ETV Bharat / city

घनश्याम तिवारी और मानवेंद्र सिंह की घर वापसी की सुगबुगाहट के बीच क्या बोले सतीश पूनिया, सुनिए - भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया

पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा से दूर हुए घनश्याम तिवारी और मानवेंद्र सिंह जैसे नेताओं की घर वापसी की सुगबुगाहट एक बार फिर राजनीतिक गलियारों में शुरू हो गई है. इन चर्चाओं में कितना दम है यह अलग बात है, लेकिन इस बीच पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी इससे इनकार नहीं किया. लेकिन साथ में ये भी कहा कि इसमें फिलहाल परिपक्वता कम ही है.

jaipur news, etv bharat hindi news
घनश्याम तिवारी और मानवेंद्र सिंह की घर वापसी पर सियासत
author img

By

Published : Aug 25, 2020, 5:34 PM IST

Updated : Aug 25, 2020, 7:44 PM IST

जयपुर. धुंआ वहीं निकलता है जहां चिंगारी होती है और राजस्थान भाजपा नेताओं में तिवारी की घर वापसी को लेकर कुछ ना कुछ चिंगारी सुलग रही है. पिछले दिनों सतीश पूनिया ने अपने बयानों के जरिए इस बात के संकेत भी दिए थे.

घनश्याम तिवारी और मानवेंद्र सिंह की घर वापसी पर सियासत

लेकिन फिर ये मामला ठंडे बस्ते में चला गया. अब फिर भाजपा के गलियारों में इस बात की चर्चा शुरू हो गई कि घनश्याम तिवारी सहित कुछ नेताओं की भाजपा में वापसी हो सकती है. भाजपा नेता और पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष ज्ञानदेव आहूजा ने तो यह तक कह दिया कि तिवारी मुझसे, प्रदेश नेतृत्व से और केंद्रीय नेतृत्व से लगातार संपर्क में है.

आहूजा ने यह बयान देकर तिवारी की घर वापसी की अटकलों को बल दिया. लेकिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी इससे साफ तौर पर इनकार नहीं करते. पूनिया से जब इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि राजनीति में यह सब अननेचुरल नहीं है. लेकिन फिलहाल यह चर्चा मात्र है और इसमें परिपक्वता कम है. उन्होंने कहा कि इस तरह की परिस्थितियां अपवाद स्वरूप नहीं कही जा सकती.

पढ़ेंः जनसंख्या नियंत्रण कानून के लिए भाजपा ने छेड़ी मुहिम, आहूजा ने की 'हम दो, हमारे दो' की पैरवी

क्योंकि पार्टियों में अक्सर ये सब उत्पन्न होता है कि जो अलग होता है उनमें से कुछ वापस भी आते है. पूनिया के अनुसार राजनीति और समाज में काम करने वाले इन नेताओं की अलग अलग अहमियत और दर्जा है. लेकिन यह काम तो पार्टी का है. क्योंकि राजनीति में गुण अवगुण और परिस्थितियों को देखकर ही निर्णय लिया जाता है.

पढ़ेंः राजस्थान : अजय माकन कार्यकर्ताओं से लेंगे फीडबैक, तैयार किया जा रहा कार्यक्रम

बताया जा रहा है की प्रदेश भाजपा में संघ निष्ठा नेताओं का एक धड़ा चाहता है कि घनश्याम तिवारी और मानवेंद्र सिंह की वापसी हो जाए और इसी कोशिश में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राज्य का विरोधी खेमा भी जुड़ा हुआ है. लेकिन तिवारी विरोधी खेमे से जुड़े कुछ नेता घनश्याम तिवारी के विवादित बयानों की फाइल तैयार करने में जुट गए हैं. जो तिवारी ने पूर्व में मोदी और शाह के खिलाफ दिए थे. मतलब साफ है इन चर्चाओं को पंख कब और किस तरह लगेंगे ये फिलहाल समय की गर्भ में है.

जयपुर. धुंआ वहीं निकलता है जहां चिंगारी होती है और राजस्थान भाजपा नेताओं में तिवारी की घर वापसी को लेकर कुछ ना कुछ चिंगारी सुलग रही है. पिछले दिनों सतीश पूनिया ने अपने बयानों के जरिए इस बात के संकेत भी दिए थे.

घनश्याम तिवारी और मानवेंद्र सिंह की घर वापसी पर सियासत

लेकिन फिर ये मामला ठंडे बस्ते में चला गया. अब फिर भाजपा के गलियारों में इस बात की चर्चा शुरू हो गई कि घनश्याम तिवारी सहित कुछ नेताओं की भाजपा में वापसी हो सकती है. भाजपा नेता और पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष ज्ञानदेव आहूजा ने तो यह तक कह दिया कि तिवारी मुझसे, प्रदेश नेतृत्व से और केंद्रीय नेतृत्व से लगातार संपर्क में है.

आहूजा ने यह बयान देकर तिवारी की घर वापसी की अटकलों को बल दिया. लेकिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी इससे साफ तौर पर इनकार नहीं करते. पूनिया से जब इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि राजनीति में यह सब अननेचुरल नहीं है. लेकिन फिलहाल यह चर्चा मात्र है और इसमें परिपक्वता कम है. उन्होंने कहा कि इस तरह की परिस्थितियां अपवाद स्वरूप नहीं कही जा सकती.

पढ़ेंः जनसंख्या नियंत्रण कानून के लिए भाजपा ने छेड़ी मुहिम, आहूजा ने की 'हम दो, हमारे दो' की पैरवी

क्योंकि पार्टियों में अक्सर ये सब उत्पन्न होता है कि जो अलग होता है उनमें से कुछ वापस भी आते है. पूनिया के अनुसार राजनीति और समाज में काम करने वाले इन नेताओं की अलग अलग अहमियत और दर्जा है. लेकिन यह काम तो पार्टी का है. क्योंकि राजनीति में गुण अवगुण और परिस्थितियों को देखकर ही निर्णय लिया जाता है.

पढ़ेंः राजस्थान : अजय माकन कार्यकर्ताओं से लेंगे फीडबैक, तैयार किया जा रहा कार्यक्रम

बताया जा रहा है की प्रदेश भाजपा में संघ निष्ठा नेताओं का एक धड़ा चाहता है कि घनश्याम तिवारी और मानवेंद्र सिंह की वापसी हो जाए और इसी कोशिश में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राज्य का विरोधी खेमा भी जुड़ा हुआ है. लेकिन तिवारी विरोधी खेमे से जुड़े कुछ नेता घनश्याम तिवारी के विवादित बयानों की फाइल तैयार करने में जुट गए हैं. जो तिवारी ने पूर्व में मोदी और शाह के खिलाफ दिए थे. मतलब साफ है इन चर्चाओं को पंख कब और किस तरह लगेंगे ये फिलहाल समय की गर्भ में है.

Last Updated : Aug 25, 2020, 7:44 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.