जयपुर. राजस्थान के वरिष्ठ शिक्षक लम्बे समय से उनके तबादले करने की मांग सरकार से कर रहे हैं. अपनी इस मांग को लेकर उन्होंने बीते दिनों राजधानी जयपुर में प्रदर्शन किया था और शहीद स्मारक पर धरना भी दिया था, लेकिन फिलहाल उनकी मांग पर सरकार ने कोई गौर नहीं किया है. अब वरिष्ठ शिक्षकों ने एक बार फिर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है.
राजस्थान एकीकृत शिक्षक महासंघ ने इस मुद्दे को लेकर 7 फरवरी से आंदोलन तेज करने और धरना-प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है. महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष हरपाल दादरवाल का कहना है कि सरकार ने उनकी मांग को गंभीरता से नहीं लिया तो वे 7 फरवरी को अनशन पर बैठेंगे.
हरपाल दादरवाल ने बताया कि शिक्षक ग्रेड- सेकंड के तबादले करने की मांग लम्बे समय से की जा रही है. पिछले दिनों प्रदेशभर के वरिष्ठ शिक्षकों ने जयपुर में प्रदर्शन किया था और मंत्री से इस बारे में मुलाकात भी की थी. तब मंत्री ने आचार संहिता के बाद उनके तबादले शुरू करने का आश्वासन दिया था, लेकिन बीते दो दिनों से अन्य विभागों के साथ ही शिक्षा विभाग में भी अलग-अलग कैडर के कर्मचारियों की तबादला सूची जारी हुई है.
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ऐसे में हमारा सवाल यही है कि क्या आचार संहिता की बंदिश केवल वरिष्ठ शिक्षकों के तबादलों पर ही लागू होती है. उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि वरिष्ठ शिक्षकों की इस मांग को सरकार ने गंभीरता से नहीं लिया, तो 7 फरवरी से आंदोलन और धरना-प्रदर्शन किया जाएगा. उन्होंने खुद भी अनशन पर बैठने की चेतावनी दी है.