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JLF का दूसरा दिन: अर्थशास्त्री अरुण कुमार बोले- कोरोना के बाद अर्थव्यवस्था का सरकारी आंकड़ों से सही अनुमान लगाना मुश्किल

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के दूसरे दिन शनिवार को दिनभर में 20 सेशन हुए, जिनमें 50 स्पीकर्स ने अपनी बात रखी. जाने-माने अर्थशास्त्री प्रो. अरुण कुमार ने 'अर्थ से अनर्थ : पटरी से उतरी अर्थव्यवस्था' सेशन में देश की अर्थव्यवस्था के हालात पर चिंता जताई. शनिवार के कार्यक्रमों का आगाज कुमाऊं और गढ़वाली संगीत के साथ हुआ.

Second day of Jaipur Literature Festival,  Jaipur Literature Festival
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का दूसरा दिन
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Published : Feb 20, 2021, 5:18 PM IST

Updated : Feb 20, 2021, 5:59 PM IST

जयपुर. 'शब्दों और साहित्य का उत्सव' जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का दूसरा दिन शनिवार को फिल्म पर चर्चा से शुरू हुआ. इसके बाद विभिन्न सत्रों में कुकिंग, दंगे, लाइफ स्टाइल और साहित्य पर चर्चा हुई. शनिवार को दिनभर कुल 20 वर्चुअल सेशन हुए, जिसमें 50 स्पीकर्स ने अपनी बात रखी.

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का दूसरा दिन

पढ़ें- लोक संगीत वह पत्थर है जो बेहद तराशा हुआ है, यह बार-बार सुनने से पुराना नहीं पड़ता: प्रसून जोशी

'अर्थ का अनर्थ : पटरी से उतरी अर्थव्यवस्था' नाम के एक सेशन में जाने-माने अर्थशास्त्री प्रो. अरुण कुमार ने कहा कि कोरोना के बाद देश की अर्थव्यवस्था ऐसी स्थिति में है जैसी विश्व युद्ध के दौरान भी नहीं होती. उन्होंने कहा कि सरकारी आंकड़ों में बहुत गलतियां होती हैं. उनके आधार पर अर्थव्यवस्था के बारे में सही अनुमान नहीं लगाया जा सकता है.

पढ़ें- जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का आगाज, पहले दिन हुए 19 सेशन

अर्थव्यवस्था पर चर्चा के दौरान प्रो. अरुण कुमार के साथ सीए रघुवीर पूनिया और प्रो. बृजेन्द्र उपाध्याय से सुरेश देमन ने चर्चा की. इस चर्चा के दौरान रघुवीर पूनिया ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी पहले ही अर्थव्यवस्था को पटरी से उतार चुके थे. इसके बाद कोरोना ने भी अर्थव्यवस्था पर कहर बरपाया. उनका यह भी मानना है कि सेंसेक्स से अर्थव्यवस्था को भी नहीं मापा जा सकता है. इस दौरान प्रो. बृजेन्द्र उपाध्याय ने विश्व बैंक के आंकड़ों पर चर्चा करते हुए पिछले दिनों आए बजट पर अपनी राय दी.

पढ़ें- जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2021: शुक्रवार से वर्चुअल प्लेटफार्म पर शुरू होगा ' साहित्य का महाकुंभ'

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के दूसरे दिन का आगाज पहाड़ी लोकगीतों के साथ हुआ. हिमाली मोऊ लोक संगीत के कलाकारों ने शानदार प्रस्तुति दी. बता दें कि यह जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का 14वां संस्करण है, लेकिन महामारी कोविड-19 के कारण इस साल जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल पहली बार वर्चुअल मोड पर हो रहा है.

यह भी पढ़ें- जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल 2021: शुक्रवार से वर्चुअल प्लेटफार्म पर शुरू होगा ' साहित्य का महाकुंभ'

यह भी पढ़ें- Jaipur Literature Festival 2021: साहित्य के महाकुंभ का आगाज, आज प्रियंका का सेशन होगा खास

जयपुर. 'शब्दों और साहित्य का उत्सव' जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का दूसरा दिन शनिवार को फिल्म पर चर्चा से शुरू हुआ. इसके बाद विभिन्न सत्रों में कुकिंग, दंगे, लाइफ स्टाइल और साहित्य पर चर्चा हुई. शनिवार को दिनभर कुल 20 वर्चुअल सेशन हुए, जिसमें 50 स्पीकर्स ने अपनी बात रखी.

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का दूसरा दिन

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'अर्थ का अनर्थ : पटरी से उतरी अर्थव्यवस्था' नाम के एक सेशन में जाने-माने अर्थशास्त्री प्रो. अरुण कुमार ने कहा कि कोरोना के बाद देश की अर्थव्यवस्था ऐसी स्थिति में है जैसी विश्व युद्ध के दौरान भी नहीं होती. उन्होंने कहा कि सरकारी आंकड़ों में बहुत गलतियां होती हैं. उनके आधार पर अर्थव्यवस्था के बारे में सही अनुमान नहीं लगाया जा सकता है.

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अर्थव्यवस्था पर चर्चा के दौरान प्रो. अरुण कुमार के साथ सीए रघुवीर पूनिया और प्रो. बृजेन्द्र उपाध्याय से सुरेश देमन ने चर्चा की. इस चर्चा के दौरान रघुवीर पूनिया ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी पहले ही अर्थव्यवस्था को पटरी से उतार चुके थे. इसके बाद कोरोना ने भी अर्थव्यवस्था पर कहर बरपाया. उनका यह भी मानना है कि सेंसेक्स से अर्थव्यवस्था को भी नहीं मापा जा सकता है. इस दौरान प्रो. बृजेन्द्र उपाध्याय ने विश्व बैंक के आंकड़ों पर चर्चा करते हुए पिछले दिनों आए बजट पर अपनी राय दी.

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जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के दूसरे दिन का आगाज पहाड़ी लोकगीतों के साथ हुआ. हिमाली मोऊ लोक संगीत के कलाकारों ने शानदार प्रस्तुति दी. बता दें कि यह जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का 14वां संस्करण है, लेकिन महामारी कोविड-19 के कारण इस साल जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल पहली बार वर्चुअल मोड पर हो रहा है.

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Last Updated : Feb 20, 2021, 5:59 PM IST
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