प्रशासन और आमजन को समय पर सूचित करने के भी निर्देश दिए.

गहलोत ने कहा कि मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार जिन जिलों और क्षेत्रों में भारी बारिश की आशंका है, वहां लोगों को सतर्क करने के साथ ही बचाव के पुख्ता इंतजाम किए जाएं. लोगों को डूब और भराव वाले स्थानों के साथ ही खतरे वाले पिकनिक स्थलों पर जाने से रोका जाए. जिन बांधों और जलाशयों के आसपास के क्षेत्र में खतरे की आशंका हो, वहां लोगों को अन्यत्र स्थानों पर शिफ्ट किया जाए. स्थानीय प्रशासन जलाशयों के जलस्तर की निरन्तर निगरानी करें. आवश्यकता पड़ने पर सेना और एनडीआरएफ की टीमों की तुरन्त मदद ली जाए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्षा के कारण जिन पुलों और सड़कों के क्षतिग्रस्त होने से आवागमन बाधित हुआ है, उन्हें जल्द से जल्द दुरूस्त कराकर आवागमन सुचारू किया जाए. उन्होंने सार्वजनिक निर्माण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेशभर में क्षतिग्रस्त सड़कों की प्राथमिकता के साथ मरम्मत की जाए.

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