जयपुर. राज्य सरकार की ओर से तय किए गए 10 लाख पट्टे बांटने के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए प्रशासन शहरों के संग अभियान का दूसरा चरण शुरू किया गया है. अभियान अब 31 मार्च, 2023 तक जारी (Second phase of Prashashan Shehro Ke Sang till March Next year) रहेगा. अभियान के दूसरे चरण के पहले पखवाड़े तक जयपुर विकास प्राधिकरण ने जहां जेडीए परिसर और योजनाओं में मौके पर शिविर लगाते हुए अब तक 37180 पट्टे जारी किए, तो वहीं ग्रेटर निगम ने 1366 और हेरिटेज निगम ने 3025 पट्टे जारी कर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं.
राज्य सरकार के निर्देश पर प्रशासन शहरों के संग अभियान के शिविर दोबारा शुरू हुए. खास बात ये है कि इस बार अभियान को और सरल बनाया गया है, ताकि आमजन को पट्टा लेने में आसानी हो सके. यही नहीं पट्टों की दरों में 75 प्रतिशत तक की छूट भी दी गई है, ताकि आमजन को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके. साथ ही इन शिविरों में लंबित प्रकरणों के निपटारा करने के भी निर्देश दिए गए हैं. ऐसे में अब प्रदेश में सबसे ज्यादा 1 लाख पट्टे बांटने का लक्ष्य लेकर चल रहे जयपुर विकास प्राधिकरण की तरफ निगाहें बनी हुई है. प्राधिकरण को अब तक लीज होल्ड के 18981 और फ्रीहोल्ड के 18566 आवेदन प्राप्त हुए हैं जिनमें से 99 फीसदी का निस्तारण किया जा चुका है. जेडीए ने अब तक 37180 पट्टे जारी किए हैं. इसके अलावा नेम ट्रांसफर, सबडिवीजन, बिल्डिंग प्लान अप्रूवल, ड्यू लीज और खांचा भूमि के प्रकरणों का निस्तारण करते हुए 214.29 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया है.
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उधर, शहर के दोनों निगम भी अब नए आवेदनों के साथ पुराने प्रकरणों को निस्तारित करने में भी जुटे हुए हैं. ताकि पट्टे जारी करने की संख्या को बढ़ाया जा सके. चूंकि दोनों ही निगम के सामने 20-20 हजार पट्टे बांटने का लक्ष्य है. हालांकि ग्रेटर नगर निगम ने पहले ही इस लक्ष्य को 5400 तक सीमित करने का मन बना रखा है. वहीं राज्य सरकार की ओर से नियमों में किए गए आंशिक बदलाव और दी गई शिथिलताओं के बावजूद दोनों ही निगम ने निरस्त की हुई फाइलों को दोबारा खंगालना उचित नहीं समझा.
निगम | आवेदन | पट्टे जारी | निरस्त | पेंडिंग |
हेरिटेज नगर निगम | 6758 | 3025 | 2345 | |
ग्रेटर नगर निगम | 5574 | 1366 | 2633 | 1540 |
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आपको बता दें कि निगम और प्राधिकरण क्षेत्र में अभियान अवधि में कृषि भूमि की प्रीमियम दरों में छूट दी गई है. 500 वर्ग मीटर तक आवासीय भूखंड पर 100 रुपए प्रति वर्ग मीटर जबकि 500 वर्ग मीटर से ज्यादा के आवासीय भूखंड पर 200 रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर निर्धारित की है. इसी तरह 300 वर्ग मीटर तक के व्यवसायिक भूखंड की 200 रुपए प्रति वर्ग मीटर और 300 वर्ग मीटर से ज्यादा की दर 400 रुपए प्रति वर्ग मीटर तय की गई है.