जयपुर. जोधपुर के शेरगढ़ क्षेत्र के सेतरावा अस्पताल में महिलाओं की नसबंदी में बरती गई लापरवाही पर प्रदेश की गहलोत सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि जो तस्वीर सामने आ रही है, वह सुबे की मुखिया के गृह जिले से है. इस तरह की तस्वीरें डरा रही हैं. प्रदेश सरकार, जनता की रक्षक बनने, भक्षक नहीं.
सवाल, तीसरी लहर के लिए अस्तपताल किताना तैयार?
दरअसल, पिछले दिनों जनसंख्या नियंत्रण और परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत जोधपुर के शेरगढ़ क्षेत्र के सेतरावा अस्पताल में महिलाओं का नसबंदी शिविर लगाया गया था. डॉ. टीआर गहलोत की टीम ने 60 महिलाओं की दूरबीन पद्धति से नसबंदी की. इस दौरान बेड और अन्य सुविधाएं नहीं होने से महिलाओं को फर्श पर ही सुलाया गया. ऐसे में सवाल उठता है कि कोरोना की तीसरी लहर के लिए अस्पताल कितना तैयार है.
तस्वीरें सामने आईं तो विपक्ष में बैठी बीजेपी को मिला मुद्दा
गहलोत सरकार को घेरने का एक और मुद्दा मिल गया. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने ट्वीट के जरिए प्रदेश की गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के गृह जिले की यह तस्वीर भयावह है. कोविड की दूसरी लहर अभी समाप्त नहीं हुई है और 60 महिलाओं की नसबंदी में ऐसी जघन्य लापरवाही, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बाहर निकलिए, देखिए हालात को, प्रदेश की जनता के रक्षक बनिए, भक्षक नहीं.
राजस्थान में तीन प्रकार की मौतें हुईंः राम लाल शर्मा
भाजपा प्रदेश मुख्य प्रवक्ता और विधायक रामलाल शर्मा ने राजस्थान सरकार को कोविड से हुई मौतों पर कोविड जांच के अभाव में सरकार की ओर से दी जाने वाली सहायता राशि से वंचित रहने वाले परिवारों को भी शामिल करने का सुझाव दिया है. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार बड़ी-बड़ी घोषणा इस बात की करती है कि कोविड के दौरान जिनके माता-पिता की मृत्यु हुई, उन परिवारों को हम सहायता राशि उपलब्ध करवाने का काम करेंगे, लेकिन वास्तविकता देखें तो राजस्थान में तीन प्रकार की मौतें हुई हैं.
- पहली मौत वह, जो मरीज कोविड के उपरांत क्वॉरेंटाइन हो गए और क्वॉरेंटाइन होने के उपरांत कोविड-19 की जांच नहीं करवाये और उनकी मौत हो गई.
- दूसरे कुछ मरीज ऐसे भी हैं जो अस्पतालों में तो पहुंचे, लेकिन कोविड टेस्ट नहीं करवाया और कोविड के लक्षणों के ऊपर उनका इलाज होता रहा और अस्पताल में उनकी मौत हो गई.
- तीसरी मौत वह है जो कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट के आधार पर हॉस्पिटल में एडमिट हुए थे और उनकी मौत हुई है.
कोरोना से मरने वालों की सूची तैयार करे सरकारः रामलाल शर्मा
ऐसे में सरकार कम से कम यह तो सूची तैयार करे कि वास्तविकता के अंदर कोविड के दौरान कितने लोगों की मौत हुई है. अब सरकार सिर्फ ये करे कि जिसने कोविड टेस्ट करवाया और जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव है, हम उनको सहायता देंगे तो मेरे ख्याल से राजस्थान के अंदर बहुत बड़ा हिस्सा ऐसा है जो कोविड के लक्षणों के आधार पर कोविड की वजह से ही मृत्यु हुई है, लेकिन टेस्ट नहीं होने की वजह से वो सरकार की सहायता से वंचित रहेंगे.
कोरोना से मरने वाले परिवारों को सहायता मिलनी चाहिएः रामलाल शर्मा
मैं चाहूंगा कि कम से कम सरकार की जो एजेंसियां हैं, जिसमें चाहे ग्राम पंचायत सचिव हो, चाहे पटवारी हो या अन्य एजेंसियां हों, उनसे जांच करवाकर और वास्तविकता में कोविड के दौरान जिनकी मृत्यु हुई है, उनको सरकार की सहायता मिलनी चाहिए.