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'CM से लेकर DM तक लगा चुका हूं गुहार- परेशान है बेटा, कुछ हुआ तो कर लूंगा सुसाइड'

ईटीवी भारत से अपना दर्द बयां करते हुए एक पिता ने जो कुछ कहा वो सुनकर हमने तो उन्हें सांत्वना दी और उनकी हिम्मत बढ़ाई. लेकिन सरकार से यक्ष प्रश्न ये है कि कब इन जैसे तमाम पिता अपने बेटों को गले से लगा पाएंगे.

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पिता ने अपना दर्द किया बयां
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Published : Apr 23, 2020, 9:03 PM IST

रक्सौल/जयपुर : लॉकडाउन के दौरान राजस्थान के कोटा में फंसे बिहार के हजारों बच्चों का दर्द किसी से छिपा नहीं है. ईटीवी भारत से ऐसे ही एक पिता ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है. साथ ही कहा है कि अगर बेटे को कुछ हुआ तो वो आत्महत्या कर लेंगे.

पिता ने अपना दर्द किया बयां

कोटा में फंसे छात्र किशन कुमार के पिता पूर्वी चंपारण के रक्सौल निवासी अनिल केजरीवाल ने ईटीवी भारत संवाददाता से बताया कि उन्होंने अपने बेटे की वापसी के लिए मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री से लेकर सांसद संजय जयसवाल सभी से संपर्क किया. लेकिन न कोई आश्वासन मिला न मदद.

'बिहार सरकार की होगी जवाबदेही'
अनिल केजरीवाल ने बताया कि, उन्होंने जिलाधिकारी से भी बात की, लेकिन जिला परिवहन पदाधिकारी से बात करने का हवाला देते हुए उन्होंने पास देने से मना कर दिया. अनित कहते है कि, यदि मेरे बच्चे को कुछ हो जाता है या वो डिप्रेशन का शिकार हो जाता है, तो उसकी पूरी जवाबदेही बिहार सरकार की होगी. मैं आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाऊंगा.

  • अनिल के मुताबिक उनका बेटा कोटा के जिस इलाके में रहता है, वहां से कुछ ही दूरी पर कोरोना हॉट स्पॉट है.
  • बेटा कोटा में मेडिकल की पढ़ाई करता है. पूर्वी चंपारण के रक्सौल निवासी हैं अनिल केजरीवाल.
  • उनके बेटे के साथ-साथ जिले के कई छात्र कोटा में फंसे हुए हैं.
  • इन्हीं छात्रों में रक्सौल बीआरसी में पदास्थापित मनोज कुमार का बेटा भी शामिल है.

बीजेपी विधायक ले आए अपनी बेटी
हाल ही में नवादा के हिसुआ से बीजेपी विधायक अनिल सिंह अपनी बेटी को कोटा से लेकर आ गये. इस बाबत उन्होंने बताया था कि सरकारी नियमों के तहत उन्होंने पास निर्गत कराया. इसके बाद से तमाम लोग वेबसाइट पर जाकर पास की मांग कर रहे हैं, ताकि वो अपने बेटे को वापस ला सकें.

पढ़ेंः प्रदेश में करीब 95 हजार जब्त वाहनों को छोड़ने के लिए मुख्य सचेतक ने डीजीपी से किया आग्रह

...तो लॉकडाउन का मजाक उड़ जाएगा: नीतीश
बता दें कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोटा में फंसे अन्य राज्यों के छात्र-छात्राओं को संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्री से ले जाने की अपील की थी. जिसके बाद यूपी की योगी सरकार और एमपी की शिवराज सरकार ने बसें भेजकर अपने छात्र-छात्रों को बुलवाया था. हालांकि नीतीश कुमार ने कहा था कि सभी राज्य बाहर फंसे लोगों को वापस लाने लगे तो लॉकडाउन का मजाक उड़ जाएगा. उन्होंने कहा कि हमलोगों का तो कमिटमेंट पूरे तौर पर है. सोशल डिस्टेंसिंग ही हम सबको बचा सकता है.

रक्सौल/जयपुर : लॉकडाउन के दौरान राजस्थान के कोटा में फंसे बिहार के हजारों बच्चों का दर्द किसी से छिपा नहीं है. ईटीवी भारत से ऐसे ही एक पिता ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है. साथ ही कहा है कि अगर बेटे को कुछ हुआ तो वो आत्महत्या कर लेंगे.

पिता ने अपना दर्द किया बयां

कोटा में फंसे छात्र किशन कुमार के पिता पूर्वी चंपारण के रक्सौल निवासी अनिल केजरीवाल ने ईटीवी भारत संवाददाता से बताया कि उन्होंने अपने बेटे की वापसी के लिए मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री से लेकर सांसद संजय जयसवाल सभी से संपर्क किया. लेकिन न कोई आश्वासन मिला न मदद.

'बिहार सरकार की होगी जवाबदेही'
अनिल केजरीवाल ने बताया कि, उन्होंने जिलाधिकारी से भी बात की, लेकिन जिला परिवहन पदाधिकारी से बात करने का हवाला देते हुए उन्होंने पास देने से मना कर दिया. अनित कहते है कि, यदि मेरे बच्चे को कुछ हो जाता है या वो डिप्रेशन का शिकार हो जाता है, तो उसकी पूरी जवाबदेही बिहार सरकार की होगी. मैं आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाऊंगा.

  • अनिल के मुताबिक उनका बेटा कोटा के जिस इलाके में रहता है, वहां से कुछ ही दूरी पर कोरोना हॉट स्पॉट है.
  • बेटा कोटा में मेडिकल की पढ़ाई करता है. पूर्वी चंपारण के रक्सौल निवासी हैं अनिल केजरीवाल.
  • उनके बेटे के साथ-साथ जिले के कई छात्र कोटा में फंसे हुए हैं.
  • इन्हीं छात्रों में रक्सौल बीआरसी में पदास्थापित मनोज कुमार का बेटा भी शामिल है.

बीजेपी विधायक ले आए अपनी बेटी
हाल ही में नवादा के हिसुआ से बीजेपी विधायक अनिल सिंह अपनी बेटी को कोटा से लेकर आ गये. इस बाबत उन्होंने बताया था कि सरकारी नियमों के तहत उन्होंने पास निर्गत कराया. इसके बाद से तमाम लोग वेबसाइट पर जाकर पास की मांग कर रहे हैं, ताकि वो अपने बेटे को वापस ला सकें.

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...तो लॉकडाउन का मजाक उड़ जाएगा: नीतीश
बता दें कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोटा में फंसे अन्य राज्यों के छात्र-छात्राओं को संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्री से ले जाने की अपील की थी. जिसके बाद यूपी की योगी सरकार और एमपी की शिवराज सरकार ने बसें भेजकर अपने छात्र-छात्रों को बुलवाया था. हालांकि नीतीश कुमार ने कहा था कि सभी राज्य बाहर फंसे लोगों को वापस लाने लगे तो लॉकडाउन का मजाक उड़ जाएगा. उन्होंने कहा कि हमलोगों का तो कमिटमेंट पूरे तौर पर है. सोशल डिस्टेंसिंग ही हम सबको बचा सकता है.

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