ETV Bharat / city

कानून व्यवस्था की समीक्षा दूसरा दिन: हर पीड़ित को शीघ्र न्याय मिले, प्रो-एक्टिव पुलिसिंग से अपराध पर कसें लगाम- मुख्यमंत्री गहलोत

राजस्थान में लगातार बढ़ते अपराध के बीच सीएम अशोक गहलोत कानून व्यवस्था की समीक्षा (review meeting took by Cm Ashok Gehlot) कर रहे हैं. सीएम गहलोत पुलिस अधिकारियों के साथ सीधा संवाद करते हुए हर पीड़ित को शीघ्र न्याय दिलाने के निर्देश दिए हैं.

review meeting took by Cm Ashok
review meeting took by Cm Ashok
author img

By

Published : Jan 28, 2022, 6:53 PM IST

जयपुर. प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (review meeting took by Cm Ashok Gehlot) ने शुक्रवार को दूसरे दिन भी जिले के पुलिस अधिकारियों से सीधा संवाद किया. उन्होंने निर्देश दिए कि हर पीड़ित को शीघ्र न्याय मिले. प्रोएक्टिव पुलिसिंग से अपराधों पर कैसे लगाम लगे इस पर काम करने की जरूरत है. सीएम गहलोत ने कहा कि जिला पुलिस अधीक्षक प्रत्येक पीडि़त को न्याय दिलाने की सोच के साथ निचले स्तर तक कानून व्यवस्था की स्थिति को सुदृढ़ बनाने में अपनी सकारात्मक भूमिका का निर्वहन करें.

सीएम गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से (second day of law and order review in Rajasthan) पुलिस महानिरीक्षक और जिला पुलिस अधीक्षकों की बैठक की. उन्होंने कहा कि जिलों में थाने और चौकी स्तर तक प्रभावी मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए और प्रो-एक्टिव पुलिसिंग से प्रदेश को अपराध नियंत्रण में अग्रणी बनाया जाए. उन्होंने कहा कि यह संतोष की बात है कि विभिन्न नवाचारों से पॉक्सो एक्ट, महिला अत्याचार और एससी-एसटी उत्पीड़न के प्रकरणों के निस्तारण में लगने वाले औसत समय में उल्लेखनीय कमी आई है.

पढ़ें. सीएम गहलोत की एसपी को दो टूक, कहा- कानून का इकबाल कायम करना जिला पुलिस अधीक्षकों की जिम्मेदारी...

दुष्कर्म के मामलों में अनुसंधान समय वर्ष 2018 में 211 दिन था, जो वर्ष 2021 में घटकर 86 दिन रह गया है . पुलिस ने वर्ष 2021 में पॉक्सो एक्ट के 510 प्रकरणों में अपराधियों को सजा दिलवाई है, जिनमें से 4 प्रकरणों में मृत्यु-दण्ड और 35 प्रकरणों में आजीवन कारावास की सजा मिली है . पुलिस आगे भी ऐसे मामलों में प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करे .

सीएम ने गिनाए नवाचारः मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पुलिस की कार्यशैली को आधुनिक, पब्लिक फ्रेंडली और प्रो-एक्टिव बनाने के उद्देश्य से थानों में स्वागत कक्ष बनाया है. साथ ही महिला अपराधों की रोकथाम के साथ प्रभावी अनुसंधान के लिए हर जिले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के पद के सृजन, अनिवार्य एफआईआर रजिस्ट्रेशन, जघन्य अपराधों के लिए अलग इकाई का गठन, महिला एवं बाल डेस्क का संचालन, सुरक्षा सखी, पुलिस मित्र, ग्राम रक्षक, महिला शक्ति आत्मरक्षा केंद्र जैसे नवाचार किए हैं. इन नवाचारों के और बेहतर परिणाम हासिल हों. उन्होंने निर्देश दिए कि जिन थानों में स्वागत कक्ष नहीं बने हैं, वहां यह काम जल्द पूरा किया जाए. जिला पुलिस अधीक्षक स्वागत कक्षों का निरीक्षण करें, ताकि जिस मंशा के साथ इनका निर्माण किया गया है वह पूरा हो सके.

पढ़ें. कानून व्यवस्था बनी सिरदर्द : सीएम अशोक गहलोत ने बुलाई पुलिस अधीक्षकों की बैठक, करेंगे वन-टू-वन संवाद

साइबर क्राइम रोकने के लिए अपनाएं नवाचारः गहलोत ने निर्देश दिए कि तकनीक का दुरूपयोग कर किए जाने वाले साइबर एवं आर्थिक क्राइम तथा अन्य अपराधों पर प्रभावी रोकथाम के लिए जिला पुलिस अधीक्षक नवाचार अपनाएं . अपराध शाखा अपराधों का गुणवत्तापूर्ण पर्यवेक्षण करे और गंभीर अपराधों में उच्च अधिकारी स्वयं मौके पर जाकर उचित तफ्तीश सुनिश्चित करें.

पुलिस हिरासत में मौतों, दुष्कर्म, बाल अपराध, महिला अत्याचार आदि की घटनाओं को प्राथमिकता एवं गंभीरता से लें .ऐसे मामलों में मीडिया को वास्तविक स्थिति से तुरंत अवगत कराएं, ताकि कानून-व्यवस्था की स्थिति नहीं बिगडे़. पुलिस मुख्यालय और जिलों की सोशल मीडिया टीमों के बीच प्रभावी समन्वय हो.

पढ़ें. कृषि विपणन विभाग की समीक्षा बैठक : किसानों को जागरूक कर मंडियों में ई-पेमेंट को बढ़ावा दें : CM गहलोत

छुआछूत की घटनाओं को कड़ाई से रोकेंः गहलोत ने कहा कि आज के समय में भी छुआछूत और दबंगों की ओर से बिंदोरी के दौरान दूल्हे को घोड़ी से उतारने जैसी घटनाएं मानवता पर कलंक हैं. इन घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस विशेष प्रयास करे. गंभीर घटनाओं में नियमानुसार पीड़ित को प्रतिकर स्कीम में तत्काल सहायता उपलब्ध करवाएं.

उन्होंने ठगी, ड्रग्स और नशीली दवाइयों के अवैध कारोबार तथा विभिन्न गिरोहों की ओर से संगठित अपराधों सहित अन्य मामलों में भी प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस कार्मिक विषम और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अपनी ड्यूटी को अंजाम देते हैं . ऐसे में पदोन्नति सहित अन्य सेवा लाभ समय पर मिलने से उनका मनोबल बढ़ता है. जिला पुलिस अधीक्षक यह सुनिश्चित करें कि पुलिस कार्मिकों को पदोन्नति समय पर मिले और लापरवाह और भ्रष्ट कार्मिकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करें.

जयपुर. प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (review meeting took by Cm Ashok Gehlot) ने शुक्रवार को दूसरे दिन भी जिले के पुलिस अधिकारियों से सीधा संवाद किया. उन्होंने निर्देश दिए कि हर पीड़ित को शीघ्र न्याय मिले. प्रोएक्टिव पुलिसिंग से अपराधों पर कैसे लगाम लगे इस पर काम करने की जरूरत है. सीएम गहलोत ने कहा कि जिला पुलिस अधीक्षक प्रत्येक पीडि़त को न्याय दिलाने की सोच के साथ निचले स्तर तक कानून व्यवस्था की स्थिति को सुदृढ़ बनाने में अपनी सकारात्मक भूमिका का निर्वहन करें.

सीएम गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से (second day of law and order review in Rajasthan) पुलिस महानिरीक्षक और जिला पुलिस अधीक्षकों की बैठक की. उन्होंने कहा कि जिलों में थाने और चौकी स्तर तक प्रभावी मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए और प्रो-एक्टिव पुलिसिंग से प्रदेश को अपराध नियंत्रण में अग्रणी बनाया जाए. उन्होंने कहा कि यह संतोष की बात है कि विभिन्न नवाचारों से पॉक्सो एक्ट, महिला अत्याचार और एससी-एसटी उत्पीड़न के प्रकरणों के निस्तारण में लगने वाले औसत समय में उल्लेखनीय कमी आई है.

पढ़ें. सीएम गहलोत की एसपी को दो टूक, कहा- कानून का इकबाल कायम करना जिला पुलिस अधीक्षकों की जिम्मेदारी...

दुष्कर्म के मामलों में अनुसंधान समय वर्ष 2018 में 211 दिन था, जो वर्ष 2021 में घटकर 86 दिन रह गया है . पुलिस ने वर्ष 2021 में पॉक्सो एक्ट के 510 प्रकरणों में अपराधियों को सजा दिलवाई है, जिनमें से 4 प्रकरणों में मृत्यु-दण्ड और 35 प्रकरणों में आजीवन कारावास की सजा मिली है . पुलिस आगे भी ऐसे मामलों में प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करे .

सीएम ने गिनाए नवाचारः मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पुलिस की कार्यशैली को आधुनिक, पब्लिक फ्रेंडली और प्रो-एक्टिव बनाने के उद्देश्य से थानों में स्वागत कक्ष बनाया है. साथ ही महिला अपराधों की रोकथाम के साथ प्रभावी अनुसंधान के लिए हर जिले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के पद के सृजन, अनिवार्य एफआईआर रजिस्ट्रेशन, जघन्य अपराधों के लिए अलग इकाई का गठन, महिला एवं बाल डेस्क का संचालन, सुरक्षा सखी, पुलिस मित्र, ग्राम रक्षक, महिला शक्ति आत्मरक्षा केंद्र जैसे नवाचार किए हैं. इन नवाचारों के और बेहतर परिणाम हासिल हों. उन्होंने निर्देश दिए कि जिन थानों में स्वागत कक्ष नहीं बने हैं, वहां यह काम जल्द पूरा किया जाए. जिला पुलिस अधीक्षक स्वागत कक्षों का निरीक्षण करें, ताकि जिस मंशा के साथ इनका निर्माण किया गया है वह पूरा हो सके.

पढ़ें. कानून व्यवस्था बनी सिरदर्द : सीएम अशोक गहलोत ने बुलाई पुलिस अधीक्षकों की बैठक, करेंगे वन-टू-वन संवाद

साइबर क्राइम रोकने के लिए अपनाएं नवाचारः गहलोत ने निर्देश दिए कि तकनीक का दुरूपयोग कर किए जाने वाले साइबर एवं आर्थिक क्राइम तथा अन्य अपराधों पर प्रभावी रोकथाम के लिए जिला पुलिस अधीक्षक नवाचार अपनाएं . अपराध शाखा अपराधों का गुणवत्तापूर्ण पर्यवेक्षण करे और गंभीर अपराधों में उच्च अधिकारी स्वयं मौके पर जाकर उचित तफ्तीश सुनिश्चित करें.

पुलिस हिरासत में मौतों, दुष्कर्म, बाल अपराध, महिला अत्याचार आदि की घटनाओं को प्राथमिकता एवं गंभीरता से लें .ऐसे मामलों में मीडिया को वास्तविक स्थिति से तुरंत अवगत कराएं, ताकि कानून-व्यवस्था की स्थिति नहीं बिगडे़. पुलिस मुख्यालय और जिलों की सोशल मीडिया टीमों के बीच प्रभावी समन्वय हो.

पढ़ें. कृषि विपणन विभाग की समीक्षा बैठक : किसानों को जागरूक कर मंडियों में ई-पेमेंट को बढ़ावा दें : CM गहलोत

छुआछूत की घटनाओं को कड़ाई से रोकेंः गहलोत ने कहा कि आज के समय में भी छुआछूत और दबंगों की ओर से बिंदोरी के दौरान दूल्हे को घोड़ी से उतारने जैसी घटनाएं मानवता पर कलंक हैं. इन घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस विशेष प्रयास करे. गंभीर घटनाओं में नियमानुसार पीड़ित को प्रतिकर स्कीम में तत्काल सहायता उपलब्ध करवाएं.

उन्होंने ठगी, ड्रग्स और नशीली दवाइयों के अवैध कारोबार तथा विभिन्न गिरोहों की ओर से संगठित अपराधों सहित अन्य मामलों में भी प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस कार्मिक विषम और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अपनी ड्यूटी को अंजाम देते हैं . ऐसे में पदोन्नति सहित अन्य सेवा लाभ समय पर मिलने से उनका मनोबल बढ़ता है. जिला पुलिस अधीक्षक यह सुनिश्चित करें कि पुलिस कार्मिकों को पदोन्नति समय पर मिले और लापरवाह और भ्रष्ट कार्मिकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करें.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.