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संविधान एक तरह से भारत का आधुनिक ग्रंथ हैः मनोज कुमार

राजधानी के पाथय कण में संविधान दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसमें वक्ताओं ने कहा कि संविधान इतना महत्वपूर्ण ग्रंथ होने के बावजूद सामान्य समाज इससे कम ही परिचित है. इसके लिए ऐसे छोटे-छोटे कार्यक्रमों से संविधान के बारे में परिचय और जानकारियां मिले, इसके लिए ऐसी संगोष्ठी जरूरी है. ताकि इसके अंदर क्या-क्या है, कैसी धाराएं हैं, कैसे नियम है और कब-कब संशोधन हुए हैं, यह समझना प्रत्येक नागरिक की जिज्ञासा बने.

Jaipur news, जयपुर की खबर
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Published : Nov 26, 2019, 11:47 PM IST

जयपुर. देशभर में मंगलवार को संविधान दिवस को लोगों ने एक उत्सव के रूप में मनाया. इसी के चलते राजधानी के पाथय कण भवन में भी संविधान दिवस पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया था. जिसमें सिक्किम के पूर्व राज्यपाल और रिटायर्ड मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस. एन. भार्गव ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. वहीं संगोष्ठी के मुख्य वक्ता रिटायर्ड प्राचार्य और संविधान विशेषज्ञ रामस्वरूप अग्रवाल मौजूद रहे.

पाथय कण में संविधान दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन

इस संगोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि संविधान इतना महत्वपूर्ण ग्रंथ होने के बावजूद सामान्य समाज इससे कम ही परिचित है. इसके लिए ऐसे छोटे-छोटे कार्यक्रमों से संविधान के बारे में परिचय और जानकारियां मिले, इसके लिए ऐसी संगोष्ठी जरूरी है. ताकि इसके अंदर क्या-क्या है, कैसी धाराएं हैं, कैसे नियम है और कब-कब संशोधन हुए हैं, यह समझना प्रत्येक नागरिक की जिज्ञासा बने. इसके लिए ही संगोष्ठी का आयोजन किया गया है.

पढ़ें- प्रदेशभर में कुछ इस तरह से मनाया गया 70वां संविधान दिवस

वहीं, आरएसएस के प्रचार प्रमुख मनोज कुमार ने बताया कि आज संविधान दिवस है. संविधान एक तरह से भारत का आधुनिक ग्रंथ है. भारत में मनुष्य के लिए धर्म एक नियामक ईकाई होती थी. वहीं आज के समय में संविधान भी मनुष्य के लिए नियामत इकाई है. वो उसके अपने कर्तव्य और अधिकार दोनों की जानकारी देता है. वहीं उन्होंने कहा कि संविधान प्रत्येक व्यक्ति के लिए है. समता, एकता और बन्धुता का संदेश तो देती ही है. साथ ही राष्ट्रीयता, समरस्ता और एकात्मकता का भी सन्देश देती है. वहीं इस संगोष्ठी में स्तंभ लेखक, पैनलिस्ट, ब्लॉगर्स, वार्ताकार, विधि पत्रकार, विधि शोधार्थी और विधि छात्र मौजूद रहे.

जयपुर. देशभर में मंगलवार को संविधान दिवस को लोगों ने एक उत्सव के रूप में मनाया. इसी के चलते राजधानी के पाथय कण भवन में भी संविधान दिवस पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया था. जिसमें सिक्किम के पूर्व राज्यपाल और रिटायर्ड मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस. एन. भार्गव ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. वहीं संगोष्ठी के मुख्य वक्ता रिटायर्ड प्राचार्य और संविधान विशेषज्ञ रामस्वरूप अग्रवाल मौजूद रहे.

पाथय कण में संविधान दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन

इस संगोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि संविधान इतना महत्वपूर्ण ग्रंथ होने के बावजूद सामान्य समाज इससे कम ही परिचित है. इसके लिए ऐसे छोटे-छोटे कार्यक्रमों से संविधान के बारे में परिचय और जानकारियां मिले, इसके लिए ऐसी संगोष्ठी जरूरी है. ताकि इसके अंदर क्या-क्या है, कैसी धाराएं हैं, कैसे नियम है और कब-कब संशोधन हुए हैं, यह समझना प्रत्येक नागरिक की जिज्ञासा बने. इसके लिए ही संगोष्ठी का आयोजन किया गया है.

पढ़ें- प्रदेशभर में कुछ इस तरह से मनाया गया 70वां संविधान दिवस

वहीं, आरएसएस के प्रचार प्रमुख मनोज कुमार ने बताया कि आज संविधान दिवस है. संविधान एक तरह से भारत का आधुनिक ग्रंथ है. भारत में मनुष्य के लिए धर्म एक नियामक ईकाई होती थी. वहीं आज के समय में संविधान भी मनुष्य के लिए नियामत इकाई है. वो उसके अपने कर्तव्य और अधिकार दोनों की जानकारी देता है. वहीं उन्होंने कहा कि संविधान प्रत्येक व्यक्ति के लिए है. समता, एकता और बन्धुता का संदेश तो देती ही है. साथ ही राष्ट्रीयता, समरस्ता और एकात्मकता का भी सन्देश देती है. वहीं इस संगोष्ठी में स्तंभ लेखक, पैनलिस्ट, ब्लॉगर्स, वार्ताकार, विधि पत्रकार, विधि शोधार्थी और विधि छात्र मौजूद रहे.

Intro:पाथय कण में संविधान दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ. जिसमें पूर्व राज्यपाल एस. एन. भार्गव और संविधान विशेषज्ञ रामस्वरूप अग्रवाल ने अपने व्याख्यान दिए. संगोष्ठी में संविधान के महत्व के बारे में अहम जानकारियां दी गई. जिसमें स्तंभ लेखक, पैनलिस्ट, ब्लॉगर्स, वार्ताकार, विधि पत्रकार,शोधार्थी व स्टूडेंट्स मौजूद रहे.


Body:जयपुर : देशभर में संविधान दिवस को एक उत्सव के रूप में मनाया गया. इसी के चलते राजधानी के पाथय कण भवन में भी संविधान दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसमें सिक्कम के पूर्व राज्यपाल व रिटायर्ड मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस. एन. भार्गव ने बेतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. तो वही संगोष्ठी के मुख्य वक्ता रिटायर्ड प्राचार्य व संविधान विशेषज्ञ रामस्वरूप अग्रवाल रहे.

इस संगोष्ठी में वक्ताओं ने कहा, कि संविधान इतना महत्वपूर्ण ग्रंथ होने के बावजूद सामान्य समाज इससे परिचित कम है. इसके लिए ऐसे छोटे-छोटे कार्यक्रमों से संविधान के बारे में परिचय मिले और जानकारियां मिले इसके लिए ऐसी संगोष्ठी जरूरी है. ताकि इसके अंदर क्या-क्या है, कैसी धाराएं हैं, कैसे नियम है और कब-कब संशोधन हुए हैं यह समझना प्रत्येक नागरिक की जिज्ञासा बने. इसके प्रति इसके लिए संगोष्ठी का आयोजन किया गया है.

वही आरएसएस के प्रचार प्रमुख मनोज कुमार ने बताया, कि आज संविधान दिवस है. संविधान एक तरह से भारत का आधुनिक ग्रंथ है. भारत में मनुष्य के लिए धर्म एक नियामक ईकाई होती थी. वही आज के समय मे संविधान भी मनुष्य के लिए नियामत इकाई है. वो उसके अपने कर्तव्य और अधिकार दोनो की जानकारी देता है. वही उन्होंने कहा, कि संविधान प्रत्येक व्यक्ति के लिए है. समता, एकता व बन्धुता का संदेश तो देती ही है. राष्ट्रीयता, समरस्ता और एकात्मकता का भी सन्देश देता है. वही इस संगोष्ठी में स्तंभ लेखक, पैनलिस्ट, ब्लॉगर्स, वार्ताकार, विधि पत्रकार, विधि शोधार्थी और विधि छात्र मौजूद रहे.

बाइट- मनोज कुमार, प्रचार प्रमुख, आरएसएस


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