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कोरोना की आड़ में SC-ST विधायकों के साथ किया जा रहा भेदभाव : रमेश मीणा

पूर्व मंत्री रमेश मीणा ने विधानसभा में कोरोना की आड़ में एससी-एसटी के विधायकों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि एससी-एसटी के सत्ता में 50 से ऊपर विधायक हैं, उसके बावजूद हमारे अधिकार छीने जा रहे हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाए हैं कि पहली बार बैठे विधायकों को पूरी सुविधाएं मिल रही हैं, जबकि जो विधायक बार-बार जीते हैं, उन्हें बिना सुविधाओं की सीट पर बैठाया जा रहा है.

minister ramesh meena
पूर्व मंत्री रमेश मीणा
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Published : Mar 11, 2021, 9:37 AM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में एससी-एसटी विधायकों को बिना माइक की सीटों पर बैठाने का मुद्दा कल यानी बुधवार को विधानसभा में छाया रहा. इस मामले में रमेश मीणा ने कहा कि मुख्य सचेतक से उन्होंने पहले ही कह दिया था कि उन्हें माइक वाली सीट दी जाए या फिर हमें पीछे बैठा दिया जाए, ताकि वह अपनी बात आसानी से रख दें. एक दिन पहले भी उन्होंने सवाल लगाया था, लेकिन माइक नहीं होने के चलते ही वह सवाल पूछने नहीं आए.

पूर्व मंत्री रमेश मीणा...

दरअसल, रमेश मीणा ने असली सवाल यह उठा दिया है कि विधानसभा में जो सीटों का बंटवारा हुआ है उसमें एससी-एसटी और अल्पसंख्यक विधायकों और मंत्रियों को भी बिना माइक की सीटों पर बैठाया गया है. रमेश मीणा ने कहा कि मुझे ही नहीं, बल्कि शेड्यूल कास्ट के दो मंत्री टीकाराम जूली और भजन लाल जाटव को भी इसी तरीके से बैठाया गया है.

पढ़ें : पीपीपी मोड पर पीएचसी का रिन्यू नहीं करेंगे और मेडिकल कॉलेज का निर्माण के साथ लोकार्पण भी हम ही करेंगे: चिकित्सा मंत्री

वहीं, एसटी से आने वाले महेंद्रजीत सिंह मालवीय, अल्पसंख्यक विधायक विधायक अमीन खान, दानिश अबरार और रमेश मीणा को बिना माइक की सीट पर बैठाया जाता है. रमेश मीणा ने यह भी आरोप लगा दिए कि जो पहली बार विधायक हैं उन्हें सही सीट मिल रही है और जो दूसरी और तीसरी बार विधायक हैं उन्हें भी बिना सुविधाओं के बैठाया जा रहा है. रमेश ने नाराजगी में कहा कि ऐसे में कोरोना की आड़ में एससी-सटी के विधायकों के साथ भेदभाव किया जा रहा है. एससी-एसटी के सत्ता में 50 से ऊपर विधायक हैं, उसके बावजूद भी हमारे अधिकार छीने जा रहे हैं

इन दो मंत्रियों के पास नहीं है माइक वाली सीट, दोनों आते हैं एससी-एसटी वर्ग से...

टीकाराम जूली और भजन लाल जाटव

इन विधायकों के पास नहीं है माइक वाली सीट...

महेंद्रजीत सिंह मालवीय, अल्पसंख्यक विधायक विधायक अमीन खान, दानिश अबरार और रमेश मीणा. इनमें से महेंद्रजीत मालवीय और रमेश मीणा एसटी वर्ग से हैं और दानिश अबरार और अमीन खान अल्पसंख्यक विधायक हैं.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में एससी-एसटी विधायकों को बिना माइक की सीटों पर बैठाने का मुद्दा कल यानी बुधवार को विधानसभा में छाया रहा. इस मामले में रमेश मीणा ने कहा कि मुख्य सचेतक से उन्होंने पहले ही कह दिया था कि उन्हें माइक वाली सीट दी जाए या फिर हमें पीछे बैठा दिया जाए, ताकि वह अपनी बात आसानी से रख दें. एक दिन पहले भी उन्होंने सवाल लगाया था, लेकिन माइक नहीं होने के चलते ही वह सवाल पूछने नहीं आए.

पूर्व मंत्री रमेश मीणा...

दरअसल, रमेश मीणा ने असली सवाल यह उठा दिया है कि विधानसभा में जो सीटों का बंटवारा हुआ है उसमें एससी-एसटी और अल्पसंख्यक विधायकों और मंत्रियों को भी बिना माइक की सीटों पर बैठाया गया है. रमेश मीणा ने कहा कि मुझे ही नहीं, बल्कि शेड्यूल कास्ट के दो मंत्री टीकाराम जूली और भजन लाल जाटव को भी इसी तरीके से बैठाया गया है.

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वहीं, एसटी से आने वाले महेंद्रजीत सिंह मालवीय, अल्पसंख्यक विधायक विधायक अमीन खान, दानिश अबरार और रमेश मीणा को बिना माइक की सीट पर बैठाया जाता है. रमेश मीणा ने यह भी आरोप लगा दिए कि जो पहली बार विधायक हैं उन्हें सही सीट मिल रही है और जो दूसरी और तीसरी बार विधायक हैं उन्हें भी बिना सुविधाओं के बैठाया जा रहा है. रमेश ने नाराजगी में कहा कि ऐसे में कोरोना की आड़ में एससी-सटी के विधायकों के साथ भेदभाव किया जा रहा है. एससी-एसटी के सत्ता में 50 से ऊपर विधायक हैं, उसके बावजूद भी हमारे अधिकार छीने जा रहे हैं

इन दो मंत्रियों के पास नहीं है माइक वाली सीट, दोनों आते हैं एससी-एसटी वर्ग से...

टीकाराम जूली और भजन लाल जाटव

इन विधायकों के पास नहीं है माइक वाली सीट...

महेंद्रजीत सिंह मालवीय, अल्पसंख्यक विधायक विधायक अमीन खान, दानिश अबरार और रमेश मीणा. इनमें से महेंद्रजीत मालवीय और रमेश मीणा एसटी वर्ग से हैं और दानिश अबरार और अमीन खान अल्पसंख्यक विधायक हैं.

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