जयपुर. राजस्थान विधानसभा में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने चिकित्सा, सम्पूर्ण किसान कर्जमाफी, कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार, लंबित भर्तियां, बजरी माफिया सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर गहलोत सरकार को घेरा. डॉ पूनिया ने बेरोजगारों और किसानों को लेकर कहा कि राजस्थान में किसान के बाद सबसे पीड़ित कोई तबका है तो वो बेरोजगारों का है.
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि प्रदेश की सरकार वीक और नौजवानों का पेपर लीक है. यही वजह है कि प्रदेश की बेरोजगारी दर बढ़कर 28.2 प्रतिशत हो गई है. इस दौरान उन्होंने 2.50 लाख संविदाकर्मियों को नियमित करने का मुद्दा विधानसभा में उठाया. राजस्थान में कर्जमाफी नहीं होने से आत्महत्या करने वाले किसानों को लेकर भी राज्य सरकार को किसान विरोधी करार दिया.
इस दौरान उन्होंने बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर कहा कि, प्रदेश में महिला अत्याचारों को रोकने में मुख्यमंत्री और गृहमंत्री अशोक गहलोत विफल हैं. इनके शासन में बजरी माफियाओं के हौसले भी बुलंद हैं. आमजन भयभीत है. पूनिया ने कहा कि, मुख्यमंत्री युवा संबल योजना के अंतर्गत लगभग 2.50 लाख बेरोजगार युवाओं को लाभान्वित किया गया है. लेकिन जिनकी संख्या रोजगार कार्यालय में 12 लाख 50 हजार के लगभग है. जिनमें से लगभग 2 लाख 50 हजार बेरोजगारों को ही दिया. बाकी को नहीं मिला.
संविदा कर्मचारियों को लेकर कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में लगभग 2.50 लाख संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था. दो साल से अधिक हो गये परन्तु संविदाकर्मी नियमित करने के लिए मंत्री समूह की कमेटी का गठन किया गया.
अभी तक नियमित नहीं किया गया. इसके अलावा अर्जेंट टेम्पररी डॉक्टर्स, नर्सिंगकर्मी जिनसे राज्य सरकार ने कोरोना कालखंड में सेवा कार्यो के लिए मदद ली उनको बाहर का रास्ता दिखाकर अन्याय किया है. जिनका समाधान सरकार को करना चाहिए.