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Exclusive: राजस्थान यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार और प्रोफेसर्स में हाथापाई - राजस्थान विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार और प्रोफेसर्स के बीच हाथापाई

राजस्थान यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार और प्रोफेसरों के बुधवार को हाथापाई हो गई. 2 साल पहले लगाए गए असिस्टेंट और एसोसिएट प्रोफेसर प्रोबेशन पीरियड को विरोध कर रहे थे. इस दौरान प्रोफेसर्स और रजिस्ट्रार के बीच हाथापाई शुरू हो गई.

rajasthan university,  fight between registrar and professors
राजस्थान यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार और प्रोफेसर्स में हाथापाई
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Published : Oct 14, 2020, 8:13 PM IST

Updated : Oct 21, 2020, 9:56 AM IST

जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में बुधवार को रजिस्ट्रार और प्रोफेसर्स के बीच हाथापाई देखने को मिली. मामला 2 साल पहले लगाए गए असिस्टेंट और एसोसिएट प्रोफेसर के प्रोबेशन पीरियड को बढ़ाने का था. जहां कुलपति सचिवालय के बाहर सिंडिकेट सदस्य को लेने आए रजिस्ट्रार को शिक्षकों द्वारा रोके जाने पर रजिस्ट्रार ने हाथ उठाया. जिसके बाद प्रोफेसर्स और रजिस्ट्रार के बीच हाथापाई शुरू हो गई.

क्या है पूरा मामला

कुलपति सचिवालय के बाहर बुधवार को 2 साल पहले लगाए गए एसोसिएट और असिस्टेंट प्रोफेसर नियमितीकरण की मांग को लेकर धरना दे रहे थे. दौरान शिक्षकों ने सिंडिकेट सदस्य राम लखन सिंह को भी रोके रखा. जिन्हें लेने के लिए बाहर आए रजिस्ट्रार और प्रोफेसर्स आमने-सामने हो गए. कुलपति से वार्ता कर रहे प्रोफेसर्स ने रजिस्ट्रार द्वारा सिंडिकेट सदस्य को अंदर ले जाने से रोकने पर, रजिस्ट्रार ने शिक्षकों पर हाथ उठा दिया.

रजिस्ट्रार और प्रोफेसर्स के बीच हाथापाई

पढ़ें: लक्ष्मी विलास होटल मामला: अरुण शौरी ने पेश किए जमानत मुचलके, कोर्ट से निकलकर कहा- सभी आरोप बेबुनियादी

ऐसे में गुस्साए शिक्षकों ने रजिस्ट्रार का हाथ पकड़ लिया. जिसके बाद शिक्षकों और रजिस्ट्रार के बीच हाथापाई शुरू हो गई. आरोप है कि रजिस्ट्रार हरफूल सिंह ने बचाव में महिला शिक्षकों को भी धक्का दे डाला. यही नहीं सीनेट सदस्य विनोद शर्मा के तमाचा तक जड़ दिया. इस दौरान कुलपति भी दरवाजे के अंदर से यह पूरा नजारा देखते रहे. हालांकि बाद में उन्होंने बाहर निकल मामला शांत कराने की कोशिश की. उधर, शिक्षकों ने रजिस्ट्रार की शिकायत सीएम और राज्यपाल से करने और हाथापाई करने के चलते पुलिस थाने में FIR दर्ज कराने की बात कही है.

आपको बता दें कि साल 2018 में राजस्थान विश्वविद्यालय में एसोसिएट और असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर भर्ती की गई थी. जिनमें 147 शिक्षकों को नियुक्ति दी गई. लेकिन मई 2020 में इन शिक्षकों का प्रोबेशन पीरियड पूरा होने के बाद भी स्थायीकरण नहीं किया गया. शिक्षक अपने स्थायीकरण और वेतन नियमितीकरण की मांग को लेकर लगातार यूनिवर्सिटी प्रशासन के चक्कर काट रहे हैं. वहीं, बीते दिनों सिंडिकेट की बैठक में इन शिक्षकों पर एक तरफा फैसला लेते हुए प्रोबेशन पीरियड 6 महीने और बढ़ा दिया गया. साथ ही एक कमेटी का भी गठन किया गया, जिसमें नियुक्त हुए शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच की बात कही गई. जिसके चलते शिक्षकों में आक्रोश है.

जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में बुधवार को रजिस्ट्रार और प्रोफेसर्स के बीच हाथापाई देखने को मिली. मामला 2 साल पहले लगाए गए असिस्टेंट और एसोसिएट प्रोफेसर के प्रोबेशन पीरियड को बढ़ाने का था. जहां कुलपति सचिवालय के बाहर सिंडिकेट सदस्य को लेने आए रजिस्ट्रार को शिक्षकों द्वारा रोके जाने पर रजिस्ट्रार ने हाथ उठाया. जिसके बाद प्रोफेसर्स और रजिस्ट्रार के बीच हाथापाई शुरू हो गई.

क्या है पूरा मामला

कुलपति सचिवालय के बाहर बुधवार को 2 साल पहले लगाए गए एसोसिएट और असिस्टेंट प्रोफेसर नियमितीकरण की मांग को लेकर धरना दे रहे थे. दौरान शिक्षकों ने सिंडिकेट सदस्य राम लखन सिंह को भी रोके रखा. जिन्हें लेने के लिए बाहर आए रजिस्ट्रार और प्रोफेसर्स आमने-सामने हो गए. कुलपति से वार्ता कर रहे प्रोफेसर्स ने रजिस्ट्रार द्वारा सिंडिकेट सदस्य को अंदर ले जाने से रोकने पर, रजिस्ट्रार ने शिक्षकों पर हाथ उठा दिया.

रजिस्ट्रार और प्रोफेसर्स के बीच हाथापाई

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ऐसे में गुस्साए शिक्षकों ने रजिस्ट्रार का हाथ पकड़ लिया. जिसके बाद शिक्षकों और रजिस्ट्रार के बीच हाथापाई शुरू हो गई. आरोप है कि रजिस्ट्रार हरफूल सिंह ने बचाव में महिला शिक्षकों को भी धक्का दे डाला. यही नहीं सीनेट सदस्य विनोद शर्मा के तमाचा तक जड़ दिया. इस दौरान कुलपति भी दरवाजे के अंदर से यह पूरा नजारा देखते रहे. हालांकि बाद में उन्होंने बाहर निकल मामला शांत कराने की कोशिश की. उधर, शिक्षकों ने रजिस्ट्रार की शिकायत सीएम और राज्यपाल से करने और हाथापाई करने के चलते पुलिस थाने में FIR दर्ज कराने की बात कही है.

आपको बता दें कि साल 2018 में राजस्थान विश्वविद्यालय में एसोसिएट और असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर भर्ती की गई थी. जिनमें 147 शिक्षकों को नियुक्ति दी गई. लेकिन मई 2020 में इन शिक्षकों का प्रोबेशन पीरियड पूरा होने के बाद भी स्थायीकरण नहीं किया गया. शिक्षक अपने स्थायीकरण और वेतन नियमितीकरण की मांग को लेकर लगातार यूनिवर्सिटी प्रशासन के चक्कर काट रहे हैं. वहीं, बीते दिनों सिंडिकेट की बैठक में इन शिक्षकों पर एक तरफा फैसला लेते हुए प्रोबेशन पीरियड 6 महीने और बढ़ा दिया गया. साथ ही एक कमेटी का भी गठन किया गया, जिसमें नियुक्त हुए शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच की बात कही गई. जिसके चलते शिक्षकों में आक्रोश है.

Last Updated : Oct 21, 2020, 9:56 AM IST
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