जयपुर. प्रदेश में भले ही कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा हो, लेकिन सियासी आरोप-प्रत्यारोप का दौर इस कालखंड में अपने चरम पर पहुंच गया है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर पलटवार करते प्रदेश सरकार को हर मोर्चे पर विफल करार दिया है. पूनिया ने यह भी कहा कि यह सरकार अपने बोझ और कर्मों से स्वयं ही गिरेगी.
सतीश पूनिया ने बयान जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री ने जो भाजपा पर नकारात्मक राजनीति करने का आरोप लगाया है वो बेबुनियाद है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा कोरोना प्रबंधन और अपराधों पर लगाम नहीं लगा पाना और प्रदेश को नहीं संभाल पाने की हताशा अब उनके बयानों में साफ तौर पर दिखने लगी है. भाजपा ने कोरोना कालखंड में सेवा के संकल्प के साथ राज्य सरकार के साथ मिलकर कार्य किया और अपने आप को सरकार के सहयोग के लिए प्रस्तुत भी किया है.
उन्होंने अपने बयान में कहा कि गहलोत सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा प्रत्येक जरूरतमंद को दिए जा रहे राशन और चिकित्सा सुविधाओं को जनता तक पहुंचाने में भी राजनीति की. साथ ही राजस्थान ने विगत दिनों में कोरोना का संक्रमण और मौतों का आंकड़ा किस तरीके से बढ़ा है, वो जनता के सामने है. इसलिए मुख्यमंत्री अपनी कमजोरियां छुपाने के लिए इस तरीके की बयान बाजी कर रहे हैं, जबकि हालात यह है कि गहलोत सरकार के चिकित्सा मंत्री खुद कोरोना पॉजिटिव होकर भी आरयूएचएस का दौरा करते हैं और उसके दूसरे ही दिन ऑक्सीजन की कमी से कई मरीज काल कलवित हो जाते हैं. पूनिया के अनुसार ऐसी दर्दनाक घटनाएं राजस्थान की बिगड़ी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खोलती हैं.
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सतीश पूनिया ने कहा कि गहलोत बीजेपी पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाते हैं, जबकि धनबल और बाहुबल से सत्ता बचाने का खेल कांग्रेस की संस्कृति है, जो कि हाल ही में राजस्थान की जनता भी देख चुकी है. भाजपा इस तरह के किसी भी षड्यंत्र में शामिल नहीं थी. यह कांग्रेस के घर का अंदरूनी झगड़ा था क्योंकि उनकी पार्टी का विग्रह था, जिसको कांग्रेस नेतृत्व और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत संभाल नहीं पाए.
महेंद्रजीत सिंह मालवीया का बयान देख लें गहलोत : पूनिया
सतीश पूनिया ने एक ट्वीट के जरिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को उनकी ही पार्टी के विधायक और आदिवासी नेता महेंद्र जीत सिंह मालवीय के बयान की ओर भी ध्यान आकर्षित किया. साथ ही अपने ट्वीट पर उन्होंने एक वीडियो भी पोस्ट किया जिसमें मालवीय आदिवासी क्षेत्र में एक सभा को संबोधित कर रहे हैं. सतीश पूनिया ने अपने बयान में कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत को अपनी पार्टी के आदिवासी नेता महेंद्र जीत सिंह मालवीय का बयान देख लेना चाहिए कि किसने हॉर्स ट्रेडिंग की, किसने प्रलोभन दिया है.
पूनिया ने कहा कि अशोक गहलोत जी "घोड़ा खरीद" या आपके शब्दों में "बकरा मंडी" जो भी आप विधायकों को मानते हो कृपया कर इस पर प्रकाश डालें, क्योंकि यह मेरी बात को पुख्ता करता है कि विधायकों की बाड़ेबंदी के दौरान किस तरीके से प्रलोभन दिया गया और विधायकों के रेट भी आपने 25 करोड़ और 35 करोड़ बताए थे. पूनिया ने कहा कि अब मुख्यमंत्री स्वयं बताएं कि सरकार बचाने के लिए विधायकों के उन्होंने क्या-क्या प्रलोभन दिया ऐसे में आरोप लगाने से पहले मुख्यमंत्री जी यदि अपने गिरेबान में झांक लेंगे तो अच्छा होगा.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने एक बयान जारी कर बीजेपी पर प्रदेश सरकार गिराने का प्रयास करने और नकारात्मक राजनीति करने का आरोप लगाया था. साथ ही गहलोत ने बीजेपी के नेता गुलाब चंद कटारिया अर्जुन राम मेघवाल और अरुण चतुर्वेदी सहित अन्य के उन बयानों को भी इंगित किया था, जिसमें वह प्रदेश सरकार गिरने गिराने से जुड़ा बयान दे रहे थे. मुख्यमंत्री के बयान पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने यह पलटवार किया है.