जयपुर. कर्मचारी चयन आयोग की ओर से 1211 पदों पर जारी शीघ्रलिपिक भर्ती की लिखित परीक्षा में न्यूनतम अंक हासिल करने वाले अभ्यर्थी को शीघ्रलिपिक परीक्षा में मौका देने की मांग अब जोर पकड़ने लगी है. इसको लेकर बेरोजगारों के समर्थन में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र भी लिखा है.
इस पत्र में बताया गया है कि साल 1995 के बाद पहली बार शीघ्रलिपिक भर्ती हो रही है. इसलिए लिखित परीक्षा में न्यूनतम अंक हासिल करने वाले सभी अभ्यर्थियों को शीघ्रलिपिक भर्ती परीक्षा के लिए आमंत्रित किया जाए. उन्होंने पत्र में लिखा है कि साल 2011 की भर्ती परीक्षा पूर्णतः असफल साबित हुई थी, क्योंकि दोषपूर्ण परीक्षा प्रणाली के कारण 90 फीसदी से ज्यादा पद रिक्त रह गए थे. तब 572 पदों के लिए विज्ञप्ति निकाली गई थी और महज 38 अभ्यर्थी ही परीक्षा पास कर पाए थे. इनमें से भी आधे अभ्यर्थी दस्तावेज सत्यापन के दौरान अपात्र घोषित हो गए थे. ऐसे में शीघ्रलिपिक भर्ती 2020 को लेकर भी अभ्यर्थी आशंकित हैं कि कहीं इसका हश्र भी 2011 की भर्ती परीक्षा जैसा न हो जाए.
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बेरोजगारों का यह भी तर्क है कि 1211 पदों के लिए आयोजित लिखित परीक्षा में 1,29,453 अभ्यर्थी पंजीकृत थे, लेकिन इनमें से 53,373 अभ्यर्थी ही परीक्षा में उपस्थित हुए थे. अब शीघ्रलिपि परीक्षा में भी उपस्थिति 40 फीसदी या इससे कम रहने की उम्मीद है. इसलिए अब लगातार यह मांग तेज हो रही है कि लिखित परीक्षा में न्यूनतम अंक हासिल करने वाले अभ्यर्थियों को शीघ्रलिपिक परीक्षा के लिए आमंत्रित किया जाए, ताकि पद भरे जा सकें.