जयपुर. राजस्थान में सियासी संकट को लेकर राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रही हैं. ऑडियो टेप के सामने आने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से इस्तीफा मांगा था. जिसके बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया शेखावत के बचाव में सामने आए और उल्टा मुख्यमंत्री के साथ उनके बेटे वैभव गहलोत और स्पीकर से इस्तीफे की मांग की.
पूनिया ने नैतिकता के आधार पर गहलोत को इस्तीफा देने की बात कही. पूनिया ने कहा कि जिस तरह से वीडियो में उनके सीएम के बेटे और विधानसभा अध्यक्ष की बातचीत सबके सामने आई है, उसके बाद तो सीएम को खुद को और अपने बेटे और विधानसभा अध्यक्ष से इस्तीफा ले लेना चाहिए. पूनिया ने केंद्रीय मंत्री का बचाव करते हुए कहा कि जिस ऑडियो के आधार पर केंद्रीय मंत्री से इस्तीफे की मांग सीएम कर रहे हैं कि उसकी जांच भी पूरी नहीं हुई है. ऐसे में बिना जांच पूरी हुए मुख्यमंत्री इस्तीफा कैसे मांग सकते हैं. सीएम को केंद्रीय मंत्री शेखावत का इस्तीफा मांगने का कोई अधिकार नहीं है.
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सतीश पूनिया ने कहा कि जब घर में पार्टी टूट रही हो तो दूसरी पार्टी को लेकर ज्यादा चिंता नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को चाहिए कि अपने घर की जो दीवार टूट रही है उसे पहले संभाल लें, दूसरों की चिंता ना करें. मुख्यमंत्री की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राज्य पर दिए गए बयान के पलटवार में पूनिया ने कहा कि वसुंधरा राजे की चिंता करने की उन्हें कोई जरूरत नहीं है, वह अपनी खुद की फिक्र करें, वसुंधरा राजे हमेशा पार्टी के साथ हैं. इसलिए उन्हें अपने रूठे हुए लोगों को मनाने की चिंता करनी चाहिए. पूनिया ने सीएम गहलोत पर पलटवार करते हुए कहा कि अगर मुख्यमंत्री अपना अहंकार नहीं रखते तो उनकी पार्टी की हालत ऐसी नहीं होती. राजस्थान में तो कांग्रेस पार्टी टूट गई है, केंद्र में भी पार्टी पूरी तरीके से टूटने वाली है और इसकी जिम्मेदारी प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की होगी.
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दरअसल, विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में कांग्रेस केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत पर आरोप लगा रही है कि वह कांग्रेस के विधायक भंवरलाल शर्मा के साथ मिलकर विधायकों की खरीद-फरोख्त कर रहे थे. इसके बाद मुख्यमंत्री गहलोत ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को लेकर भी कहा था कि बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व राजस्थान की चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिश कर रहा है. लेकिन इस साजिश में प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को साइड लाइन किया जा रहा है.