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पंचायती राज चुनाव को लेकर सरकार में घबराहट- सतीश पूनिया - प्रदेश सरकार पर कटाक्ष

प्रदेश भाजपा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा है कि हम लोगों ने पंचायती राज चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है. ग्रामीण क्षेत्रों में किसान कर्जमाफी, बेरोजगारी भत्ता और कानून व्यवस्था को लेकर जनता में आक्रोश है और सरकार ने संभाग से लेकर पंचायत स्तर तक समन्वयक और प्रभारी बना दिए हैं जो लगातार पंचायत चुनाव के लिए काम कर रहे हैं.

Panchayati Raj Election, jaipur news, जयपुर न्यूज
पंचायती राज चुनाव
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Published : Dec 29, 2019, 7:58 PM IST

जयपुर. राजधानी में रविवार को अपने निवास पर रविवार को मीडिया से रूबरू होते हुए सतीश पूनिया ने कहा कि पंचायती राज चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है. वहीं उन्होंने कहा कि संभाग से लेकर पंचायत तक भाजपा प्रभारी बनाएगी. उन्होंने कहा पहले ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा की स्थिति ठीक नहीं थी, लेकिन 90 के दशक में तीन स्तरीय व्यवस्था होने से ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा अपनी उपस्थिति करा रही है.

पंचायती राज चुनाव को लेकर सरकार में घबराहट

सतीश पूनिया ने कहा कि पंचायती राज चुनाव में सरकार को इसका प्रत्यक्ष लाभ मिलता है, लेकिन वर्तमान स्थिति में राजनीतिक तौर पर ग्रामीण क्षेत्र में किसान कर्जमाफी, बेरोजगारी भत्ता, कानूनी व्यवस्था को लेकर जनता में आक्रोश देखा जा रहा है. इसके अलावा प्राकृतिक आपदाओं और पश्चिम राजस्थान में टिड्डियों के हमले से भी जनता में आक्रोश फैल रहा है. हम लोगों ने पंचायत राज चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है संभाग और जिला स्तर पर समन्वय और प्रभारी बना दिए गए हैं. पंचायत समिति स्तर पर भी प्रभारी बनाए गए हैं.

पढ़ेंः बीजेपी पंचायत राज चुनाव में दिखाएंगी अपना दम: सतीश पूनिया

बता दें कि उन्होंने यह भी कहा कि पंचायती राज चुनाव को लेकर सरकार में घबराहट देखी जा रही है, जिसका नतीजा है कि अभी सरपंच के चुनाव की तिथियों की घोषणा परंपरा से हटकर सरकार की ओर से की गई है. उन्होंने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग पर सरकार की छाया रहती है. नागरिकता संशोधन कानून से सरकार डरी हुई नहीं होती तो सरकार परंपरा नहीं तोड़ती. पूनिया यह कहने से भी नहीं चूके कि यह भी संभव है कि सरपंचों को राजनीतिक रूप से सरकारी अधिकारी द्वारा प्रताड़ित भी किया जाए. हो सकता है उनको कांग्रेस के सदस्यों के रूप में इस्तेमाल करे. पंचायत समितियों और जिला प्रमुख का चुनाव किस तरह से होगा यह भविष्य के गर्भ में है.

जयपुर. राजधानी में रविवार को अपने निवास पर रविवार को मीडिया से रूबरू होते हुए सतीश पूनिया ने कहा कि पंचायती राज चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है. वहीं उन्होंने कहा कि संभाग से लेकर पंचायत तक भाजपा प्रभारी बनाएगी. उन्होंने कहा पहले ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा की स्थिति ठीक नहीं थी, लेकिन 90 के दशक में तीन स्तरीय व्यवस्था होने से ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा अपनी उपस्थिति करा रही है.

पंचायती राज चुनाव को लेकर सरकार में घबराहट

सतीश पूनिया ने कहा कि पंचायती राज चुनाव में सरकार को इसका प्रत्यक्ष लाभ मिलता है, लेकिन वर्तमान स्थिति में राजनीतिक तौर पर ग्रामीण क्षेत्र में किसान कर्जमाफी, बेरोजगारी भत्ता, कानूनी व्यवस्था को लेकर जनता में आक्रोश देखा जा रहा है. इसके अलावा प्राकृतिक आपदाओं और पश्चिम राजस्थान में टिड्डियों के हमले से भी जनता में आक्रोश फैल रहा है. हम लोगों ने पंचायत राज चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है संभाग और जिला स्तर पर समन्वय और प्रभारी बना दिए गए हैं. पंचायत समिति स्तर पर भी प्रभारी बनाए गए हैं.

पढ़ेंः बीजेपी पंचायत राज चुनाव में दिखाएंगी अपना दम: सतीश पूनिया

बता दें कि उन्होंने यह भी कहा कि पंचायती राज चुनाव को लेकर सरकार में घबराहट देखी जा रही है, जिसका नतीजा है कि अभी सरपंच के चुनाव की तिथियों की घोषणा परंपरा से हटकर सरकार की ओर से की गई है. उन्होंने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग पर सरकार की छाया रहती है. नागरिकता संशोधन कानून से सरकार डरी हुई नहीं होती तो सरकार परंपरा नहीं तोड़ती. पूनिया यह कहने से भी नहीं चूके कि यह भी संभव है कि सरपंचों को राजनीतिक रूप से सरकारी अधिकारी द्वारा प्रताड़ित भी किया जाए. हो सकता है उनको कांग्रेस के सदस्यों के रूप में इस्तेमाल करे. पंचायत समितियों और जिला प्रमुख का चुनाव किस तरह से होगा यह भविष्य के गर्भ में है.

Intro:जयपुर। प्रदेश भाजपा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा है कि हम लोगों ने पंचायती राज चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी है। ग्रामीण क्षेत्रों में किसान कर्ज माफी, बेरोजगारी भत्ता और कानून व्यवस्था को लेकर जनता में आक्रोश है और सरकार ने संभाग से लेकर पंचायत स्तर तक समन्वयक व प्रभारी बना दिए हैं जो लगातार पंचायत चुनाव के लिए काम कर रहे हैं।


Body:अपने निवास पर रविवार को मीडिया से रूबरू होते हुए सतीश पूनिया ने यह बात कही। उन्होंने कहा पहले ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा की स्थिति ठीक नहीं थी लेकिन 90 के दशक में तीन स्तरीय व्यवस्था होने से ग्रामीण क्षेत्रों में भाजपा अपनी उपस्थिति करा रही है।
सतीश पूनिया ने कहा कि पंचायती राज चुनाव में सरकार को इसका प्रत्यक्ष लाभ मिलता है लेकिन वर्तमान स्थिति में राजनीतिक तौर पर ग्रामीण क्षेत्र में किसान कर्ज माफी, बेरोजगारी भत्ता, कानूनी व्यवस्था को लेकर जनता में आक्रोश देखा जा रहा है। इसके अलावा प्राकृतिक आपदाओं और पश्चिम राजस्थान में टिड्डियों के हमले से भी जनता में आक्रोश फैल रहा है।
हम लोगों ने पंचायत राज चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है संभाग और जिला स्तर पर समन्वय और प्रभारी बना दिए गए हैं। पंचायत समिति स्तर पर भी प्रभारी बनाए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पंचायती राज चुनाव को लेकर सरकार में घबराहट देखी जा रही है जिसका नतीजा है कि अभी सरपंच के चुनाव की तिथियों की घोषणा परंपरा से हटकर सरकार की ओर से की गई है उन्होंने यह भी कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग पर सरकार की छाया रहती है। नागरिकता संशोधन कानून से सरकार डरी हुई नहीं होती तो सरकार परंपरा नहीं तोड़ती।। पूनिया यह कहने से भी नहीं चूके कि यह भी संभव है कि सरपंचों को राजनीतिक रूप से सरकारी अधिकारी द्वारा प्रताड़ित भी किया जाए। हो सकता है उनको कांग्रेस के सदस्यों के रूप में इस्तेमाल करे। पंचायत समितियों और जिला प्रमुख का चुनाव किस तरह से होगा यह भविष्य के गर्भ में है। ऐसा लगता है कि कांग्रेस सरपंचों की संख्या बल दर्शाकर जिला परिषद और पंचायत समितियों में अपनी संख्या बढ़ाना चाहती है लेकिन सरकार जिस भी तरीके से चुनाव कराएगी हम उसके लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

बाईट सतीश पूनिया, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष


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