जयपुर. नागरिकता संशोधन कानून को लेकर कांग्रेस और भाजपा में बवाल मचा हुआ है. कांग्रेस जहां इस कानून का विरोध कर रही है, वहीं भाजपा इसके समर्थन में है. इसी बवाल के बीच भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस विरोध इसलिए कर रही ताकि कहीं हिंदुस्तान के लोग सोनिया गांधी की नागरिकता पर ही प्रश्नचिन्ह न लगा दें. हालांकि उन्होंने यह बात सोशल मीडिया को आधार बनकर कही.
सहकार भवन के पास खाली मैदान में विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव लाने के विरुद्ध विस्थापितों के धरने को संबोधित करते हुए सतीश पूनिया ने यह बात कही. धरने को संबोधित करते हुए सतीश पूनिया ने कहा कि हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का सीएए कानून को लेकर अभिनंदन करना चाहिए. ऐसे लोगों को अपनी सरजमीं पर इज्जत दी, जिन को प्रताड़ित किया गया था. हालांकि वह प्रताड़ना मानवाधिकार के दायरे में नहीं आती.
पूनिया ने कांग्रेस पर भी हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस ने 50 साल तक गफलत की राजनीति की. उन्होंने कहा कि कोई भी अंधा व्यक्ति बता देगा कि जो कानून लोकसभा और राज्यसभा में पास हो गया है. वह देश में लागू होगा. कांग्रेस केवल पाखंड करती है और कल सीएए के विरोध में प्रस्ताव लाकर प्रखंड का काम करेगी. 28 जनवरी को राहुल गांधी को रिपोर्ट करनी है, इसलिए यह विधानसभा सत्र बुलाया गया.
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उन्होंने कहा कि अभी सरकार सत्ता के दंभ में कुछ नहीं सुन पा रही, लेकिन जब पीड़ित माताएं और बहनें गहलोत से सवाल करेंगी तो गहलोत कोई जवाब नहीं दे पाएंगे. उन्होंने कहा कि हम प्रस्ताव का विरोध करेंगे और सरकार को सदन में घुटने टेकने पर मजबूर कर देंगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस मनमोहन सिंह की इज्जत नहीं करते. 2003 में मनमोहन सिंह ने भी विस्थापितों को नागरिकता देने की मांग की थी. 2009 में गहलोत सरकार ने भी तत्कालीन गृहमंत्री चिदंबरम को विस्थापितों को नागरिकता देने के लिए चिट्ठी लिखी थी. कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में भी विस्थापित को नागरिकता देने की घोषणा की है.