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भाजपा का 'हल्ला बोल': बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और रामलाल शर्मा ने दी गिरफ्तारी

राजस्थान बीजेपी के हल्ला बोल कार्यक्रम के दौरान धारा 144 के उल्लंघन पर सतीश पूनिया और रामलाल शर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. वहीं प्रदेश में मौजूदा हालातों को लेकर किए जा रहे इस प्रदर्शन में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ गई.

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Published : Oct 5, 2020, 1:41 PM IST

राजस्थान बीजेपी,  BJP Halla Bol program
राजस्थान BJP का हल्ला बोल कार्यक्रम के दौरान पूनिया और रामलाल शर्मा की गिरफ्तारी

जयपुर. प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था और लगातार बढ़ रहे दुष्कर्म के मामलों को लेकर भाजपा की ओर से प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय पर हल्ला बोल कार्यक्रम के तहत विरोध प्रदर्शन किया गया. जयपुर में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया के नेतृत्व में यह विरोध प्रदर्शन हुआ. इस तौरान पुलिस से तीखी नोकझोंक के बाद सतीश पूनिया और रामलाल शर्मा ने अपनी गिरफ्तारी दी.

BJP के हल्ला बोल कार्यक्रम के दौरान पूनिया और रामलाल शर्मा की गिरफ्तारी

भाजपा मुख्यालय से बड़ी संख्या में भाजपा नेता पदाधिकारी और कार्यकर्ता एकत्रित हुए. वहीं लंबे समय से बीमार चल रहे प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर सतीश पूनिया के नेतृत्व में सिविल लाइंस फाटक की तरफ पैदल ही रवाना हुए. हालांकि, सिविलयन फाटक में पहले से पुलिस बल तैनात था और उन्हें मुख्यमंत्री निवास की ओर बढ़ने से रोक दिया गया. इस दौरान कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ तीखी नोकझोंक भी हुई.

यह भी पढ़ें. हाथरस गैंगरेपः राजस्थान के सभी जिलों में कांग्रेस का 'मौन सत्याग्रह'

वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और विधायक रामलाल शर्मा को पुलिस ने हिरासत में भी लिया या ये भी कह सकते हैं कि दोनों ही नेताओं ने स्वयं गिरफ्तारी भी दी लेकिन यहां मौजूद कार्यकर्ताओं ने पुलिस के वाहनों को तकरीबन 20 मिनट तक आगे हिलने तक नहीं दिया. बाद में पुलिस के वाहन पूनिया और रामलाल शर्मा को लेकर निकल पड़े.

बढ़ते क्राइम को लेकर गहलोत सरकार को ठहराया जिम्मेदार

भाजपा के इस विरोध प्रदर्शन में जयपुर शहर से आने वाले कई नेता नदारद दिखे. BJP के कुछ नेता कोविड-19 की चपेट में आए हुए हैं. जिसके चलते यहां नहीं आए. साथ ही कुछ एहतियात के तौर पर इस कार्यक्रम से दूर ही रहे. विधायक कालीचरण सराफ और जयपुर शहर अध्यक्ष राघव शर्मा का कहना है कि जिस प्रकार के हालात प्रदेश में गहलोत सरकार के कार्यकाल में उत्पन्न हुए, उसके बाद आमजन का पुलिस से विश्वास उठ चुका है.

ना चाहते हुए भी धारा 144 का उल्लंघन करना पड़ा: कालीचरण सराफ

विधायक कालीचरण सराफ ने कहा कि प्रदेश में पिछले कुछ महीने का रिकॉर्ड उठाकर देखा जाए तो बलात्कार के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है. राजस्थान में अन्य अपराध भी बहुत तेजी से बढ़े हैं. ऐसे में ना चाहते हुए भी BJP कार्यकर्ताओं को धारा 144 का उल्लंघन करना पड़ा. हालांकि, कालीचरण सराफ खुद पूर्व चिकित्सा मंत्री रह चुके हैं और वे जानते हैं कि कोविड-19 के संक्रमण काल में इस प्रकार का विरोध प्रदर्शन जनहित में नहीं है लेकिन कालीचरण सराफ के बयान पूरी तरह सियासी नजर आए क्योंकि मामला सियासत से जुड़ा था.

उड़ी सोशल डिस्टेंस की धज्जियां

भाजपा जयपुर शहर अध्यक्ष राघव शर्मा ने कहा कि हमने कोविड-19 संक्रमण का पूरा ध्यान रखा और सभी कार्यकर्ताओं ने अपने मुंह पर मास्क लगा रखे हैं लेकिन इस भीड़ में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती नजर आई. सोशल डिस्टेंसिंग से जुड़े सवाल का राघव शर्मा के पास कोई जवाब नहीं था. बस वह लगातार सरकार पर हल्ला बोलते रहे.

यह भी पढ़ें. बारां प्रकरण को लेकर भाजपा पूरे प्रदेश में सोमवार को करेगी विरोध प्रदर्शन

वहीं जब शर्मा से यूपी के हाथरस में हुए कांड के बारे में पूछा गया तो वो उसकी तुलना में राजस्थान में ज्यादा अपराध गिनाने लगे. फिलहाल, इस धरने प्रदर्शन के दौरान राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपकर प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर उनसे हस्तक्षेप करने की मांग की गई.

जयपुर. प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था और लगातार बढ़ रहे दुष्कर्म के मामलों को लेकर भाजपा की ओर से प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय पर हल्ला बोल कार्यक्रम के तहत विरोध प्रदर्शन किया गया. जयपुर में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया के नेतृत्व में यह विरोध प्रदर्शन हुआ. इस तौरान पुलिस से तीखी नोकझोंक के बाद सतीश पूनिया और रामलाल शर्मा ने अपनी गिरफ्तारी दी.

BJP के हल्ला बोल कार्यक्रम के दौरान पूनिया और रामलाल शर्मा की गिरफ्तारी

भाजपा मुख्यालय से बड़ी संख्या में भाजपा नेता पदाधिकारी और कार्यकर्ता एकत्रित हुए. वहीं लंबे समय से बीमार चल रहे प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर सतीश पूनिया के नेतृत्व में सिविल लाइंस फाटक की तरफ पैदल ही रवाना हुए. हालांकि, सिविलयन फाटक में पहले से पुलिस बल तैनात था और उन्हें मुख्यमंत्री निवास की ओर बढ़ने से रोक दिया गया. इस दौरान कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ तीखी नोकझोंक भी हुई.

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वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और विधायक रामलाल शर्मा को पुलिस ने हिरासत में भी लिया या ये भी कह सकते हैं कि दोनों ही नेताओं ने स्वयं गिरफ्तारी भी दी लेकिन यहां मौजूद कार्यकर्ताओं ने पुलिस के वाहनों को तकरीबन 20 मिनट तक आगे हिलने तक नहीं दिया. बाद में पुलिस के वाहन पूनिया और रामलाल शर्मा को लेकर निकल पड़े.

बढ़ते क्राइम को लेकर गहलोत सरकार को ठहराया जिम्मेदार

भाजपा के इस विरोध प्रदर्शन में जयपुर शहर से आने वाले कई नेता नदारद दिखे. BJP के कुछ नेता कोविड-19 की चपेट में आए हुए हैं. जिसके चलते यहां नहीं आए. साथ ही कुछ एहतियात के तौर पर इस कार्यक्रम से दूर ही रहे. विधायक कालीचरण सराफ और जयपुर शहर अध्यक्ष राघव शर्मा का कहना है कि जिस प्रकार के हालात प्रदेश में गहलोत सरकार के कार्यकाल में उत्पन्न हुए, उसके बाद आमजन का पुलिस से विश्वास उठ चुका है.

ना चाहते हुए भी धारा 144 का उल्लंघन करना पड़ा: कालीचरण सराफ

विधायक कालीचरण सराफ ने कहा कि प्रदेश में पिछले कुछ महीने का रिकॉर्ड उठाकर देखा जाए तो बलात्कार के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है. राजस्थान में अन्य अपराध भी बहुत तेजी से बढ़े हैं. ऐसे में ना चाहते हुए भी BJP कार्यकर्ताओं को धारा 144 का उल्लंघन करना पड़ा. हालांकि, कालीचरण सराफ खुद पूर्व चिकित्सा मंत्री रह चुके हैं और वे जानते हैं कि कोविड-19 के संक्रमण काल में इस प्रकार का विरोध प्रदर्शन जनहित में नहीं है लेकिन कालीचरण सराफ के बयान पूरी तरह सियासी नजर आए क्योंकि मामला सियासत से जुड़ा था.

उड़ी सोशल डिस्टेंस की धज्जियां

भाजपा जयपुर शहर अध्यक्ष राघव शर्मा ने कहा कि हमने कोविड-19 संक्रमण का पूरा ध्यान रखा और सभी कार्यकर्ताओं ने अपने मुंह पर मास्क लगा रखे हैं लेकिन इस भीड़ में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती नजर आई. सोशल डिस्टेंसिंग से जुड़े सवाल का राघव शर्मा के पास कोई जवाब नहीं था. बस वह लगातार सरकार पर हल्ला बोलते रहे.

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वहीं जब शर्मा से यूपी के हाथरस में हुए कांड के बारे में पूछा गया तो वो उसकी तुलना में राजस्थान में ज्यादा अपराध गिनाने लगे. फिलहाल, इस धरने प्रदर्शन के दौरान राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपकर प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर उनसे हस्तक्षेप करने की मांग की गई.

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