जयपुर. निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा की ओर से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के खिलाफ लगाए गए विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव को लेकर चल रही खबरों के बीच पूनिया ने साफ कर दिया है कि ना तो इस मामले में उन्हें विधानसभा की ओर से कोई नोटिस मिला है और ना ही विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें तलब किया है. पूनिया ने इस प्रकार की खबरों का न केवल खंडन किया बल्कि ये भी कहा कि जब उन्हें इस बारे में अपना पक्ष रखने के लिए कहा जाएगा, तो वो नियम अनुसार रख देंगे. जयपुर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने ये बात कही.
उन्होंने यह भी कहा कि राज्यसभा चुनाव के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री की ओर से भाजपा पर 35 करोड़ में विधायकों की खरीद-फरोख्त के लगाए आरोपों के जवाब में 23 विधायकों को रिको में जमीन और खान के आवंटन से जुड़ा आरोप लगाया था और जिस दिन मुख्यमंत्री बीजेपी पर लगाए गए आरोपों का सबूत दे देंगे वो भी अपने लगाए गए आरोपों का सबूत सार्वजनिक रूप से सबके सामने रख देंगे.
नहीं बनता पूनिया के खिलाफ विशेषाधिकार हनन: राजेंद्र राठौड़
वहीं, इस मामले पर बोलते हुए उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि सतीश पूनिया के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला बनता ही नहीं है. उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के पास नोटिस जाने पर विशेषाधिकार समिति को भेजा जाता है. लेकिन किसी विधायक का विशेषाधिकार हनन किया हो तभी मामला बनता है. राठौड़ ने कहा कि पूनिया ने अपने आरोपों में किसी भी विधायक का नाम नहीं लिया, ऐसे में मामला बनने की कोई गुंजाइश होती ही नहीं है.