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जयपुर: दसवीं अनुसूची में अध्यक्ष की भूमिका विषय पर सेमिनार का आयोजन

जयपुर में शनिवार को दसवीं अनुसूची में अध्यक्ष की भूमिका विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया. ये आयोजन राष्ट्रमंडल संसदीय और संघ राजस्थान सरकार की ओर से किया गया. इस दौरान राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि आजादी के पश्चात देश में विधान मंडलों में दलबदल की घटनाएं बहुतायत में होने लगी हैं.

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दसवीं अनुसूची में अध्यक्ष की भूमिका विषय पर सेमिनार का आयोजन
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Published : Feb 29, 2020, 9:05 PM IST

जयपुर. शहर में राष्ट्रमंडल संसदीय और संघ राजस्थान सरकार की ओर से दसवीं अनुसूची में अध्यक्ष की भूमिका विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया. राजस्थान विधानसभा में आयोजित सेमिनार में तीन सत्रों में इस विषय पर चर्चा की गई. समापन सत्र में राज्यपाल कलराज मिश्र, सीईसी सुनील अरोड़ा, स्पीकर सीपी जोशी भी मौजूद रहे.

इस दौरान कलराज मिश्र ने कहा कि आजादी के पश्चात देश में विधान मंडलों में दलबदल की घटनाएं बहुतायत में होने लगी हैं. 1967 और 1972 में चौथे पांचवे आम चुनाव में राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में लोकसभा और विधानसभा में 4 हजार सदस्यों में से लगभग 2 हजार मामले दल बदल के थे. इस राजनीतिक अस्थिरता को देखते हुए 1985 में 52वें संविधान संशोधन के माध्यम से अनुच्छेद 102 में एक नया खंड जोड़ा गया. जिसके बाद दलबदल की घटनाओं में कमी हुई, लेकिन ये समस्या पूरी तरह से समाप्त नहीं हो पाई.

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उन्होंने कहा कि दलबदल की बुराई को दूर करने में ये कानून अपने उद्देश्यों को प्राप्त नहीं कर पा रहा है. इस कानून में अध्यक्ष की भूमिका को लेकर कलराज मिश्र ने कई राज्यों के उदाहरण दिए और कहा अध्यक्ष एक राजनीतिक व्यक्ति होता है और उसे भविष्य में किसी ने किसी दल के प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरना होता है, इसलिए उस दल के प्रति उसकी प्रतिबद्धता है. इसी कारण ऐसे दृष्टांत उपस्थित हुए हैं.

वहीं, राज्यपाल ने कहा कि जिस तरीके से आज राजस्थान विधानसभा में चर्चा हुई है उसी तरीके से सभी विधान सभाओं में दल बदल कानून को लेकर शिक्षाविदों, न्यायविदों के बीच में बड़ी चर्चा हो और उसका संकल्प पास करके देश की संसद में भेजा जाए तो वहीं आज राज्यपाल कलराज मिश्रा ने स्पीकर सीपी जोशी की राजस्थान विधानसभा को अच्छे से चलाने के लिए तारीफ भी की.

राज्यपाल कलराज मिश्र ने आज विधानसभा में सदन के सभी सदस्यों को संविधान की शपथ भी दिलवाई और इसके बाद उन्होंने मूल कर्तव्यों की शपथ भी सभी मौजूद सदस्यों को दिलवाई. उन्होने कहा कि मूल अधिकारों की बात तो हर कोई करता है, लेकिन 11 मूल कर्तव्य भी हर किसी को को याद रखने चाहिए. राज्यपाल कलराज मिश्र ने आज से विधानसभा में पर्ची के सिस्टम को ऑनलाइन कर दिया है. अब से विधानसभा में विधायकों को व्यक्तिगत उपस्थित होने की बजाय अपनी पर्ची ऑनलाइन एप पर ही डालने से काम हो जाएगा.

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आपको बता दें कि राष्ट्रमंडल संसदीय संघ और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की ओर से दसवीं अनुसूची में अध्यक्ष की भूमिका किस तरह की हो इसके लिए सीपी जोशी की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है. ये कमेटी अपनी रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष को पेश करेगी. जिसके लिए आज यह सेमिनार रखी गई थी.

जयपुर. शहर में राष्ट्रमंडल संसदीय और संघ राजस्थान सरकार की ओर से दसवीं अनुसूची में अध्यक्ष की भूमिका विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया. राजस्थान विधानसभा में आयोजित सेमिनार में तीन सत्रों में इस विषय पर चर्चा की गई. समापन सत्र में राज्यपाल कलराज मिश्र, सीईसी सुनील अरोड़ा, स्पीकर सीपी जोशी भी मौजूद रहे.

इस दौरान कलराज मिश्र ने कहा कि आजादी के पश्चात देश में विधान मंडलों में दलबदल की घटनाएं बहुतायत में होने लगी हैं. 1967 और 1972 में चौथे पांचवे आम चुनाव में राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में लोकसभा और विधानसभा में 4 हजार सदस्यों में से लगभग 2 हजार मामले दल बदल के थे. इस राजनीतिक अस्थिरता को देखते हुए 1985 में 52वें संविधान संशोधन के माध्यम से अनुच्छेद 102 में एक नया खंड जोड़ा गया. जिसके बाद दलबदल की घटनाओं में कमी हुई, लेकिन ये समस्या पूरी तरह से समाप्त नहीं हो पाई.

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उन्होंने कहा कि दलबदल की बुराई को दूर करने में ये कानून अपने उद्देश्यों को प्राप्त नहीं कर पा रहा है. इस कानून में अध्यक्ष की भूमिका को लेकर कलराज मिश्र ने कई राज्यों के उदाहरण दिए और कहा अध्यक्ष एक राजनीतिक व्यक्ति होता है और उसे भविष्य में किसी ने किसी दल के प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरना होता है, इसलिए उस दल के प्रति उसकी प्रतिबद्धता है. इसी कारण ऐसे दृष्टांत उपस्थित हुए हैं.

वहीं, राज्यपाल ने कहा कि जिस तरीके से आज राजस्थान विधानसभा में चर्चा हुई है उसी तरीके से सभी विधान सभाओं में दल बदल कानून को लेकर शिक्षाविदों, न्यायविदों के बीच में बड़ी चर्चा हो और उसका संकल्प पास करके देश की संसद में भेजा जाए तो वहीं आज राज्यपाल कलराज मिश्रा ने स्पीकर सीपी जोशी की राजस्थान विधानसभा को अच्छे से चलाने के लिए तारीफ भी की.

राज्यपाल कलराज मिश्र ने आज विधानसभा में सदन के सभी सदस्यों को संविधान की शपथ भी दिलवाई और इसके बाद उन्होंने मूल कर्तव्यों की शपथ भी सभी मौजूद सदस्यों को दिलवाई. उन्होने कहा कि मूल अधिकारों की बात तो हर कोई करता है, लेकिन 11 मूल कर्तव्य भी हर किसी को को याद रखने चाहिए. राज्यपाल कलराज मिश्र ने आज से विधानसभा में पर्ची के सिस्टम को ऑनलाइन कर दिया है. अब से विधानसभा में विधायकों को व्यक्तिगत उपस्थित होने की बजाय अपनी पर्ची ऑनलाइन एप पर ही डालने से काम हो जाएगा.

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