जयपुर. प्रदेश में होने वाले उपचुनाव की तारीखों के ऐलान न होने के बाद भी बीजेपी, चुनावी रण में कूद चुकी है. बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया चूरू के सुजानगढ़ क्षेत्र में कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे. हालांकि, इसको पूनिया का शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है.
पूनिया और उनके समर्थकों का काफिला सबसे पहले चौमूं रोड पर राजावास टोल प्लाजा पर रुका. जहां जयपुर देहात उत्तर के कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया. स्वागत कार्यक्रम में पूनिया को गदा भी दी गई तो साथ ही तलवार भी भेंट की गई. इस दौरान जिला अध्यक्ष जितेंद्र शर्मा और चौमूं विधायक रामलाल शर्मा के साथ ही कई कार्यकर्ता मौजूद रहे. इस दौरान पूनिया ने मंच से ही उप चुनाव का आगाज करते हुए कहा कि पार्टी के कार्यकर्ताओं की मेहनत पर तीनों ही सीटों पर बीजेपी का कमल खिलाएंगे.
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बीजेपी को अजेय और अभेद बनाने के लिए सकारात्मक भूमिका निभाए सभी नेता और कार्यकर्ता : पूनिया
चूंकि उपचुनाव का आगाज है और यह तीनों ही सीटों पर बीजेपी के कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी लगी है. पूनिया यह कहने में भी पीछे नहीं रहे कि न केवल उपचुनाव बल्कि आने वाले विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी अजेय और अभेद बने. इसके लिए पार्टी से जुड़े सभी नेता और कार्यकर्ता सकारात्मक भूमिका निभाएं. बीजेपी के झंडे के नीचे रहकर उसे आगे बढ़ाएं. यहां यह भी जानना बेहद जरूरी है कि इन तीनों ही सीटों पर होने वाले उपचुनाव के परिणाम बहुत कुछ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर सतीश पूनिया का सियासी भविष्य भी तय करेंगे. लिहाजा पूनिया इन उपचुनाव में किसी भी तरह का कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं हैं. इसमें जीत के लिए अपना पूरा पसीना भी बहा रहे हैं.
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वहीं जब सतीश पूनिया से इन उपचुनाव में आरएलपी के भी अपने प्रत्याशी उतारे जाने से जुड़ा सवाल पूछा गया तो पूनिया ने कहा कि बीजेपी बड़ी पार्टी है. इसका संगठन भी मजबूत है. ऐसे में मौजूदा चुनाव में इसका कोई असर बीजेपी पर नहीं पड़ेगा. मतलब साफ है कि आरएलपी गठबंधन में हो या न हो बीजेपी प्रतिदिन दोनों को आईना दिखाने के लिए बेताब है.
फिलहाल, चूरू में बीजेपी के चुनावी आगाज के दौरान स्थानीय नेता भी मौजूद रहेंगे. लेकिन नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया या पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित अन्य प्रमुख नेताओं के सियासी दौरे उपचुनाव के लिए अब तक तय नहीं हुए हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि उप चुनाव क्षेत्रों में जल्द ही पार्टी से जुड़े बड़े नेताओं के दौरे भी तय होंगे. ताकि विधानसभा चुनाव से पहले उपचुनाव में जीत के जरिए प्रदेश बीजेपी नेतृत्व खुद की और पार्टी की मजबूती का लोहा मनवा सके.